गया : बाबा बागेश्वर 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक गया के पितृ पक्ष मेले में रहेंगे. इस दौरान वो पिंडदान करेंगे. उन्होंने खुद एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी. हालांकि वो इस दौरान दिव्य दरबार नहीं लगाएंगे. बता दें कि भक्तों की कुंडली खंगालने वाले, लोगों के कल्याण की मंगल कामना करने वाले बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पीढ़ियों की कुंडली बिहार के गया में है.
गया में पिंडदान करेंगे लेकिन नहीं लगाएंगे दिव्य दरबार : हालांकि इस दौरान वे दिव्य दरबार नहीं लगाएंगे क्योंकि इसके लिए प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है. बता दें, कि पूर्व में 26 सितंबर को उनके गया आगमन की चर्चा थी, लेकिन वह रद्द कर दिया गया है. अब बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री 1 अक्टूबर को अपने पितरों के पिंडदान के लिए गया पहुंच सकते हैं. गया में पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने और विदेशों से भी तीर्थयात्री आते हैं. ऐसे में बाबा बागेश्वर के पूर्वज भी इससे अछूते नहीं हैं.
''बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री जी के आयोजन का प्रशासनिक एवं पुलिसिया समीक्षा तथा जांच की गई थी, समीक्षा उपरांत यह निर्णय लिया गया कि पितृपक्ष मेला में कई राज्यों से लाखों तीर्थयात्री आते हैं. बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री के आयोजन के कारण विधि व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण एवं तीर्थ यात्रियों के सुगम आवागमन में कठिनाई संभावित है. अतः तीर्थयात्रियों के हित मे बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री जी के आयोजन की अनुमति नहीं दी गयी.''- जिला प्रशासन गया
बागेश्वर बाबा के दादा ने किया था पिंडदान : बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादा भगवान दास गर्ग उर्फ सेतु लाल गर्ग भी गया को पहुंचे थे. तब उन्होंने अपने पितरों का पिंडदान किया था. फसली संवत के अनुसार वे 1398 (अभी का अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1988) में गया पहुंचे थे और गया में अपने गयापाल पंडा गजाधर लाल कटारिया के पूर्वज से अपने पितरों का पिंडदान कराया था.
बागेश्वर बाबा के पितरों का बहीखाता : इसका बही खाता आज भी गजाधर लाल कटारिया के यहां मौजूद है. गौरतलब हो कि गया में पिंडदान करने वालों का बही खाता गयापाल पंडा समाज के पास रहता है. इसमें क्षेत्रवार पंडा समाज का बंटवारा होता है, जिसके अनुसार तीर्थयात्री संबंधित क्षेत्र से जुड़े गया पाल पंडा के यहां पहुंचते हैं और उन्हीं के सानिध्य में पितरों का पिंडदान कर्मकांड संपन्न करवाते हैं.
पूर्वजों का भी जिक्र : बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पूर्वज गया को पहुंचे थे. कई पीढ़ियों का यहां आगमन बताया जाता है. फिलहाल में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादा भगवान दास गर्ग उर्फ सेतु लाल गर्ग का गया जी पहुंचना बताया गया है. इसकी पुष्टि उड़ीसा भवन के गजाधर लाल कटारिया करते हैं. इनके पास वह बही खाता भी है, जिसमें भगवान दास गर्ग (सेतु लाल गर्ग) के नाम का जिक्र है. यह भी बताया जाता है, कि इसके पूर्व बाबा बागेश्वर की कई पीढ़ियां गया जी पिंडदान करने को आ चुके हैं. यहां बाबा बागेश्वर के परदादा मुरलीधर भी पहुंचे थे और पितरों के निमित्त पिंडदान किया था.
बाबा बागेश्वर के गांव के सभी लोग उड़ीसा भवन पहुंचते हैं : बाबा बागेश्वर के गांव के लोगों का पिंडदान से जुड़ाव गया में स्थित उड़ीसा भवन से है. बाबा बागेश्वर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव से जुड़े हैं. वहीं, गयापाल पंडा गजाधर लाल कटारिया की मानें, तो छतरपुर के गढ़ा गांव के सारे जजमान उन्हीं के यहां आते हैं. इस गांव के सारे तीर्थयात्री उड़ीसा भवन ही आते हैं और अभी वर्तमान में गजाधर लाल कटारिया के द्वारा ही इस जिला इस गांव के तीर्थ यात्रियों के पितरों के नाम कराए जाने वाले पिंडदान कर्मकांड कराए जाते हैं.
गया का उड़ीसा भवन हुआ चर्चित : जानकारी के अनुसार 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक वे गया में रहेंगे. इस दौरान वे अपने पितरों का पिंडदान का कर्मकांड करेंगे. वहीं, बताया जाता है कि वह विष्णुपद मंदिर में भगवान श्री हरि के दर्शन के अलावे मंगला गौरी और बोधगया महाबोधी मंदिर भी जाकर भगवान बुद्ध को नमन करेंगे.
'काफी सुखद खबर है' : इस संबंध में गजाधर लाल कटारिया बताते हैं कि बड़ी खुशी की बात है, कि बाबा बागेश्वर गया में पितरों का पिंडदान करने आएंगे. उनके पूर्वज हमारे जजमान रहे हैं. अभी यह जानकारी मिली है कि बाबा बागेश्वर गया जी पहुंचकर पितरों का पिंडदान कराएंगे तो या काफी खुशी की बात है. पितरों के ऋण से उऋण होने के लिए यह जरूरी भी है.