गयाः महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया मंदिर में तीन दिवसीय अस्थि कलश की प्रदर्शनी शुरू हुई है. अस्थि कलश की पूजा अर्चना करने के लिए बौद्ध श्रद्धालुओं की काफी भीड़ है.
अस्थि कलश प्रदर्शनी
महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया (श्रीलंका)मंदिर के पुजारी राहुल भन्ते ने बताया की यह मंदिर का निर्माण वर्ष 2006 ई. में कराया गया था. उसी समय से अस्थि कलश की स्थापना महाबोधी सोसाइटी ऑफ इंडिया में स्थापित की गई है. लागतार 13 वर्षों से तीन दिवसीय प्रदर्शनी लगाई जाती है, ताकि देश विदेश के बौद्ध भिक्षु अस्थि कलश का दर्शन कर लाभ उठा सके.
बौद्ध श्रद्धालुओं की काफी भीड़
मंदिर के पुजारी ने बताया कि प्रथम दिन अस्थि कलश को पूरे विधि विधान के साथ महाबोधी सोसाइटी ऑफ इंडिया (श्रीलंका) मंदिर से विश्व धरोहर महाबोधी मंदिर ले जाते हैं. उसके बाद गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना करने के बाद पुनः महाबोधी सोसायटी ऑफ इंडिया(श्रीलंका) में लाकर अस्थि कलश को रखा जाता है. उसके बाद सभी बौद्ध भिक्षु अस्थि कलश की पूजा अर्चना करने के लिए जाते हैं. बुद्ध की शिष्य की अस्थि कलश को वर्ष 2011ई में भूटान में भी ले जाया गया था.