गया (इमामगंज): विधानसभा क्षेत्र में पॉलीथिन पर प्रतिबंध दिखावा साबित हो रहा है. खुलेआम दुकानों में पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन प्रशासन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रही है. जबकि, एक साल पूर्व ही पर्यावरण के मद्देनजर अमानक पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया गया था. शुरुआत में तो लोग पॉलीथिन की जगह कागज के ठोंगे व जूट के थैले का इस्तेमाल करने लगे थे. लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण एक बार फिर से प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग बढ़ गया है.
जागरुकता अभियान भी फेल
पॉलिथीन इस्तेमाल को कम करने के लिए इमामगंज, डुमरिया और बांकेबाजार प्रखंड क्षेत्र में सामाजिक संस्थाओं द्वारा जागरुकता अभियान भी चलाया गया था. पॉलिथीन के बदले कागज का थैला बांट कर लोगों से तय मानक से कम के पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करने का अनुरोध किया गया था. जगह-जगह पर जागरुकता अभियान के दौरान दुकानदारों ने भी नियम का पालन करने की बात कही थी. लेकिन अब क्षेत्र के सब्जी, फल, दूध और किराना दुकानों में खुलेआम कम मानक के पॉलीथिन दिए जा रहे हैं.
जुर्माना वसूलने का है प्रावधान
हालांकि सरकार के द्वारा पॉलिथीन के निर्माण व उपयोग पर प्रतिबंध है. नियम का पालन न करने वालों को कड़ी सजा मिल सकती है. अगर नियम का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनके खिलाफ जुर्माना वसूलने का प्रावधान है.
कचरे में पॉलीथिन ही पॉलीथिन
इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के कई स्थानों पर जमे कचरे में सिर्फ पॉलीथिन ही दिखता है. इससे पता चलता है कि लोग घर के कचरे इसमें भर कर सड़क किनारे या नालियों में फेंक देते हैं. जिसके कारण नाला जाम हो जाता है. इसके कारण बारिश होते ही नालियों का पानी सड़क पर बहने लगता है. इससे आम लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है.
भू-जल और पर्यावरण को नुकसान
पॉलीथिन की वजह से भू-जल का स्तर गिरने के साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. पर्यावरणविद् के अनुसार पॉलीथिन एक ऐसा वेस्ट है, जिसके गलने में सैकड़ों साल लग जाते हैं. यह जिस जमीन पर मिट्टी से मिल जाता है. वह बंजर हो जाती है. बारिश का पानी का वहां पर जाना पूरी तरह से बंद हो जाता है. जिसके कारण उस इलाके की हरियाली भी धीरे-धीरे खत्म होने लगती है.
नॉन वोवेन बैग के प्लांट पर लगा ताला
इमामगंज नॉन वोवेन बैग के प्लांट के प्रोपराइटर भवानी सिंह ने बताया कि बिहार में सरकार के आदेश के बाद पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया गया था. उसी दौरान सरकार के मानक अनुसार उन्होंने नॉन वोवेन बैग का प्लांट इमामगंज में लगाया था. लेकिन अब वापस से पॉलीथिन का इस्तेमाल शुरू हो गया है. जिससे नॉन वोवेन बैग प्लांट ठप पड़ गया. उन्होंने बताया कि हमारे प्लांट में 35 मजदूर काम करते थे. अब वे कहीं काम नहीं करते. उनको दो वक्त की रोटी पर भी आफत है.