गोपालगंजः अप्रैल माह में पड़ रही प्रचंड गर्मी से सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में गर्मी का रूप क्या होगा. इस प्रचंड गर्मी में पानी का लेयर नीचे ही जा रहा है. वहीं, लोगों की प्यास बुझाने की सरकारी योजना सिर्फ कागजात तक ही सिमट कर रह गई है.
जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों में करीब 37 हजार सरकारी चापाकल लगाए गए थे. जिसमें से अधिकांश देख भाल के अभाव में खराब हो गए. इन खराब चापाकलों से पानी नहीं गिरता है. लेकिन सरकार व विभाग लगातार यह दावा करता है कि लोगों तक शुध्द पेयजल मुहैया कराया जा रहा है.
बदहाल पड़ी सरकारी योजनाएं
वहीं, ईटीवी भारत ने जिले के विभिन्न जगहों का जायजा लिया, जहां कई जगहों पर लगाए गए सरकारी चापाकल काफी दिनों से खराब पड़े मिले. जिस पर शायद विभाग की नजरें नहीं जाती. साथ ही सरकार द्वारा लगाए गए हर घर नल का जल योजना भी बदहाली का दंश झेल रहा है. लोगों को ना ही नल से जल मिल पाता है और ना ही सरकारी चापाकल से.
पूरा नहीं हो सका लक्ष्य
सरकार के निर्देशानुसार गांवों में स्थापित 3177 वार्डो में से करीब दो हजार वार्डो में 3 सालों में योजना पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन अभी तक दो सौ वार्डो में भी लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. चापाकल की मरम्मत नहीं होने और नल का जल योजना की गति धीमी होने से जिले के लोगों को इस साल पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा. जिस वार्ड में चापाकल खराब है और वहां नल जल योजना नहीं पहुंची है वहां तो और भी परेशानी है.
क्या बोले कार्यपालक अभियंता
पीएचईडी विभाग द्वारा करीब 37,752 चापाकल लगाए गए हैं. जिसमे 7089 चापाकल खराब पड़े हैं. शहरी क्षेत्रो में 597 चापाकल लगाए गए हैं, जिसमे 54 खराब हैं, स्थानीय लोग गर्मी के मौसम में प्यास बुझाने के लिए पानी खरीद कर पीने को विवश हैं. इस संदर्भ में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जितने भी खराब चापाकल हैं उनकी मरम्मती का कार्य शुरू हो चुका है. जल्द ही सभी खराब चापाकल ठीक हो जाएंगे.