गोपालगंज: जिला समाहरणालय सभागार में आईसीडीएस से संबंधित जिला अभिसरण कार्य योजना की बैठक की गई. बैठक की अध्यक्षता डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने की. इस दौरान डीएम ने अधिकरियों को कई दिशा- निर्देश दिए. इसके साथ ही एक नई पहल की भी शुरुआत की.
ये भी पढ़ें- पटनाः मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा ने ESIC अस्पताल में बने बायो पैथोलॉजी लैब का किया उद्घाटन
जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की पहल
दरअसल जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आईसीडीएस और जिला प्रशासन प्रयासरत है. इसको लेकर समुदाय स्तर पर जागरुकता अभियान के साथ-साथ तमाम गतिविधियों का आयोजन भी किया जा रहा है. जिले में पोषण पखवाड़ा भी चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने एक नई पहल की शुरुआत की. वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी के अनुरोध पर डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर नल जल योजना के तहत नल की व्यवस्था और एलपीजी गैस सिलेंडर की आपूर्ति के लिए जिला आपूर्ति अधिकारी को प्राधिकृत किया. बैठक में डीएम ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के उपलब्धियों की समीक्षा की और शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने का निर्देश दिया.
![Gopalganj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-gpj-04-meeting-bh10067_31032021190927_3103f_1617197967_533.jpg)
'सभी अधिकारी एक-एक आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेंगे और उसका समुचित विकास करना सुनिश्चित करेंगे. संबधित अधिकारी अपने बच्चों के जन्म दिवस या शादी की सालगिरह आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाएंगे. इससे समाज में सकारात्मकता प्रसार होगा. वहीं, पोषण से संबंधित सभी संबंधित विभागों के आपसी सहयोग से जिले में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में नाटापन, कम वजन और जन्म के समय कम वजन के प्रतिशतता में प्रतिवर्ष 2% की कमी लाने का निर्देश दिया.'- डॉ. नवल किशोर चौधरी, डीएम
पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाये
डीएम ने बताया कि पोषण अभियान 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में कुपोषण को दूर करने, एनीमिया से बच्चों को बचाने के लिए लक्षित रहता है. उन्होंने बच्चों के कुपोषण दर में प्रति वर्ष दो प्रतिशत की कमी और किशोरी और महिलाओं में एनीमिया की दर में प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की कमी लाने का निदेश सभी संबंधित अधिकारी को दिया. डीएम ने बताया कि पोषण अभियान का विषय पोषण से व्यवहार परिवर्तन पर केन्द्रित होकर कार्य करने की जरूरत है.