गया: राज्य सरकार केंद्र सरकार की मदद से लगातार प्रवासी मजदूरों और छात्रों को राज्य वापस ला रही है. सोमवार को लगभग एक हजार छात्रों को कोटा से गया लाया गया. इस दौरान स्टेशन पर मौजूद सहायक कर्मी छात्रों का सामान बिना मजदूरी के बाहर तक ले गए. घर वापसी कर रहे छात्रों से इन्होंने कोई सेवा शुल्क नहीं वसूला.
निस्वार्थ भावना से की सेवा
छात्रों के आग्रह करने पर भी सहायकों ने पैसा लेने से साफ मना कर दिया. इन्होंने निशुल्क सेवा देने की बात कही. इनमें कई वृद्ध कुली भी शामिल थे. इस परिस्थिति में वह भी उत्साहित होकर छात्रों का सामान ढोकर ले गए. काफी संख्या में आ रहे छात्रों का सामान को ढोने में इनका काफी समय लगा और परेशानी का भी सामना करना पड़ा. इसके बावजूद वे निस्वार्थ भावना से सेवा करने में पीछे नहीं हटे.
लॉकडाउन में फंसे छात्र पहुंचे घर
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से छात्रों का बिहार लौटना जारी है. ये सभी छात्र लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंस गए थे. छात्रों ने बताया कि ये वहां कोचिंग करते हैं. कोई मेडिकल तो कोई इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है. कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से ये कोटा में ही फंस गए थे. इनके अभिभावक लगातार सरकार से अपने बच्चों को वापस बुलाने की मांग कर रहे थे.