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गया: मगध विश्वविद्यालय में डिग्री नहीं मिलने से छात्र परेशान, वीसी ने कहा-' नए फॉर्मेट की वजह से हो रही देरी'

मगध विश्‍वविद्यालय के छात्रों को करीब डेढ़ साल से डिग्री नहीं मिल रही है. इस कारण छात्र परेशान नजर आ रहे हैं. इसके पीछे नए फॉर्मेट में डिग्री को लेकर देरी होने की बात कही गई है.

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डिग्री नहीं मिलने से छात्र परेशान
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Published : Dec 28, 2020, 11:42 AM IST

गया: मगध विश्‍वविद्यालय की शैक्षणिक बदहाली इन दिनों देखने को मिल रही है. करीब डेढ़ साल से डिग्री नहीं मिलने से छात्र परेशान नजर आ रहे हैं. इन दिनों विश्विद्यालय से डिग्री नहीं मिलने को लेकर छात्र संगठन आंदोलन कर रहे हैं. वहीं वीसी का कहना है कि पुराने डिग्री में कई त्रुटि थी और नए डिग्री गुणवत्तापूर्ण और उसकी प्रमाणिकता रहेगी.

15 माह से डिग्री पेंडिंग
विभिन्न परीक्षाओं में उत्‍तीर्ण छात्र लगभग 15 माह से डिग्री की आस लगाए हैं. वे डिग्री के लिए आवेदन जमा करते हैं तो आश्‍वासन दिया जाता है कि नए फॉर्मेट में डिग्री जारी की जा रही है. लेकिन 15 महीने बाद भी डिग्री नहीं दी जा रही. हालांकि आवेदन के साथ किसी नॉकरी की ज्‍वाइनिंग या कॉल लेटर की प्रति लगाने पर डिग्री दी जा रही है. लेकिन अन्‍य छात्रों के मामले में ऐसा नहीं है.

डिग्री नहीं मिलने से छात्र परेशान

"ये डिग्री सात स्तरीय सुरक्षा से लैस होलोग्राम युक्त है. वहीं ये डिग्री ए 4 साइज का है. इस डिग्री की प्रमाणिकता पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर सकता है. बहुत जल्द डिग्री को लेकर छात्रों की परेशानी को विश्विद्यालय दूर करने जा रही है. एक ऐप के जरिये छात्र अप्लाई कर सकते हैं. उसकी पूरी प्रोसेसिंग की जानकारी रख सकते हैं. मैं 27 सितंबर 2019 को विश्विद्यालय जॉइन किया था. उस वक्त 20 लाख डिग्री बनकर रखी हुई थी. अधिकांश का वितरण करवाया हूं. अभी नए फॉर्मेट के तहत डिजिटल डिग्री 800 तैयार की गई है. सत्र 2020-21 में 21 हजार 547 डिग्री दी गई है". - प्रो राजेन्द्र प्रसाद, कुलपति, मगध विश्विद्यालय

"विश्वविद्यालय में डिग्री निकालना टेढ़ी खीर है. डिग्री के लिए दो से तीन माह विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. विश्विद्यालय हमलोग के साथ नाइंसाफी करती है. एग्जाम के वक्त ही डिग्री का पैसा ले लिया जाता है लेकिन विश्विद्यालय वर्षों बीत जाने पर भी कॉलेज में डिग्री नहीं पहुचाती है".- नवलेश मिश्रा, छात्र

आपको बता दें कि राजभवन के अनुसार मगध विश्वविद्यालय के 40000 आवेदन डिग्री के लिए लंबित पड़े हैं.

गया: मगध विश्‍वविद्यालय की शैक्षणिक बदहाली इन दिनों देखने को मिल रही है. करीब डेढ़ साल से डिग्री नहीं मिलने से छात्र परेशान नजर आ रहे हैं. इन दिनों विश्विद्यालय से डिग्री नहीं मिलने को लेकर छात्र संगठन आंदोलन कर रहे हैं. वहीं वीसी का कहना है कि पुराने डिग्री में कई त्रुटि थी और नए डिग्री गुणवत्तापूर्ण और उसकी प्रमाणिकता रहेगी.

15 माह से डिग्री पेंडिंग
विभिन्न परीक्षाओं में उत्‍तीर्ण छात्र लगभग 15 माह से डिग्री की आस लगाए हैं. वे डिग्री के लिए आवेदन जमा करते हैं तो आश्‍वासन दिया जाता है कि नए फॉर्मेट में डिग्री जारी की जा रही है. लेकिन 15 महीने बाद भी डिग्री नहीं दी जा रही. हालांकि आवेदन के साथ किसी नॉकरी की ज्‍वाइनिंग या कॉल लेटर की प्रति लगाने पर डिग्री दी जा रही है. लेकिन अन्‍य छात्रों के मामले में ऐसा नहीं है.

डिग्री नहीं मिलने से छात्र परेशान

"ये डिग्री सात स्तरीय सुरक्षा से लैस होलोग्राम युक्त है. वहीं ये डिग्री ए 4 साइज का है. इस डिग्री की प्रमाणिकता पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर सकता है. बहुत जल्द डिग्री को लेकर छात्रों की परेशानी को विश्विद्यालय दूर करने जा रही है. एक ऐप के जरिये छात्र अप्लाई कर सकते हैं. उसकी पूरी प्रोसेसिंग की जानकारी रख सकते हैं. मैं 27 सितंबर 2019 को विश्विद्यालय जॉइन किया था. उस वक्त 20 लाख डिग्री बनकर रखी हुई थी. अधिकांश का वितरण करवाया हूं. अभी नए फॉर्मेट के तहत डिजिटल डिग्री 800 तैयार की गई है. सत्र 2020-21 में 21 हजार 547 डिग्री दी गई है". - प्रो राजेन्द्र प्रसाद, कुलपति, मगध विश्विद्यालय

"विश्वविद्यालय में डिग्री निकालना टेढ़ी खीर है. डिग्री के लिए दो से तीन माह विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. विश्विद्यालय हमलोग के साथ नाइंसाफी करती है. एग्जाम के वक्त ही डिग्री का पैसा ले लिया जाता है लेकिन विश्विद्यालय वर्षों बीत जाने पर भी कॉलेज में डिग्री नहीं पहुचाती है".- नवलेश मिश्रा, छात्र

आपको बता दें कि राजभवन के अनुसार मगध विश्वविद्यालय के 40000 आवेदन डिग्री के लिए लंबित पड़े हैं.

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