गया : बिहार के गया में दो कुख्यात नक्सलियों ने हथियार और 57 कारतूस के साथ सरेंडर किया (Two Naxalites surrender in Gaya) है. गया एसएसपी, सीआरपीएफ, कोबरा, एसएसबी कमांडेंट के समक्ष इन दो नक्सलियों ने सरेंडर किया. सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों ने सरेंडर किया है. नक्सलियों को सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें - गया: नक्सली मुन्ना रवानी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा गया जेल
आर्म्स के साथ दोनों नक्सलियों ने किया सरेंडर : राइफल और थ्रिनेट के साथ दोनों नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में प्रदीप सिंह भोक्ता उर्फ नीरज और दिनेश भुुईया उर्फ उमेश शामिल हैं. दोनों ने एक राइफल और एक थ्रिनेट के साथ सरेंडर किया. प्रदीप सिंह भोक्ता औरंगाबाद के मदनपुर का रहने वाला है. वहीं, दिनेश भुईयां गया जिले के कोठी थाना क्षेत्र का निवासी है.
गया-औरंगाबाद और झारखंड में दर्जन भर कांड हैं दर्ज : इन नक्सलियों के खिलाफ गया, औरंगाबाद और झारखंड में दर्जनभर नक्सली कांड दर्ज बताए जाते हैं. प्रदीप सिंह भोक्ता के खिलाफ 11 कांड दर्ज हैं. वहीं, दिनेश भुईयां के खिलाफ भी कई कांड दर्ज हैं. वहीं, झारखंड में इन दोनों के खिलाफ कितने केस दर्ज हैं. इसका आपराधिक इतिहास गया पुलिस खंगाल रही है.
11 वर्ष की उम्र से प्रदीप सिंह भोक्ता संगठन में था : वहीं, सरेंडर करने वाले प्रदीप सिंह भोक्ता ने बताया कि वह 11 वर्ष की उम्र में नक्सली संगठन में चला गया था. 8 वर्ष के बाद अट्ठारह-उन्नीस वर्ष की उम्र में वह जंगल से निकला है और सरेंडर किया है. उसने बताया कि वह किसी मामले को लेकर संगठन में चला गया था. वहीं, सरकार के आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के बारे में पता चला तो उसने सरेंडर करने का फैसला लिया. इधर बता दें, कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत रोजगार मिलेंगे. वही उसके खाते में ढाई लाख की राशि एफडी की जाएगी.
''बिहार सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी के दो नक्सलियों ने दो हथियार के साथ सरेंडर किया है. दोनों नक्सली कुख्यात हैं. वर्ष 2019 में छकरबंधा पहाड़ी पर आईईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें कोबरा के एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गए थे. बाद में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को खदेड़ा था. इस घटना में यह नक्सली भी शामिल थे. इसी तरह लुटुआ थाना क्षेत्र में दर्जनों आईईडी की बरामदगी हुई थी, जिसमें ये शामिल थे. इसके अलावा कई नक्सली कांड इनके खिलाफ सामने आए हैं.''- आशीष भारती, एसएसपी, गया