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इस साल भी गया नगर निगम जलजमाव से निपटने में नहीं हुआ सफल, त्रस्त हैं लोग

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Published : Jun 30, 2020, 7:47 PM IST

गया शहर में सालों से जलजमाव की समस्या है. बरसात के समय ये समस्या और बड़ी मुसीबत बन जाता है. जलजमाव की समस्या से निजात पाने के लिए हर साल प्रयास किया जाता है, लेकिन आज तक गया नगर निगम सफल नहीं हो सका.

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गया

गया: गया की ख्याति पूरे विश्व में फैली हुई है. दर्जनों देश से पर्यटक व श्रद्धालु पर्यटन के लिये गया आते है. अंतर्राष्ट्रीय स्थल होने के बावजूद आज तक गया का विकास उस स्तर का नहीं हो सका. गया में बरसात के शुरुआती दिनों से कई मोहल्लों में जलजमाव की स्थिति बन जाती है. जलजमाव की समस्या से निजात पाने के लिए हर साल प्रयास किया जाता है, लेकिन आज तक गया नगर निगम सफल नहीं हो सका. इस साल भी गया शहर में जलजमाव की समस्या जस की तस बनी हुई है.

दरअसल, गया शहर में छोटे-बड़े 50 नाले हैं. इसमें अधिकांश नालों को अंग्रेजों ने बनाया था. वो नाले आज भी अस्तित्व में हैं और कारगर हैं. इनके अलावा गया नगर निगम और बिहार सरकार द्वारा बनाये गये नाले अस्तित्व में तो हैं लेकिन कारगर नहीं हैं. इनको कारगर बनाने के लिए गया नगर निगम हर साल प्रयास करती है लेकिन सफल नहीं हो पाती. बात करें मनसरवा नाला की तो गया शहर में माड़नपुर बाईपास के पास स्थित मधुसूदन कॉलोनी और अशोक विहार कॉलोनी के बीच से गुजरने वाला मनसरवा नाला लोगों के डर का कारण बन गया है. साल 2017 में मनसरवा नाला में अतिक्रमण होने से इस इलाके में भयंकर जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई थी. जिस कारण हजारों घर डूब गए थे. गया जैसे सूखाग्रस्त जिले में सरकारी लापरवाही से आई बाढ़ को देखने सूबे के मुख्यमंत्री भी पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने कई आदेश दिए लेकिन नाला की हालत जस के तस बनी हुई है.

देखें रिपोर्ट

पानी निकालने के लिये जनरेटर का इस्तेमाल
पूर्व वार्ड पार्षद सह आरटीआई कार्यकर्ता लालाजी प्रसाद ने बताया कि गया शहर में अंग्रेजों द्वारा भूगर्भ नाला बनवाया गया था. वो नाला आज भी उपयोग में है. वर्तमान में गया नगर निगम जलजमाव से निपटने में सफल नहीं हो पा रहा है. मनसरवा नाला और बॉटम नाला के लिए सरकार ने योजनाएं और राशि निर्गत किया है लेकिन निगम की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण काम नहीं हो पा रहा है. शहर के दुर्गाबाड़ी और बारी रोड की सड़कों पर नाले का पानी जमा ही रहता है. निगम यहां से पानी निकालने के नाम पर वर्षों से टावर चौक के पास जनरेटर चला रहा है. इसके बाद भी यहां के लोगों को कोई खास राहत नहीं मिली है. नाले के पानी से दुर्गाबाड़ी के लोग परेशान हैं. वहीं जनरेटर की आवाज से टावर चौक के निवासी त्रस्त हैं.

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जनरेटर से निकाला जाता है पानी

लोग परेशान
दुर्गाबाड़ी रोड के दुकानदार मोहम्मद जमील ने बताया बॉटम नाला की सफाई नहीं होने की वजह से यहां सालों भर पानी लगा रहता है. ये समस्या पिछले दस सालों से है. आज तक इस समस्या से निजात नहीं मिली. ठेला और रिक्शा चालकों के अलावा पैदल चलने वाले लोग भी इस जलजमाव से परेशान हैं. वहीं टावर चौक के दुकानदार मुन्ना सरकार ने बताया कि बॉटम नाला का पानी निकालने के लिए पिछले दस सालों से जनरेटर चलाया जा रहा है. लगातार 24 घंटे जनरेटर चलने से उसकी आवाज से हमलोग परेशान रहते हैं. इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है.

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नाले की मरम्मत

सांसद ने दिया भरोसा
गया शहर को जलजमाव से निजात दिलाने में विफल नगर निगम पर गया सांसद विजय मांझी को भरोसा है. सांसद विजय मांझी ने कहा कि गया नगर निगम के नगर आयुक्त अच्छा काम कर रहे हैं. जहां समस्या है उसका हल निकाला जाएगा. इस साल उम्मीद करते हैं कि जलजमाव की स्थिति नहीं रहेगी. वहीं इस संबंध में गया नगर निगम के सावन कुमार ने बताया कि दुर्गाबाड़ी में जलजमाव की समस्या का हल दो दिनों में निकल जायेगा. बॉटम नाला बनकर लगभग तैयार हो गया है. वहीं बरसात के पानी से जलजमाव न हो इसे लेकर पूरी तैयारी चल रही है. गया नगर निगम और डीएम ऑफिस में जलजमाव नहीं होगा. मनसरवा नाला की पूरी सफाई करवाई गई है. उसमें बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है.

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जलजमाव से लोग परेशान

नाला पक्कीकरण का काम चल रहा है
बता दें कि बॉटम नाला के माध्यम से गया शहर से पानी निकलता है. बॉटम नाला शहर के बीचों बीच पड़ता है. ये नाला जाम और अतिक्रमण होने के कारण बंद हो गया था. नगर निगम इस साल बॉटम नाला को अतिक्रमण मुक्त कराकर इसका पक्कीकरण कर रहा है. इसके लिए नगर निगम की तरफ से 1 करोड़ 10 लाख रुपये की राशि खर्च कर रही है. अभी तक बॉटम नाला 800 फुट तक तैयार हो गया है. वहीं नदी की ओर 350 फुट बनाने का काम चल रहा है.

गया: गया की ख्याति पूरे विश्व में फैली हुई है. दर्जनों देश से पर्यटक व श्रद्धालु पर्यटन के लिये गया आते है. अंतर्राष्ट्रीय स्थल होने के बावजूद आज तक गया का विकास उस स्तर का नहीं हो सका. गया में बरसात के शुरुआती दिनों से कई मोहल्लों में जलजमाव की स्थिति बन जाती है. जलजमाव की समस्या से निजात पाने के लिए हर साल प्रयास किया जाता है, लेकिन आज तक गया नगर निगम सफल नहीं हो सका. इस साल भी गया शहर में जलजमाव की समस्या जस की तस बनी हुई है.

दरअसल, गया शहर में छोटे-बड़े 50 नाले हैं. इसमें अधिकांश नालों को अंग्रेजों ने बनाया था. वो नाले आज भी अस्तित्व में हैं और कारगर हैं. इनके अलावा गया नगर निगम और बिहार सरकार द्वारा बनाये गये नाले अस्तित्व में तो हैं लेकिन कारगर नहीं हैं. इनको कारगर बनाने के लिए गया नगर निगम हर साल प्रयास करती है लेकिन सफल नहीं हो पाती. बात करें मनसरवा नाला की तो गया शहर में माड़नपुर बाईपास के पास स्थित मधुसूदन कॉलोनी और अशोक विहार कॉलोनी के बीच से गुजरने वाला मनसरवा नाला लोगों के डर का कारण बन गया है. साल 2017 में मनसरवा नाला में अतिक्रमण होने से इस इलाके में भयंकर जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई थी. जिस कारण हजारों घर डूब गए थे. गया जैसे सूखाग्रस्त जिले में सरकारी लापरवाही से आई बाढ़ को देखने सूबे के मुख्यमंत्री भी पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने कई आदेश दिए लेकिन नाला की हालत जस के तस बनी हुई है.

देखें रिपोर्ट

पानी निकालने के लिये जनरेटर का इस्तेमाल
पूर्व वार्ड पार्षद सह आरटीआई कार्यकर्ता लालाजी प्रसाद ने बताया कि गया शहर में अंग्रेजों द्वारा भूगर्भ नाला बनवाया गया था. वो नाला आज भी उपयोग में है. वर्तमान में गया नगर निगम जलजमाव से निपटने में सफल नहीं हो पा रहा है. मनसरवा नाला और बॉटम नाला के लिए सरकार ने योजनाएं और राशि निर्गत किया है लेकिन निगम की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण काम नहीं हो पा रहा है. शहर के दुर्गाबाड़ी और बारी रोड की सड़कों पर नाले का पानी जमा ही रहता है. निगम यहां से पानी निकालने के नाम पर वर्षों से टावर चौक के पास जनरेटर चला रहा है. इसके बाद भी यहां के लोगों को कोई खास राहत नहीं मिली है. नाले के पानी से दुर्गाबाड़ी के लोग परेशान हैं. वहीं जनरेटर की आवाज से टावर चौक के निवासी त्रस्त हैं.

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जनरेटर से निकाला जाता है पानी

लोग परेशान
दुर्गाबाड़ी रोड के दुकानदार मोहम्मद जमील ने बताया बॉटम नाला की सफाई नहीं होने की वजह से यहां सालों भर पानी लगा रहता है. ये समस्या पिछले दस सालों से है. आज तक इस समस्या से निजात नहीं मिली. ठेला और रिक्शा चालकों के अलावा पैदल चलने वाले लोग भी इस जलजमाव से परेशान हैं. वहीं टावर चौक के दुकानदार मुन्ना सरकार ने बताया कि बॉटम नाला का पानी निकालने के लिए पिछले दस सालों से जनरेटर चलाया जा रहा है. लगातार 24 घंटे जनरेटर चलने से उसकी आवाज से हमलोग परेशान रहते हैं. इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है.

gaya
नाले की मरम्मत

सांसद ने दिया भरोसा
गया शहर को जलजमाव से निजात दिलाने में विफल नगर निगम पर गया सांसद विजय मांझी को भरोसा है. सांसद विजय मांझी ने कहा कि गया नगर निगम के नगर आयुक्त अच्छा काम कर रहे हैं. जहां समस्या है उसका हल निकाला जाएगा. इस साल उम्मीद करते हैं कि जलजमाव की स्थिति नहीं रहेगी. वहीं इस संबंध में गया नगर निगम के सावन कुमार ने बताया कि दुर्गाबाड़ी में जलजमाव की समस्या का हल दो दिनों में निकल जायेगा. बॉटम नाला बनकर लगभग तैयार हो गया है. वहीं बरसात के पानी से जलजमाव न हो इसे लेकर पूरी तैयारी चल रही है. गया नगर निगम और डीएम ऑफिस में जलजमाव नहीं होगा. मनसरवा नाला की पूरी सफाई करवाई गई है. उसमें बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है.

gaya
जलजमाव से लोग परेशान

नाला पक्कीकरण का काम चल रहा है
बता दें कि बॉटम नाला के माध्यम से गया शहर से पानी निकलता है. बॉटम नाला शहर के बीचों बीच पड़ता है. ये नाला जाम और अतिक्रमण होने के कारण बंद हो गया था. नगर निगम इस साल बॉटम नाला को अतिक्रमण मुक्त कराकर इसका पक्कीकरण कर रहा है. इसके लिए नगर निगम की तरफ से 1 करोड़ 10 लाख रुपये की राशि खर्च कर रही है. अभी तक बॉटम नाला 800 फुट तक तैयार हो गया है. वहीं नदी की ओर 350 फुट बनाने का काम चल रहा है.

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