गया: बिहार के गया (Gaya) में धर्म परिवर्तन (Religious conversion) का मुद्दा गरमाता जा रहा है. आए दिन प्रार्थना सभा (Prayer Meeting) के नाम पर धर्म परिवर्तन की खबरें मिल रहीं हैं. ऐसा ही एक मामला रामपुर थाना क्षेत्र के गेवाल बिगहा मोहल्ले में सामने आया. यहां 'परमेश्वर का भवन' में सैकड़ों महिलाएं और पुरूष प्रवचन और प्रार्थना सभा में शामिल थे. प्रार्थना सभा में शामिल लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल (Covid-19 Protocol) का उल्लंघन कर मौजूद लोगों में से किसी भी व्यक्ति ने मुंह पर मास्क या कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा था.
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इस प्रार्थना सभा की भनक जब मोहल्ले वालों को लगी तो उन्होंने पुलिस को मौके पर बुलवा लिया. गेट खुलवाया तो अंदर की भीड़ देखकर सब हैरान हो गए. मौके पर मौजूद लोगों ने प्रार्थना करने की बात स्वीकारी लेकिन धर्म परिवर्तन की बात को नकारते रहे. हालाकि पुलिस ने लोगों की भीड़ देखकर सभी लोगों को बाहर निकाला. अभी तक किसी भी पक्ष के द्वारा शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है.
गेवाल बिगहा मोहल्ले वालों का आरोप है कि मनसा देवी और उसकी बहू दोनों मिलकर प्रतिदिन धर्म परिवर्तन करवाने का काम कर रहे हैं. मनसा देवी पूरे परिवार के साथ परमेश्वर का भवन में रहती है और यहां रहकर धर्म परिवर्तन कराने का काम करती है. मोहल्ले वालों ने आयोजित प्रार्थना सभा को रुकवाया तो वहीं पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
प्रार्थना सभा की आयोजक मनसा देवी ने बताया कि यहां 'धर्म परिवर्तन' नहीं 'जीवन परिवर्तन' किया जाता है. हम सभी परमेश्वर को याद करते हैं. हम लोग किसी को नहीं बुलाते यह सैकड़ों की संख्या में औरतें खुद यहां पर आतीं हैं. जो बीमार है उसकी बीमारी परमेश्वर ठीक करते हैं. परमेश्वर के आदेश से ही हम सभा करते हैं.
'हम धर्म परिवर्तन नहीं करते हैं. हम जीवन परिवर्तन करते हैं. किसी को घर से बुलाने नहीं जाते. सभी महिलाएं खुद 'परमेश्वर का भवन' पूछकर आती हैं. किसी को हम पहचानते नहीं हैं. जब हमारा जीवन अच्छा हुआ लोगों को फायदा मिला तो लोगों ने आना शुरू किया'- मनसा देवी, प्रार्थना सभा की आयोजक
हालाकि, पुलिस की कार्रवाई से कुछ समर्थक भड़क गए. उन्होंने कहा कि वो हिन्दू हैं लेकिन अगर उनको प्रार्थना करने से फायदा है तो वो ईश्वर को क्यों न मानें? एक महिला कहने लगी उसके पति बीमार थे, प्रार्थना करने से उनकी बीमारी ठीक हो गई. इसलिए हम लोग यहां प्रार्थना करने के लिए जुटते हैं.
हम हिन्दू हैं. हमें प्रार्थना करने से फायदा हुआ है. हमारे पति बीमार रहते थे. उनको अपेंडिक्स था. प्रार्थना करने के बाद बीमारी दूर हो गयी. तब से हम यहां आते हैं. जब हमको प्रार्थना से फायदा है तो हम किसको मानेंगे?
'मैं तीन लाख रुपए लगाई. तब भी हम अच्छा नहीं हुए थे. जब हम इस धर्म से जुड़े तो बिल्कुल अच्छा हो गए. परमेश्वर हमको नया जीवन दे दिए. तो हम किसको मानेंगे? ईश्वर को न मानेंगे'- प्रार्थना सभा की समर्थक महिला
फिलहाल इस मुद्दे पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रार्थना सभा में आए लोगों ने उन्हें बताया कि लोग दुख तकलीफ दूर होने पर इक्ट्ठा होते हैं. यहां धर्म परिवर्तन का काम नहीं किया जाता है. हालाकि प्रार्थना सभा में शामिल एक महिला ने स्वीकार किया कि जब वो इस धर्म से जुड़ी उसे फायदा हो रहा है. यानी साफ है कि चोरी छिपे भोले-भाले लोगों का यहां धर्म परिवर्तन कराया जाता है.
'लोगों का कहना है कि यहां लोग धर्म परिवर्तन के लिए नहीं आते हैं. हमारी दुख तकलीफ दूर होती है तो यहां इकट्ठा होते हैं. मैं और इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा. सबको यहां से हटा दिया गया है'- पुलिस अधिकारी, रामपुर थाना
बता दें कि इससे पहले गया शहर से सटे नैली, नैली के दुबहल गांव के आसपास के महादलित टोले में कुछ दिन पूर्व भारी संख्या में लोगों ने धर्म परिवर्तन करवाया था. ये मामला काफी तूल पकड़ा था. तब हिंदू जागरण मंच ने कई लोगों की घर वापसी भी करवाई थी.
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