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गुमशुदगी का पोस्टर लगने के बाद गया पहुंचे प्रेम कुमार, कहा- खुश हूं कि विरोधी भी हमें खोजते हैं - Corona infection in Gaya

कोरोना महामारी के दौरान अपने इलाके में नहीं रहने को लेकर गया नगर विधानसभा के विधायक प्रेम कुमार निशाने पर थे. उनकी गुमशुदगी को लेकर इलाके में पोस्टर लगे थे. इसके बाद विधायक अपने इलाके में पहुंचे. उन्होंने अपनी गैरमौजूदगी का कारण बताया.

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Published : May 14, 2021, 8:04 AM IST

गया: गया नगर विधानसभा के विधायक प्रेम कुमार कोरोना काल में अपने इलाके में नहीं थे. इससे लोग काफी नाराज थे और उनके खिलाफ पोस्टर लगा रहे थे. पोस्टर लगने के बाद प्रेम कुमार गया पहुंचे. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वे लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे थे. इसलिए गया नहीं आ सके, लेकिन वर्चुअल और फोन के जरिये लोगों की मदद कर रहे थे.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर: कोरोना संक्रमितों को 'जीवनदान' देने में लगी महिला संगठन की टोली

लगाया गया था गुमशुदगी का पोस्टर
बता दें कि, प्रेम कुमार 1990 से लगातार गया नगर विधानसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं. राज्य के मंत्री भी रहे हैं लेकिन गया नगर में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है.

कोरोना काल में मरीज ऑक्सीजन और बेड की किल्लत से जान गंवा रहे थे. वहीं, इन हालातों में नगर विधायक पटना स्थित अपने सरकारी आवास में थे.

लोगों को जब इस बात की जानकारी हुई, तो उन्होंने ने विधायक के लापता होने का पोस्टर शहर की दीवारों पर चस्पा कर दिया. लापता का पोस्टर जारी होने के बाद बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह नगर विधायक प्रेम कुमार गया पहुंचे. उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्ति केंद्र का जायजा भी लिया. कोविड अस्पताल में मरीजों के परिजनों के बीच भोजन वितरित किया.

देखें रिपोर्ट

दी सफाई, कहा- सेवा की बदौलत हूं विधायक
इस दौरान बातचीत में पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन लागू कर दिया है. इसके नियमों का उल्लंघन करके कुछ भी करना उचित नहीं था. मैं गया में नहीं था, लेकिन हर दिन सैकड़ों कॉल आते थे. मैं सभी की मदद करता था. कोविड से बचाव को लेकर जितनी मीटिंग की जाती थी. मैं वर्चुअल तरीके से उसमें शामिल होता था. मेरी पहचान सेवा करने की रही है. इसकी बदौलत 1990 से अब तक विधायक हूं. -प्रेम कुमार, बीजेपी विधायक

यह भी पढ़ें: बिहार से यूपी आ रहे शवों के अंतिम संस्कार पर लगी रोक!

'मैं खुश हूं कि विरोधी भी हमें खोजते हैं'
लापता का पोस्टर जारी होने पर उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि मेरे विरोधी भी मुझे खोजते हैं. जो लोग चुनाव में हारे गए, वे ही इस तरह के कार्य कर रहे हैं. हम लोग कोविड अस्पताल में मरीजों के परिजनों काे भोजन करवा रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी जिले में न हो, इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं.

यह भी पढ़ें: बिहार के बक्सर में गंगा घाट पर फिर मिले आठ शव, उठ रहे कई सवाल

यह भी पढ़ें: गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

गया: गया नगर विधानसभा के विधायक प्रेम कुमार कोरोना काल में अपने इलाके में नहीं थे. इससे लोग काफी नाराज थे और उनके खिलाफ पोस्टर लगा रहे थे. पोस्टर लगने के बाद प्रेम कुमार गया पहुंचे. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वे लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे थे. इसलिए गया नहीं आ सके, लेकिन वर्चुअल और फोन के जरिये लोगों की मदद कर रहे थे.

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लगाया गया था गुमशुदगी का पोस्टर
बता दें कि, प्रेम कुमार 1990 से लगातार गया नगर विधानसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं. राज्य के मंत्री भी रहे हैं लेकिन गया नगर में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है.

कोरोना काल में मरीज ऑक्सीजन और बेड की किल्लत से जान गंवा रहे थे. वहीं, इन हालातों में नगर विधायक पटना स्थित अपने सरकारी आवास में थे.

लोगों को जब इस बात की जानकारी हुई, तो उन्होंने ने विधायक के लापता होने का पोस्टर शहर की दीवारों पर चस्पा कर दिया. लापता का पोस्टर जारी होने के बाद बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह नगर विधायक प्रेम कुमार गया पहुंचे. उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्ति केंद्र का जायजा भी लिया. कोविड अस्पताल में मरीजों के परिजनों के बीच भोजन वितरित किया.

देखें रिपोर्ट

दी सफाई, कहा- सेवा की बदौलत हूं विधायक
इस दौरान बातचीत में पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन लागू कर दिया है. इसके नियमों का उल्लंघन करके कुछ भी करना उचित नहीं था. मैं गया में नहीं था, लेकिन हर दिन सैकड़ों कॉल आते थे. मैं सभी की मदद करता था. कोविड से बचाव को लेकर जितनी मीटिंग की जाती थी. मैं वर्चुअल तरीके से उसमें शामिल होता था. मेरी पहचान सेवा करने की रही है. इसकी बदौलत 1990 से अब तक विधायक हूं. -प्रेम कुमार, बीजेपी विधायक

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'मैं खुश हूं कि विरोधी भी हमें खोजते हैं'
लापता का पोस्टर जारी होने पर उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि मेरे विरोधी भी मुझे खोजते हैं. जो लोग चुनाव में हारे गए, वे ही इस तरह के कार्य कर रहे हैं. हम लोग कोविड अस्पताल में मरीजों के परिजनों काे भोजन करवा रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी जिले में न हो, इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं.

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