गया: बिहार गया में बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री पहुंच गए हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. वो एयरपोर्ट से बोधगया के संबोधि होटल में आवासन के लिए रवाना हो गए हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री गया में तीन दिनों का प्रवास करेंगे और इस दौरान विष्णुपद, मंगलागौरी मंदिर महाबोधि मंदिर दर्शन करेंगे. वहीं पूर्वजों का तर्पण भी करेंगे.
तीन दिनों का करेंगे प्रवास: बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री सोमवार, मंगलवार और बुधवार को बोधगया में रहेगे. इस बीच में देश के प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल विष्णुपद मंदिर, मंगला गौरी मंदिर और महाबोधि मंदिर दर्शन करने को जाएंगे. पूर्वजों का निमित तर्पण भी करेंगे. मंगलवार और बुधवार को वे तर्पण का कर्मकांड आदि कर सकते हैं.
पूर्व में आ चुके हैं बाबा बागेश्वर के पूर्वज: पूर्व में बाबा बागेश्वर के पूर्वज गया जी को पिंडदान करने को आ चुके हैं. इस संबंध में पूर्वजों का पिंडदान करने वाले संबंधित गयापाल पंडा गजाधर लाल कटरियार ने बताया कि यह कंफर्म हो गया है कि बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री आज आ गए हैं. वह तीन दिनों का प्रवास गया में करेंगे. इन तीन दिनों में चुनिंदा भक्तों से मिलेंगे और पितरों के लिए कर्मकांड करेंगे.
नहीं लगेगा बाबा का दिव्य दरबार: उनके काफी सारे अनुयायी गया पहुंचकर पिंडदान कर रहे हैं. इसके बीच सोमवार को आज पंडित धीरेंद्र शास्त्री का आगमन हुआ है. वह विष्णुपद मंदिर के दर्शन करेंगे. इसके अलावा मंगला गौरी मंदिर, महाबोधि मंदिर दर्शन करने को भी जाएंगे. फल्गु तट पर तर्पण का कर्मकांड करेंगे. हालांकि बाबा बागेश्वर गया में दिव्य दरबार नहीं लगाएंगे.
"पूर्व में भी बाबा बागेश्वर धाम के पूर्वजी गया जी को आ चुके हैं और पिंडदान कर चुके हैं. पंडित आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के पूर्वज सेतु लाल गर्ग गया जी को पिंडदान करने आए थे. बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य के गया आने की खबर के बीच लोगों में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है."- गजाधर लाल कटरियार, गयापाल पंडा
प्रशासन ने नहीं दिया दिव्य दरबार लगाने की अनुमति: प्रशासन ने दिव्य दरबार लगाने की अनुमति नहीं दी है. पूर्व से कार्यक्रम था कि गया पहुंचकर दिव्य दरबार लगाएंगे, लेकिन यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. बागेश्वर धाम के आचार्य ने भी कहा था विश्व प्रसिद्ध पपितृपक्ष मेले में लाखों लोग पहुंचते हैं. ऐसे में उन्होंने दिव्या दरबार नहीं लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन वह चुनिंदा भक्तों से मिलेंगे और भागवत कथा कराएंगे.