गयाः बिहार के आईटी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी (Minister Israel Mansouri Entry Into Vishnupad Temple) के विष्णुपद मंदिर में जाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी नेताओं के बाद अब विश्व हिंदू परिषद प्रांत प्रमुख धर्म प्रसार विभाग के अध्यक्ष प्रेम कुमार टाइयां (VHP Leader Prem Kumar taiyan) ने इसकी सख्त लहजे में निंदा की है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में अगर कोई भी मुसलमान हमारी परंपरा को तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ वो लोग सड़क पर उतरेंगे और कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं, विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि मंत्री को इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए, नहीं तो सरकार दोषी होगी.
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सरकार से मांफी मांगने की मांगः विहिप नेता प्रेम कुमार टाइयां ने कहा कि जो भी हुआ है पूरी तरह से गलत हुआ है, विष्णुपद मंदिर में आहिंदू प्रवेश निषेध के बावजूद गया जिला प्रभारी मंत्री इजराइल मंसूरी के द्वारा विष्णुपद मंदिर में सीएम नीतीश कुमार के साथ प्रवेश करना बहुत ही गलत है. सरकार को इसको लेकर माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो अनुच्छेद 15 के अंदर 295 298 का मामला मुकदमा दायर हो सकता है. उन्होंने कहा कि मंत्री के खिलाफ भी मीटिंग करके निर्णय लिया जाएगा. हमारी परंपरा को जो भी तोड़ने की कोशिश करेगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा.
"हमारी आस्था को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत वो मंदिर के अंदर प्रवेश किए हैं. जेडीयू नेता चंदन सिंह की लापरवाही है, जो धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य हैं, वहीं पर मौजूद थे उन्होंने उनको रोका नहीं. यह सालों से हम लोगों की परंपरा है कि यहां कोई भी आहिंदू प्रवेश नहीं कर सकता है. लेकिन हमारी सनातन परंपरा को तोड़ने का काम किया गया है. हम चेतावनी देते हैं कि आगे से किसी भी मुसलमान ने हमारी परंपरा को तोड़ने की कोशिश की तो उसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे. हमारी आस्था को ठेस पहुंचा है, इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार जिला प्रशासन और सरकार है. इसलिए सरकार को इस गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए"- प्रेम कुमार टाइयां, अध्यक्ष, धर्म प्रसार विभाग, वीएचपी
पहली बार टूटी है परंपराः वहीं, इस संबंध में विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने कहा कि यह परंपरा पहली बार टूटी है. उन्हें मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी मिली. ऐसा आज तक नहीं हुआ था. यहां बड़े अक्षरों में बोर्ड पर लिखा हुआ है अहिंदू प्रवेश निषेध, फिर भी ऐसा किया गया. यह जानबूझकर किया गया प्रतीत होता है, क्योंकि मंत्री ने मीडिया के सामने जाकर यह बयान भी दिया कि विष्णुपद मंदिर गए थे और वहां दर्शन किए. शंभूलाल विट्ठल ने इसके लिए स्थानीय जदयू नेता और धार्मिक न्यास बोर्ड से जुड़े चंदन सिंह को भी दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें तो अहिंदू के बारे में मालूम था, फिर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष ने कहा कि बहुत साल पहले यहां राष्ट्रपति आर वेंकटरमन आए थे. उनके साथ बिहार के राज्यपाल एआर किदवई भी थे, किंतु उस समय भी परंपरा नहीं टूटी थी. विट्ठल ने कहा कि मंत्री को इसे सौभाग्य बताने के बजाए क्षमा मांगनी चाहिए.
"वो नए-नए मंत्री बने हैं हमने उनको पहचाना नहीं. इस बात की बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी कि मुख्यमंत्री के साथ एक मुस्लिम मंत्री है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही लिखा है कि यहां गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है. हम भगवान से क्षमा मांगते हैं. इसमें जदयू नेता और धार्मिक न्यास बोर्ड से जुड़े चंदन सिंह की गलती है, जो सब कुछ जानते थे लेकिन उन्होंने मंत्री को रोका नहीं. हम मांग करते हैं कि सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री की बर्खास्तगी हो, यदि बर्खास्तगी नहीं होती है तो इसके लिए सरकार को दोषी समझेंगे"- शंभूलाल विट्ठल, अध्यक्ष, विष्णुपद मंदिर प्रबंध कारिणी समिति
क्या है पूरा मामला?: आपको बता दें कि गया में आगामी 9 सितंबर से 25 सितंबर तक विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आयोजन होने जा रहा है. इसी सिलसिले में सीएम नीतीश कुमार सोमवार को गया पहुंचे थे. जहां पितृपक्ष मेला की तैयारियों का जायजा लिया और विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना भी की. इस दौरान उनके साथ बिहार सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सह गया जिला के प्रभारी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी भी गर्भगृह में मौजूद थे. गयाजी के विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर मुख्य द्वार पर 'अहिंदू प्रवेश वर्जित' लिखा हुआ है. इसके बावजूद मंत्री अंदर चले गए. जिस पर अब बवाल शुरू हो गया है.
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