गया: बिहार के गया में स्थित विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर (World Famous Vishnupad Temple) सूर्य ग्रहण के बाद अब चंद्र ग्रहण में भी बंद नहीं (Vishnupad Temple Was Not Close In Lunar Eclipse) हुआ. जबकि सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण में देश के सभी मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं. चूंकि, यहां की मान्यता है कि यह विष्णुपद मंदिर विष्णुपद वेदी है. सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण में यह बंद नहीं होता. सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण में खुला रहता है. अमावस्या को लगे सूर्यग्रहण के बाद अब चंद्रग्रहण में भी विश्व प्रसिद्ध मंदिर विष्णुपद मंदिर बंद नहीं हुआ. विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल बनाते हैं, कि विष्णुपद मंदिर नहीं विष्णुपद वेदी है. सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण में मंदिर बंद नहीं होता. मंदिर खुला रहता है. पुराण शास्त्रों में यह वर्णित है. मंदिर वहां बंद होता है, जहां स्थापित की जाती है.
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'यहां स्वयंभू शिला धर्मशिला है, जिसपर भगवान का चरण है. स्वयंभू शिला होने के कारण सूर्य ग्रहण काल में पिंडदान को उत्तम माना गया है. विष्णुपद मंदिर नहीं विष्णुपद वेदी है. सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण में मंदिर बंद नहीं होता. मंदिर खुला रहता है. पुराण शास्त्रों में यह वर्णित है. मंदिर वहां बंद होता है, जहां स्थापित की जाती है.' - शंभूलाल विट्ठल, अध्यक्ष, विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति
ग्रहण लगने पर लोग करते हैं पूजापाठ : वैदिक पाठशाला के संचालक राजा आचार्य ने बताया कि मेष राशि वाले जातक चंद्रग्रहण से बचें. इस संबंध में वैदिक पाठशाला के संचालक और शास्त्रों के ज्ञाता राजा आचार्य बताते हैं, कि इस बार चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह 5:03 संध्या से 6:19 बजे तक रहेगा. मेष राशि वाले जातक इस चंद्रग्रहण से बचें. गौरतलब है कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कार्तिक मास की पूर्णिमा यानि 8 नवंबर को लगा. ग्रहण का असर इस धरती और उसके प्रत्येक जीव पर अवश्य ही पड़ता है. यह भारत समेत कई देशों में देखा गया. यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है, ग्रहण शुरू होने से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. इस दौरान धार्मिक अथवा शुभ कार्य नहीं होते हैं. कई राशि वालों पर ग्रहण के अलग अलग प्रभाव देखने को मिलते हैं.