गया: बिहार में मानसून ( Monsoon in Bihar ) की दस्तक के साथ ही साइबेरियन पक्षी ( Siberian Bird ) पेड़ों पर अपना आशियाना बनाने में जुट जाते हैं. गया शहर की बात करें तो समाहरणालय, एसएसपी ऑफिस, सिविल कोर्ट ( Civil Court ) और जिला परिषद कार्यालय में लगे पेड़ों पर इन पंक्षियों ने अपना आशियाना बनाया है. एक शोध में बताया गया है कि यह पक्षी वायरस को बढ़ावा देने के चलते दो देशों में प्रतिबंधित है.
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गैर कानूनी है साइबेरियन पक्षी का शिकार करना
भारत में साइबेरियन पक्षी को जांघिल, घोघिंल कहा जाता है. यह पक्षी 40 वर्षों से भारत के अन्य राज्यों में ब्रेडिंग करने आती हैं. भारत में इस पक्षी को संरक्षित घोषित किया है. साइबेरिया पक्षी का शिकार करना है या पकड़ के रखना गैरकानूनी है.
यूनाइटेड किंगडम और थाईलैंड में प्रतिबंधित हैं ये पक्षी
यूनाइटेड किंगडम और थाईलैंड इसे वायरस का वाहक मानते हुए इस पंछी को अपने देश में प्रतिबंधित कर रखा है. इन दोनों देशों में इसे संरक्षण नहीं दिया जाता है. मगध विश्वविद्यालय में जंतु विज्ञान विभाग के रिसर्च स्कॉलर मोहम्मद दानिश बताते हैं कि साइबेरियन पक्षी को एशियन ओपन बिल कहा जाता है. यह पक्षी बिहार में गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर के इलाकों में हजारों के झुंड में आकर घोंसला बनाते हैं और प्रजनन करते हैं.
![साइबेरियन पक्षी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-gaya-02-forginer-bird-farmer-enemy-pkg-7204414_30062021232902_3006f_1625075942_2.jpg)
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किसनों के लिए दुश्मन हैं यह पक्षी
यह पक्षी किसानों के लिए दुश्मन जैसा काम करता हैं. यह सैकड़ों की संख्या में झुंड में खेत में उतर कर घोंघा और केंचुआ खा जाते हैं. जो खेत के लिए काफी नुकसानदेह होता है. इसके अलावा आम लोगों के लिए भी नुकसानदेह है. यह पक्षी वायरस का वाहक है. एच सिरिज की सभी वायरस को फैलाने के लिए इसे जाना जाता है.
![गया पहुंचा साइबेरियन पक्षी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-gaya-02-forginer-bird-farmer-enemy-pkg-7204414_30062021232902_3006f_1625075942_998.jpg)
"इसकी बढ़ती आबादी को देखते हुए सरकार इसका प्रबंधन करे, जैसे नीलगायों के साथ करती है. वैसे ही इसके साथ भी करे. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो आनेवाले दिनों में यह पक्षी बीमारी का कारण बनेगा."- मो. दानिश, रिसर्च स्कॉलर, जंतु विज्ञान विभाग, एमयू
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आईए जानते हैं साइबेरियन पक्षी के बारे में
यह पक्षी मूल रुप से साइबेरिया का रहनेवाला है. लेकिन अब यह इसी देश का होकर रह गया है. साइबेरियन पक्षी छह माह उतर भारत में और छह माह दक्षिण भारत में रहता है. यह पक्षी साल में दो बार प्रजनन करती है. यह पंछी दो से चार अंडे तक देते हैं. इसका मुख्य भोजन घोंघा, मछली और केंचुआ है. साल 2005 के बाद से इसकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.