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गया: पंडा समाज ने ऑनलाइन पिंडदान प्रक्रिया का किया विरोध

गयापाल पंडा समाज के लोगों ने ऑनलाइन पिंडदान की प्रक्रिया का विरोध किया है. पंडा समाज के लोगों का कहना है कि गयाजी आकर ही पिंडदान करना सबसे उत्तम कार्य है. वही समाज के लोगों ने कोरोना काल के दौरान सरकार के गाइडलाइन के अनुसार पिंडदान प्रक्रिया संपन्न करवाने की बात कही है.

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Published : Aug 26, 2020, 11:01 PM IST

Updated : Aug 29, 2020, 12:03 AM IST

गया: जिले के गयापाल पंडा समाज के लोगों ने ऑनलाइन पिंडदान प्रक्रिया का विरोध किया है. इसे लेकर विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के बैनर तले गयापाल पंडा समाज के लोगों ने शहर के चांदचौरा मोहल्ला स्थित सिजुआर भवन के प्रांगण में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस दौरान विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कई सदस्य उपस्थित थे.

इस मौके पर विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुप्त ने कहा कि आज ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कई क्षेत्रों में व्यवसाई किया जा रहा है. इससे लोगों को सहूलियत भी हो रही है. लेकिन अब सरकार ने ऑनलाइन पिंडदान की व्यवस्था की है, जो कहीं से भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में वर्णन के अनुसार किस व्यक्ति को, किसका पिंडदान करने का अधिकार है, यह सारी बातें लिखी हुई है. इतना ही नहीं पौराणिक मान्यता के अनुसार गयाजी आकर पिंडदान करना सबसे उत्तम कार्य बताया गया है. ऐसे में हमलोग ऑनलाइन पिंडदान प्रक्रिया का विरोध करते हैं.

प्रेसवार्ता कर जानकारी देते गयापाल पंडा समाज
प्रेसवार्ता कर जानकारी देते गयापाल पंडा समाज

कई लोगों की आजीविका का है सवाल
उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल को लेकर पितृपक्ष मेला 2020 को स्थगित किया है. लेकिन हम सरकार से यह कहना चाहते हैं कि जो लोग पिंडदान करना चाहते हैं, उन्हें गया आने दिया जाए. हम पंडा समाज के लोग सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पिंडदान की प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए तैयार हैं. पिंडदान से कई लोगों की आजीविका जुड़ी है. पंडा समाज के अलावा इस कार्य से जुड़े लोगों की भी आजीविका का सवाल है.

देखें रिपोर्ट

गाइडलाइन के अनुसार पिंडदान करवाने की मांग
वहीं उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में सरकार चुनाव करा सकती है. विभिन्न मॉल और दुकानों को खोल सकती है. तो फिर पिंडदान करवाने में क्या समस्या है? जिस तरह अन्य लोगों की आजीविका का ख्याल रखते हुए सरकार ने उनकी दुकानों और संस्थानों को खोलने का आदेश दे रखा है. उसी तरह पिंडदान की भी प्रक्रिया को सरकार गाइडलाइन के अनुसार संपन्न करवाने का आदेश दें. ताकि पिंडदान कर्मकांड से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी चल सके.

गया: जिले के गयापाल पंडा समाज के लोगों ने ऑनलाइन पिंडदान प्रक्रिया का विरोध किया है. इसे लेकर विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के बैनर तले गयापाल पंडा समाज के लोगों ने शहर के चांदचौरा मोहल्ला स्थित सिजुआर भवन के प्रांगण में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस दौरान विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कई सदस्य उपस्थित थे.

इस मौके पर विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुप्त ने कहा कि आज ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कई क्षेत्रों में व्यवसाई किया जा रहा है. इससे लोगों को सहूलियत भी हो रही है. लेकिन अब सरकार ने ऑनलाइन पिंडदान की व्यवस्था की है, जो कहीं से भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में वर्णन के अनुसार किस व्यक्ति को, किसका पिंडदान करने का अधिकार है, यह सारी बातें लिखी हुई है. इतना ही नहीं पौराणिक मान्यता के अनुसार गयाजी आकर पिंडदान करना सबसे उत्तम कार्य बताया गया है. ऐसे में हमलोग ऑनलाइन पिंडदान प्रक्रिया का विरोध करते हैं.

प्रेसवार्ता कर जानकारी देते गयापाल पंडा समाज
प्रेसवार्ता कर जानकारी देते गयापाल पंडा समाज

कई लोगों की आजीविका का है सवाल
उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल को लेकर पितृपक्ष मेला 2020 को स्थगित किया है. लेकिन हम सरकार से यह कहना चाहते हैं कि जो लोग पिंडदान करना चाहते हैं, उन्हें गया आने दिया जाए. हम पंडा समाज के लोग सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पिंडदान की प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए तैयार हैं. पिंडदान से कई लोगों की आजीविका जुड़ी है. पंडा समाज के अलावा इस कार्य से जुड़े लोगों की भी आजीविका का सवाल है.

देखें रिपोर्ट

गाइडलाइन के अनुसार पिंडदान करवाने की मांग
वहीं उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में सरकार चुनाव करा सकती है. विभिन्न मॉल और दुकानों को खोल सकती है. तो फिर पिंडदान करवाने में क्या समस्या है? जिस तरह अन्य लोगों की आजीविका का ख्याल रखते हुए सरकार ने उनकी दुकानों और संस्थानों को खोलने का आदेश दे रखा है. उसी तरह पिंडदान की भी प्रक्रिया को सरकार गाइडलाइन के अनुसार संपन्न करवाने का आदेश दें. ताकि पिंडदान कर्मकांड से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी चल सके.

Last Updated : Aug 29, 2020, 12:03 AM IST
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