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'मजदूर और किसान विरोधी है केंद्र सरकार का पारित कानून' - cpi ml supported general strike

बिहारभर में आम हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिला. वहीं, गोपालगंज में भाकपा माले ने स्ट्राइक का समर्थन किया. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार की ताजा खबर
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Published : Nov 26, 2020, 4:35 PM IST

गोपालगंज: ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने मौनिया चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के पारित बिल को मजदूर और किसान विरोधी बिल करार दिया.

गुरुवार को केंद्र सरकार के पारित बिल और अपनी विभिन्न मांगों के खिलाफ ऐक्टू सहित सभी ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल की गई है. इसके समर्थन में भाकपा माले के कार्यकर्ताओ ने सड़क पर उतर कर अपनी आवाज बुलन्द की. जिला कमिटी सदस्य अजातशत्रु ने कहा की बेरोजगारी और रिकाॅर्ड तोड़ महंगाई ने आज मजदूर वर्ग से लेकर मध्यवर्ग सबकी कमर तोड़ दी है. देश के संसाधनों को बेचा जा रहा है, जिसके कारण रोजगार के अवसर लगातार घटते जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किसान विरोधी और मजदूर विरोधी बिल पास किया गया है. हम लोग चाहते है कि सरकार इस काले कानून, किसान और मजदूर विरोधी बिल को वापस ले. उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम मूल्य समर्थन नही देना चाहती है, जिसके कारण पूरे देश के लोगो मे गुस्सा है, लोग आक्रोशित है. सरकार जनवितरण प्रणाली के दुकान को इसी बहाने खत्म करना चाहती है. जिसे हम लोग नहीं होने देंगे। मजदूरों को 8 घंटे के बदले 12 घंटे मजदूरी नहीं करनी दी जाएगी.

गोपालगंज: ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने मौनिया चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के पारित बिल को मजदूर और किसान विरोधी बिल करार दिया.

गुरुवार को केंद्र सरकार के पारित बिल और अपनी विभिन्न मांगों के खिलाफ ऐक्टू सहित सभी ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल की गई है. इसके समर्थन में भाकपा माले के कार्यकर्ताओ ने सड़क पर उतर कर अपनी आवाज बुलन्द की. जिला कमिटी सदस्य अजातशत्रु ने कहा की बेरोजगारी और रिकाॅर्ड तोड़ महंगाई ने आज मजदूर वर्ग से लेकर मध्यवर्ग सबकी कमर तोड़ दी है. देश के संसाधनों को बेचा जा रहा है, जिसके कारण रोजगार के अवसर लगातार घटते जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किसान विरोधी और मजदूर विरोधी बिल पास किया गया है. हम लोग चाहते है कि सरकार इस काले कानून, किसान और मजदूर विरोधी बिल को वापस ले. उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम मूल्य समर्थन नही देना चाहती है, जिसके कारण पूरे देश के लोगो मे गुस्सा है, लोग आक्रोशित है. सरकार जनवितरण प्रणाली के दुकान को इसी बहाने खत्म करना चाहती है. जिसे हम लोग नहीं होने देंगे। मजदूरों को 8 घंटे के बदले 12 घंटे मजदूरी नहीं करनी दी जाएगी.

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