गया: मगध क्षेत्र में इस साल गर्मी ने आमजन से लेकर सरकार को सकते में डाल दिया था. मगध क्षेत्र के तीन जिलों में गया, नालंदा और औरंगाबाद में हिटवेब से सैकड़ों लोगों की जानें चली गयी थीं. इस गर्मी में पानी का संकट भी गहरा गया था. बिहार सरकार ने हिटवेब और पेयजल संकट दूर करने के लिए जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसी कार्यक्रम को सफल बनाने जलपुरुष से विख्यात राजेन्द्र सिंह गया पहुंचे हैं.
जिले में कुछ सालों से बारिश नहीं होने के कारण यहां की नदियां सुखी पड़ी हैं. पिछले वर्ष तो फल्गु नदी में पानी की धारा भी नहीं थी. आलम ये हुआ कि नदी के आसपास के इलाकों में जलस्तर तेजी से घटने लगा और इलाके में जलसंकट की समस्या गहरा गई. इस समस्या के समाधान के जिला प्रशासन ने जलपुरुष से विख्यात राजेन्द्र सिंह से सहयोग मांगा है. वाटरमैन ने फल्गु नदी के तट सीताकुंड से जल पदयात्रा शुरू कर इस अभियान में अपनी सहभागिता की शुरुआत कर दी है.
वाटरमैन ने मांगा सात साल का समय
जलपुरुष से विख्यात राजेंद्र सिंह फल्गु नदी को स्पर्श कर इस नदी को सतत सलिला करने के लिए सात सालों का समय लिया है. बता दें कि जलपुरुष ने अब तक 12 सुखी नदियों को पुनजीर्वित किया है. राजेन्द्र सिंह ने जल पदयात्रा कर मानपुर प्रखंड के रसलपुर में सैकड़ों साल पुराने तालाब को गोद लिया.
'फल्गू में पानी लाना बड़ी चुनौती नहीं'
उन्होंने कहा कि फल्गु नदी में पानी लाना राजस्थान की नदियों के मुकाबले आसान है. राजस्थान में तो बारिश ही नहीं होती. गया में बारिश होती है लेकिन नदी में पानी नहीं रहता. इसमें पानी लाने के लिए किसी इंजीनियर और तकनीक की जरूरत नही है. बस राज्य, समाज और संत की जरूरत हैं जो निस्वार्थ भाव से इसकी पवित्रता के लिए कार्य कर सके. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है, अगर जनभागीदारी सफल हुई तो सात सालों में इस नदी में अनवरत पानी की धारा चलेगी.
किसानों से सहयोग करने की अपील
राजेन्द्र सिंह ने कहा कि गया में हिट वेब के कम करना होगा. क्योंकि सूरज की तपती किरणों से धरती को बुखार लगता है उस बुखार का तापमान कम करने के लिए हमारे पास जलाशय नहीं है. हमलोग को पुराने व्यवस्था ताल, पाल और झाल को पुनर्जीवित करना होगा. सुखी पड़ी जलाशयों को जीवित करना होगा. यहां के किसानों को वर्षा चक्र को फसल चक्र के साथ जोड़ना होगा. यदि ऐसा किया गया तो इस जिले में कभी भी पानी की समस्या नहीं होगी.