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गोपालगंज: बसों के जरिए अब तक 60 हजार प्रवासी मजदूर भेजे गए अपने घर - Workers screening

दूसरे राज्यों से गोपालगंज के रास्ते बिहार पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों को जिले के बल्थरी चेकपोस्ट पर रोक दिया जा रहा है. इसके बाद उनका स्क्रीनिंग व रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें खाना खिलाकर संबंधित जिलों में बसों के माध्यम से भेजा जा रहा है.

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Published : May 16, 2020, 5:01 PM IST

Updated : May 18, 2020, 2:23 PM IST

गोपालगंज: जिले के बल्थरी चेकपोस्ट से अब तक बसों के माध्यम से 60 हजार प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिला भेजा जा चुका है. दूसरे राज्यों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर हर रोज 6 से 7 हजार की संख्या में पैदल और अन्य साधनों से गोपालगंज पहुंच रहे हैं, जिसके बाद यहां के बल्थरी चेकपोस्ट से उन्हें उनके संबंधित जिलों में भेजा जा रहा है.

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लॉकडाउन के कारण अपने-अपने घरों को लौट रहे मजदूरों की समस्या को देखते हुए सरकार ने नया गाइडलाइन जारी किया है. इसमें जिले के बॉर्डर से उन मजदूरों को बस के माध्यम से उनके संबंधित जिलों में भेजने का काम शुरू हुआ है. जिला प्रशासन द्वारा इन प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर के पास बने बल्थरी चेकपोस्ट पर रोक दिया जाता है और उनकी स्क्रिनिंग व रजिस्ट्रेशन के बाद खाना खिला कर उन्हें बसों में बिठाकर भेज दिया जाता है.

देखें रिपोर्ट

डीटीओ ने दी जानकारी
इस संदर्भ में डीटीओ प्रमोद कुमार ने बताया कि यहां हर रोज 6 से 7 हजार मजदूर पहुंच रहे हैं, जिन्हें खाना खिलाकर स्क्रींनिग व रजिस्ट्रेशन के बाद उनके जिलों में भेजा जा रहा है. साथ ही उनके संबंधित जिला प्रशासन को सूचित भी किया जा रहा है. हालांकि इस दौरान कोरोना से जंग में अहम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन भी इन परिस्थितियों के आगे बेबस है.

गोपालगंज: जिले के बल्थरी चेकपोस्ट से अब तक बसों के माध्यम से 60 हजार प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिला भेजा जा चुका है. दूसरे राज्यों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर हर रोज 6 से 7 हजार की संख्या में पैदल और अन्य साधनों से गोपालगंज पहुंच रहे हैं, जिसके बाद यहां के बल्थरी चेकपोस्ट से उन्हें उनके संबंधित जिलों में भेजा जा रहा है.

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लॉकडाउन के कारण अपने-अपने घरों को लौट रहे मजदूरों की समस्या को देखते हुए सरकार ने नया गाइडलाइन जारी किया है. इसमें जिले के बॉर्डर से उन मजदूरों को बस के माध्यम से उनके संबंधित जिलों में भेजने का काम शुरू हुआ है. जिला प्रशासन द्वारा इन प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर के पास बने बल्थरी चेकपोस्ट पर रोक दिया जाता है और उनकी स्क्रिनिंग व रजिस्ट्रेशन के बाद खाना खिला कर उन्हें बसों में बिठाकर भेज दिया जाता है.

देखें रिपोर्ट

डीटीओ ने दी जानकारी
इस संदर्भ में डीटीओ प्रमोद कुमार ने बताया कि यहां हर रोज 6 से 7 हजार मजदूर पहुंच रहे हैं, जिन्हें खाना खिलाकर स्क्रींनिग व रजिस्ट्रेशन के बाद उनके जिलों में भेजा जा रहा है. साथ ही उनके संबंधित जिला प्रशासन को सूचित भी किया जा रहा है. हालांकि इस दौरान कोरोना से जंग में अहम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन भी इन परिस्थितियों के आगे बेबस है.

Last Updated : May 18, 2020, 2:23 PM IST
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