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बोधगया में कलश शोभा यात्रा के साथ समाप्त हुई तीन दिवसीय पूजा

एक फरवरी से शुरू हुई ये पूजा तीन दिनों तक चली. जिसमें पूरे विधि-विधान के साथ आराधना की गई. इसके बाद आज इसके अंतिम दिन कलश शोभा यात्रा निकाली गई. ये कलश यात्रा बुद्ध की जयघोष के साथ निकली गई.

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Published : Feb 3, 2020, 8:37 PM IST

गया: बोधगया में महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया की तरफ से शुरू की गई तीन दिवसीय पूजा का सोमवार को समापन हो गया. इस अवसर पर बौद्ध भिक्षुओं ने भव्य शोभा यात्रा निकाली.

13 सालों से चलती आ रही है परंपरा
इस अवसर पर मंदिर के सचिव भन्ते शिवली ने बताया कि हर साल विश्व शांति के लिए कलश शोभा यात्रा निकाली जाती है. जिसमें हर जगह से करीब चार हजार से अधिक बौद्ध भिक्षु शामिल होते हैं. यह परंपरा 13 सालों से जारी है.

शोभा यात्रा के साथ समाप्त हुई तीन दिवसीय पूजा

विधि-विधान के साथ पूजा का समापन
एक फरवरी से शुरू हुई ये पूजा तीन दिनों तक चली. जिसमें पूरे विधि-विधान के साथ आराधना की गई. इसके बाद आज इसके अंतिम दिन कलश शोभा यात्रा निकाली गई. ये कलश यात्रा बुद्ध की जयघोष के साथ निकली गई. इसके साथ ही इस पूजा का समापन भी हुआ.

गया: बोधगया में महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया की तरफ से शुरू की गई तीन दिवसीय पूजा का सोमवार को समापन हो गया. इस अवसर पर बौद्ध भिक्षुओं ने भव्य शोभा यात्रा निकाली.

13 सालों से चलती आ रही है परंपरा
इस अवसर पर मंदिर के सचिव भन्ते शिवली ने बताया कि हर साल विश्व शांति के लिए कलश शोभा यात्रा निकाली जाती है. जिसमें हर जगह से करीब चार हजार से अधिक बौद्ध भिक्षु शामिल होते हैं. यह परंपरा 13 सालों से जारी है.

शोभा यात्रा के साथ समाप्त हुई तीन दिवसीय पूजा

विधि-विधान के साथ पूजा का समापन
एक फरवरी से शुरू हुई ये पूजा तीन दिनों तक चली. जिसमें पूरे विधि-विधान के साथ आराधना की गई. इसके बाद आज इसके अंतिम दिन कलश शोभा यात्रा निकाली गई. ये कलश यात्रा बुद्ध की जयघोष के साथ निकली गई. इसके साथ ही इस पूजा का समापन भी हुआ.

Intro:गया बोधगया महाबोधी सोसायटी ऑफ इंडिया श्रीलंका मंदिर में तीन दिवसीय पूजा शोभा यात्रा के साथ समापन।Body:गया बोधगया महाबोधी सोसायटी ऑफ इंडिया(श्रीलंका)मंदिर में भगवान बुद्ध व उनके दो शिष्य का सारीपुत्र व मोग्गलन की पवित्र अस्थि कलश की प्रदर्शनी 1 फरवरी को सुरु हुई थी।यह प्रदर्शनी तिन दिवसिय इस प्रदर्शनी देखने व दर्शन के लिये विश्व के कई देश के बौद्ध भिक्षु सामिल हुये थे। वही महाबोधी सोसाइटी ऑफ इंडिया (श्रीलंका) मंदिर के सचिव भन्ते शिवली ने बताया कि हर वर्ष के भाती इस वर्ष भी विश्व शांति के लिए अस्थि कलश को लेकर शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें हर जगह से करीव चार हजार से ज्यादा बौद्ध भिक्षु शोभा यात्रा में शामिल हुये थे।
आज तीन दिवसीय अस्थि कलश काय्रक्रम की समापन को लेकर पूरे बोधगया में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमे बौद्ध भिक्षुओं के अलावे स्कूल के बच्चे व बहुत से गण्यमान लोग उपस्थित हुए।यह सोभा यात्रा बुद्ध के जयघोष के साथ निकली गई है।
आपको बता दें कि जी 1फरवरी को शांत मार्च महाबोधी सोसायटी ऑफ इंडिया (श्रीलंका।)मंदिर से विश्व धरोहर महाबोधी मंदिर तक अस्थि कलश को ले जाया जाता है और पूरे बिधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है उसके बाद 2फरवरी को पुनः महाबोधी सोसायटी ऑफ इंडिया मंदिर अस्थि कलश को लाकर दर्शन की जाती है।
यह परम्परा लगातार 13 वर्षो से की जा रही है ।
वर्ष 2011ई में भूटान में भी अस्थि कलश को ले जाया गया था।Conclusion:बरहाल आपको बता दें कि तिन दिवसीय बुद्ध की अस्थि कलश यात्रा आज बुद्ध की जयघोष के साथ शोभायात्रा निकली गई थी।साथ ही साथआज शोभायात्रा सम्पन की गई।सोभा यात्रा में हजारो की संख्या में बौद्ध भिक्षु व बच्चे शामिल हुये।शोभायात्रा की सुरुआत लगातर 13वर्षो से जा रही हैं।
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