गया: बिहार के गया में पितृपक्ष मेले के 15वें दिन संध्या में पितृ दिवाली मनाई गई. पितृ दिवाली उत्सव के साथ मनाई गई. इस दौरान महिला पुरुष तीर्थ यात्रियों ने अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर नृत्य भी किये. ढोल नगाड़े के बीच पितृ दिवाली मनाई गई. इतना ही नहीं, जर्मनी से पहुंची विदेशी महिलाओं ने भी पितृ दिवाली को देखा और काफी प्रभावित हुई. वहीं स्वास्तिक और ओम लिखकर दीये से विष्णुपद देवघाट जगमग कर दिया.
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गया में मनाई गई पितृ दिवाली : मोक्ष की धरती विष्णुपद के देवघाट पर पितृ दिवाली उत्सव के रूप में मनाई गई. यह घाट पितरों के निमित्त जले दीयों से जगमग हो गया. ऐसा लगा जैसे स्वर्ग यहां उतर आया हो. पितरों के स्वर्ग जाने की रोशनी का पर्व पितृ पक्ष मेले के 15वें दिन पितृ दीपावली के रूप में मनाई जाती है. इसे पिंडदानी पितृ उत्सव के तौर पर मनाते हैं. ढोल-नगाड़े, गाजे-बाजे के साथ पितृ दीपावली का उत्सव मनाकर पितरों को स्वर्ग लोक प्राप्त होने व मोक्ष की कामना की.
करीब 50 हजार लोगों ने मनाया पितृ उत्सव : तकरीबन 50 हजार से भी अधिक तीर्थ यात्रियों ने पितृ दिवाली का उत्सव मनाया. इस दौरान सत्यनारायण कथा भी की गई. फल्गु नदी में बने गया जी डैम में तीर्थ यात्रियों ने दीप को प्रवाहित कर भी पितृ दीपावली मनाई गई.
"पितृ दीपावली से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं. पितृ दीपावली से पितरों के लिए स्वर्ग में जाने को रोशनी मिलती है और वह स्वर्ग लोक को प्राप्त होते हुए मोक्ष की प्राप्ति कर लेते हैं."-पुजारी
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