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गोपालगंजः बाबा दोना नाथ के दर पर होती हैं हर मन्नतें पूरी, लगती है भक्तों की भीड़

भारत भूमि पर आज भी आस्था और विश्वास के प्रतीक के रूप में कुचायकोट प्रखंड के बथना कुट्टी के पास बाबा दोना नाथ शुक्ल का धाम है. यहां पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है.

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Published : Oct 20, 2019, 11:26 PM IST

हर मन्नते पूरी

गोपालगंजः भारत आस्था, विश्वास और धर्म की भूमि है. यहां मूर्तियों से लेकर पत्थरों तक को भगवान के रूप में पूजा जाता है. यही वजह है कि भारत की संस्कृति से प्रभावित होकर विदेशों से भी लोग यहां आध्यात्म के रंग में डूबने के लिए आते हैं.

ऐसी भारत भूमि पर आज भी आस्था और विश्वास के प्रतीक के रूप में कुचायकोट प्रखंड के बथना कुट्टी के पास बाबा दोना नाथ शुक्ल का धाम है. यहां पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है.

बाबा दोना नाथ धाम में मन्नतें होती हैं पूरी
इस धाम पर भक्तों की आस्था देखते बनती है. यहां ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा दोना नाथ से मन्नतें मांगते हैं बाबा उनकी हर मन्नत पूर्ण करते हैं. आस्था विश्वास का केंद्र बना उत्तर प्रदेश और बिहार बॉर्डर पर स्थित बहादुरपुर पुलिस चौकी के समीप एनएच 28 के किनारे बाबा दोना शुक्ल धाम है. इस मंदिर में सोमवार और शुक्रवार को विशेष पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है. भक्तों का मानना है कि बाबा के दरबार में सच्चे दिल से जो भी मन्नत मांगी जाती है. वह जरूर पूरी होती है.

gopalganj
बाबा दोना नाथ

धाम की कई कहानियां हैं प्रचलित
यह स्थान बिहार के गोपालगंज जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर कुचायकोट प्रखण्ड बाथना कुट्टी से डेढ़ किलोमीटर पश्चिम और उत्तर प्रदेश के पूर्व स्थित है. इस धाम के संदर्भ में कई ऐसी कहानियां प्रचलित हैं.

बाबा दोना नाथ के दर पर होती है हर मन्नतें पूरी

दूर-दूर से भक्त आते हैं दर्शन करने
स्थानीय लोगों के माने तो यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं और जो भी सच्चे मन से मन्नतें मांगते हैं उसकी हर मन्नत पूर्ण होती है. स्थानीय लोगों ने कहा कि इसका जीता जागता प्रमाण यह है कि कुछ वर्ष पहले दिल्ली के तत्त्कालीन एसपी अपने पत्नी के साथ इस रास्ते से गुजर रहे थे. जिनकी कोई संतान नहीं थी. तभी एसपी के पत्नी ने बाबा से मन्नतें मांगी की उन्हें सन्तान हो. जिसके बाद उन्हें संतान होने पर उन्होंने पूरे मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण कराया.

गोपालगंजः भारत आस्था, विश्वास और धर्म की भूमि है. यहां मूर्तियों से लेकर पत्थरों तक को भगवान के रूप में पूजा जाता है. यही वजह है कि भारत की संस्कृति से प्रभावित होकर विदेशों से भी लोग यहां आध्यात्म के रंग में डूबने के लिए आते हैं.

ऐसी भारत भूमि पर आज भी आस्था और विश्वास के प्रतीक के रूप में कुचायकोट प्रखंड के बथना कुट्टी के पास बाबा दोना नाथ शुक्ल का धाम है. यहां पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है.

बाबा दोना नाथ धाम में मन्नतें होती हैं पूरी
इस धाम पर भक्तों की आस्था देखते बनती है. यहां ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा दोना नाथ से मन्नतें मांगते हैं बाबा उनकी हर मन्नत पूर्ण करते हैं. आस्था विश्वास का केंद्र बना उत्तर प्रदेश और बिहार बॉर्डर पर स्थित बहादुरपुर पुलिस चौकी के समीप एनएच 28 के किनारे बाबा दोना शुक्ल धाम है. इस मंदिर में सोमवार और शुक्रवार को विशेष पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है. भक्तों का मानना है कि बाबा के दरबार में सच्चे दिल से जो भी मन्नत मांगी जाती है. वह जरूर पूरी होती है.

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बाबा दोना नाथ

धाम की कई कहानियां हैं प्रचलित
यह स्थान बिहार के गोपालगंज जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर कुचायकोट प्रखण्ड बाथना कुट्टी से डेढ़ किलोमीटर पश्चिम और उत्तर प्रदेश के पूर्व स्थित है. इस धाम के संदर्भ में कई ऐसी कहानियां प्रचलित हैं.

बाबा दोना नाथ के दर पर होती है हर मन्नतें पूरी

दूर-दूर से भक्त आते हैं दर्शन करने
स्थानीय लोगों के माने तो यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं और जो भी सच्चे मन से मन्नतें मांगते हैं उसकी हर मन्नत पूर्ण होती है. स्थानीय लोगों ने कहा कि इसका जीता जागता प्रमाण यह है कि कुछ वर्ष पहले दिल्ली के तत्त्कालीन एसपी अपने पत्नी के साथ इस रास्ते से गुजर रहे थे. जिनकी कोई संतान नहीं थी. तभी एसपी के पत्नी ने बाबा से मन्नतें मांगी की उन्हें सन्तान हो. जिसके बाद उन्हें संतान होने पर उन्होंने पूरे मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण कराया.

Intro:भारत आस्था, विश्वास और धर्म की भूमि है। यहां मूर्तियों से लेकर पत्थरो तक को भगवान के रूप में पूजा जाता है। यही वजह है कि भारत की संस्कृति से प्रभावित होकर विदेशों से भी लोग यहां अध्यात्म के रंग में डूबने के लिए आते हैं। भारत में नदियों से लेकर पशु-पक्षियों तक को मानव जाति से ऊपर माना जाता है। गाय हमारी माता है, यहां बच्चे बचपन में ही सीख लेते हैं। ऐसी भारत भूमि पर आज भी आस्था और विश्वास के प्रतीक के रूप में कुचायकोट प्रखंड के बथना कुट्टी के पास बाबा दोना नाथ शुक्ल का धाम है।


Body:इस धाम पर भक्तों की आस्था देखते बनती है। साथ यहां ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा दोना नाथ से मन्नतें मांगते हैं बाबा उनके हर मन्नत पूर्ण करते हैं। आस्था विश्वास का केंद्र बना उत्तर प्रदेश बिहार बॉर्डर पर स्थित बहादुरपुर पुलिस चौकी के समीप एनएच 28 के किनारे बाबा दोना शुक्ल धाम । जहां लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर में सोमवार और शुक्रवार को विशेष पूजा व मनोकामना प्राप्ति के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। भक्तों का मानना है कि बाबा के दरबार में सच्चे दिल से जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह जरूर पूरी होती है। यह स्थान बिहार के गोपालगंज जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर कुचायकोट प्रखण्ड बाथना कुट्टी से डेढ़ किलोमीटर पश्चिम और उत्तर प्रदेश के सलेमगढ़ से 2 किलोमीटर पूर्व स्थित है।इस धाम के संदर्भ में कई ऐसी किदवंती या प्रचलित है जिसमे सबसे प्रसिद्ध किदवंतीयो में कहा जाता है कि आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के मामखोर गाँव से अपने साथ कुछ लोगों को लेकर आए थे। तथा सीमावर्ती गोपालगंज जिले के नरहवा शुक्ल गांव में जंगल झाड़ काटकर रहने लगे और समय बीतता गया और फिर गांव बस गया जो वर्तमान में नरहवा शुक्ल के नाम से जाना जाता है। इस बात की जानकारी जब हथुआ महाराज को हुई तब उसने इस स्थान पर दावेदारी शुरू कर दी और जबरन इस गाँव को खुद का जमीन बता कर कब्जा करने लगे। राजा के प्रताड़ना से तंग आकर दोना शुक्ल ने आत्महत्या कर। और मारने के बाद भी लोगो की भलाई करने लगे। कुछ लोगो ने इनकी यही पर स्थान बना दी तब से लेकर आज तक यह आस्था का केंद्र बना हुआ है। स्थानीय लोगो के माने तो यहां दूर दूर से भक्त दर्शन करने आते है यही और जो भी सच्चे मन मन्नते मांगता है उसकी हर मन्नते पूर्ण होती है। स्थानीय लोगो ने कहा कि इसका जीता जागता प्रमाण यह है कि कुछ वर्ष पहले दिल्ली के तत्तकालीन एसपी अपने पत्नी के साथ इस रास्ते से गुजर रहे थे जिनका कोई संतान नही था। तभी एसपी के पत्नी ने बाबा से मन्नते मांगी की उन्हें सन्तान हो जिसके बाद उनकी सन्तान होने पर उन्होंने पूरे मंदिर परिसर की सौंदर्यीकरण कराई।


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