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गया: रूस से आयी महिलाओं ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान

इन रूसी महिलाओं ने भारतीय वेशभूषा में विष्णुपद मंदिर के प्रांगण में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्मकांड किया. रूसी महिलाओं ने पूरे वैदिक रीति-रिवाज से पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को पूरा किया. इसके बाद मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से अपने पितरों का तर्पण किया.

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Published : Sep 26, 2019, 12:45 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 1:40 PM IST

russian women give pind daan

गया: विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला-2019 अब अंतिम चरण में है. इस दौरान लाखों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु गया जी पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे हैं. इसी क्रम में गुरूवार को 6 की संख्या में रूस से आयी महिलाएं विष्णुपद मंदिर पहुंची.

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पिंडदान करती हुई

भारतीय वेशभूषा में किया पिंडदान
रूस से आयी इन महिलाओं ने विष्णुपद मंदिर के प्रांगण में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्मकांड किया. भारतीय वेशभूषा में तैयार ये विदेशी महिलाओं ने पूरे वैदिक रीति-रिवाज से पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को पूरा किया. इसके बाद पवित्र मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से अपने पितरों का तर्पण किया.

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मोक्षदायनी फल्गु नदी

यहां आकर अच्छा लगा- रूसी महिला
इस दौरान विदेशी महिला ने बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा. भारतीय संस्कृति बहुत ही अच्छी है. पितरों की आत्मा की शांति के लिए गयाजी में पिंडदान करने के बारे में सुना था. इसलिए यहां आकर हम सभी अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर रहे हैं.

गया में पिंडदान करती रूसी महिलाएं

विभिन्न पिंडवेदियों पर करेगी पिंडदान- पंडित
पिंडदान कर्मकांड करवाने वाले को पूरा करवाने वाले पंडित लोकनाथ गौड़ ने कहा कि रूस से आयी ये महिलाएं गया में अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान किया है. इसके पहले वाराणसी में भी इन्होंने पूजा-पाठ किया था. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 3 दिनों तक पिंडदान की प्रक्रिया चलेगी. विभिन्न पिंडवेदियों पर इनकी ओर से पिंडादान किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इनके अलावा कई देश- विदेश से श्रद्धालु यहां आने वाले हैं. जो शहर के विभिन्न पिंडवेदियों पर पिंडादान करेंगे.

गया: विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला-2019 अब अंतिम चरण में है. इस दौरान लाखों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु गया जी पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे हैं. इसी क्रम में गुरूवार को 6 की संख्या में रूस से आयी महिलाएं विष्णुपद मंदिर पहुंची.

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पिंडदान करती हुई

भारतीय वेशभूषा में किया पिंडदान
रूस से आयी इन महिलाओं ने विष्णुपद मंदिर के प्रांगण में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्मकांड किया. भारतीय वेशभूषा में तैयार ये विदेशी महिलाओं ने पूरे वैदिक रीति-रिवाज से पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को पूरा किया. इसके बाद पवित्र मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से अपने पितरों का तर्पण किया.

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मोक्षदायनी फल्गु नदी

यहां आकर अच्छा लगा- रूसी महिला
इस दौरान विदेशी महिला ने बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा. भारतीय संस्कृति बहुत ही अच्छी है. पितरों की आत्मा की शांति के लिए गयाजी में पिंडदान करने के बारे में सुना था. इसलिए यहां आकर हम सभी अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर रहे हैं.

गया में पिंडदान करती रूसी महिलाएं

विभिन्न पिंडवेदियों पर करेगी पिंडदान- पंडित
पिंडदान कर्मकांड करवाने वाले को पूरा करवाने वाले पंडित लोकनाथ गौड़ ने कहा कि रूस से आयी ये महिलाएं गया में अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान किया है. इसके पहले वाराणसी में भी इन्होंने पूजा-पाठ किया था. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 3 दिनों तक पिंडदान की प्रक्रिया चलेगी. विभिन्न पिंडवेदियों पर इनकी ओर से पिंडादान किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इनके अलावा कई देश- विदेश से श्रद्धालु यहां आने वाले हैं. जो शहर के विभिन्न पिंडवेदियों पर पिंडादान करेंगे.

Intro:रूस से आई विदेशी महिलाओं ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान,
मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से किया तर्पण,
भारतीय संस्कृति में जताई आस्था।Body:गया: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2019 अब अंतिम चरण में है। इस दौरान लाखों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु गयाजी पहुंच रहे हैं और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे हैं। इसी क्रम में आज रूस देश से 6 की संख्या में विदेशी महिलाएं विष्णुपद मंदिर पहुंची। जहां उन्होंने विष्णुपद मंदिर के प्रांगण में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व श्राद्ध कर्मकांड किया। भारतीय वेशभूषा में विदेशी महिलाओं ने पूरे वैदिक रीति-रिवाज से पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया को पूरा किया। इसके बाद पवित्र मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जलसे तर्पण किया।
इस दौरान विदेशी महिला ने बताया कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा। भारतीय संस्कृति बहुत ही अच्छी है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए गयाजी में पिंडदान करने के बारे में सुना था। इसलिए यहां आकर हम सभी अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर रहे हैं।
वहीं पिंडदान कर्मकांड को कराने वाले पंडा लोकनाथ गौड़ ने कहा कि रूस देश से 6 की संख्या में महिलाएं गया पहुंची हैं। जहां उन्होंने अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान किया है। इसके पहले वाराणसी में भी इनके द्वारा पूजा-पाठ किया गया है। उन्होंने कहा कि 3 दिनों तक पिंडदान की प्रक्रिया चलेगी। विभिन्न पिंडवेदियो पर इनके द्वारा पिंडादान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य देशों के भी विदेशी श्रद्धालु यहां आने वाले हैं। जो शहर के विभिन्न पिंडवेदियो पर पिंडादान करेंगे।
गया पहुंचने वाली पिंडदानियों में रुस की एलेना कशिटसाइना, यूलिया वेरेमिनको, इरेस्को मगरिटा, औक्सना कलिमेनको, इलोनोरा खतिरोबा व इरिना खुचमिस्तोबा शामिल हैं।

बाइट- विदेशी महिला ।
बाइट- लोकनाथ गौड़, पंडा जी।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया
Conclusion:
Last Updated : Sep 26, 2019, 1:40 PM IST
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