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गया : शिक्षकों ने सब्जी बेचकर किया प्रदर्शन, प्राइवेट कोचिंग सेंटर खोलने की मांग

मगध प्राइवेट शिक्षक संघ के बैनर तले निजी शिक्षकों ने शहर के गांधी मैदान में सब्जी बेचने का कार्य शुरू किया. इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि बीते 3 महीनों से उनके संस्थान बंद है. जिस कारण उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.

निजी शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
निजी शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jun 17, 2020, 5:52 PM IST

गया: मगध प्राइवेट कोचिंग संघ के बैनर तले बुधवार को निजी शिक्षकों ने शहर के गांधी मैदान में सब्जी बेचने का कार्य शुरू किया. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, शिक्षकों ने भारत-चीन संघर्ष के दौरान मारे गए भारतीय सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा.

परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति

मगध प्राइवेट कोचिंग संघ के अध्यक्ष आरके अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बीते 3 महीने से उनके संस्थान बंद हैं. संस्थान बंद होने की वजह से उनके परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.

gaya
निजी शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

सब्जी बेचने का निर्णय
आरके अग्रवाल ने कहा कि 4 साल पहले हमने मगध प्राइवेट शिक्षक संघ बनाया. जिसके तहत कई प्राइवेट कोचिंग संस्थान एकजुट हुए. लेकिन अब इन सभी के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में अब हमने सब्जी बेचने का निर्णय लिया है.

कोचिंग संस्थानों को खोलने की मांग

उन्होंने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन से कई बार आवेदन के माध्यम से कोचिंग संस्थानों को खोलने की मांग की गई. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया. कई बार डीएम से भी वार्ता हुई, लेकिन अब तक कोई रास्ता नहीं निकाला गया. सरकार ने कई प्रतिष्ठानों को खोलने का आदेश दिया है. सिर्फ कोचिंग संस्थानों को खोलने का आदेश नहीं दिया है. सरकार की यह कैसी दोरंगी नीति है. ऐसे में लाचारी बस हम लोग सब्जी बेचने का कार्य कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

सड़क पर आंदोलन की चेतावनी
मगध प्राइवेट शिक्षक संघ के सचिव सुरेंद्र स्वराज ने कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम जल्द ही सड़कों पर आंदोलन करेंगे. हमारे शिक्षक समाज से जुड़े जितने भी परिवार और रिश्तेदार हैं, सभी लोग इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार हम शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए तैयार हैं. इसके बावजूद हमें परमिशन नहीं दी जा रही है.

gaya
प्राइवेट कोचिंग खोलने की मांग

शिक्षकों स्थिति खराब

सुरेंद्र स्वराज ने कहा कि विडंबना यह है कि जो लोग पीएचडी डिग्री होल्डर हैं, वे लोग भी मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं. अब इससे बदतर स्थिति शिक्षकों की क्या हो सकती है. अगर मांग पूरी नहीं होती है तो जल्द ही सड़कों पर आंदोलन कर आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा.

गया: मगध प्राइवेट कोचिंग संघ के बैनर तले बुधवार को निजी शिक्षकों ने शहर के गांधी मैदान में सब्जी बेचने का कार्य शुरू किया. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, शिक्षकों ने भारत-चीन संघर्ष के दौरान मारे गए भारतीय सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा.

परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति

मगध प्राइवेट कोचिंग संघ के अध्यक्ष आरके अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बीते 3 महीने से उनके संस्थान बंद हैं. संस्थान बंद होने की वजह से उनके परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.

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निजी शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

सब्जी बेचने का निर्णय
आरके अग्रवाल ने कहा कि 4 साल पहले हमने मगध प्राइवेट शिक्षक संघ बनाया. जिसके तहत कई प्राइवेट कोचिंग संस्थान एकजुट हुए. लेकिन अब इन सभी के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में अब हमने सब्जी बेचने का निर्णय लिया है.

कोचिंग संस्थानों को खोलने की मांग

उन्होंने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन से कई बार आवेदन के माध्यम से कोचिंग संस्थानों को खोलने की मांग की गई. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया. कई बार डीएम से भी वार्ता हुई, लेकिन अब तक कोई रास्ता नहीं निकाला गया. सरकार ने कई प्रतिष्ठानों को खोलने का आदेश दिया है. सिर्फ कोचिंग संस्थानों को खोलने का आदेश नहीं दिया है. सरकार की यह कैसी दोरंगी नीति है. ऐसे में लाचारी बस हम लोग सब्जी बेचने का कार्य कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

सड़क पर आंदोलन की चेतावनी
मगध प्राइवेट शिक्षक संघ के सचिव सुरेंद्र स्वराज ने कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम जल्द ही सड़कों पर आंदोलन करेंगे. हमारे शिक्षक समाज से जुड़े जितने भी परिवार और रिश्तेदार हैं, सभी लोग इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार हम शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए तैयार हैं. इसके बावजूद हमें परमिशन नहीं दी जा रही है.

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प्राइवेट कोचिंग खोलने की मांग

शिक्षकों स्थिति खराब

सुरेंद्र स्वराज ने कहा कि विडंबना यह है कि जो लोग पीएचडी डिग्री होल्डर हैं, वे लोग भी मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं. अब इससे बदतर स्थिति शिक्षकों की क्या हो सकती है. अगर मांग पूरी नहीं होती है तो जल्द ही सड़कों पर आंदोलन कर आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा.

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