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गया: SSP के दावे की खुली पोल, पितृपक्ष मेले में सुरक्षा व्यवस्था काफी लचर

12 सितंबर से राजकीय पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो गई. मेले में शुक्रवार से श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरु हो गया है. लेकिन मेले में सुरक्षा चाक चौबंद नहीं है.

वॉच टॉवर
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Published : Sep 13, 2019, 6:40 PM IST

Updated : Sep 13, 2019, 8:20 PM IST

गया: जिले में 12 सितंबर से राजकीय पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो गई. मेले में शुक्रवार से श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरु हो गया है. अनंत चतुर्दशी के दिन से पिंडदान करने का महत्व फल्गु नदी पर है. शुक्रवार सुबह से ही फल्गु नदी पर पिंडदानिओं की भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं, इनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतेजाम नहीं है. फल्गु नदी के तट पर सिर्फ एक-दो पुलिसकर्मी ही मौजूद हैं. पहले दिन ही पुलिसकर्मी की मौजूदगी प्रशासन के दावे की पोल खोल रही है.

2014 में राजकीय मेला घोषित किया गया
विष्णु नगरी जहां पितरों को मोक्ष दिलाया जाता है. देश-विदेश के श्रद्धालु अपने पितरों को मोक्ष दिलाने गया जी आते हैं. प्रत्येक वर्ष अनंत चतुर्दशी के दिन से पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो जाती है. पितृपक्ष मेले को 2014 में राजकीय मेला घोषित किया गया था. तब से ही मेले पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन विशेष ध्यान देता है. राजकीय पितृपक्ष मेला 2019 को लेकर जिले के पुलिस कप्तान ने सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन, एसएसपी के दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

gaya
फल्गु नदी के तट पर पिंडदानिओं की लगी भीड़

टॉवरों से चोरों पर नजर
एसएसपी ने कहा था कि फल्गु नदी में तीन वॉच टावर और नदी के तट पर देवघाट पर चार वॉच टॉवर लगाए गए हैं. इन टॉवरों से चोरों पर नजर रखी जाएगी. सुबह की बेला में नदी के पास अंधेरा रहता है चोर इसका फायदा उठाते हैं. इसीलिए वॉच टॉवर से पूरी निगरानी रखी जाएगी.

पितृपक्ष मेले में सुरक्षा व्यवस्था लचर

सीसीटीवी कैमरे भी नहीं हैं
घाटों पर करीब आधा दर्जन वॉच टॉवर तो लगा है. लेकिन उन वॉच टॉवर पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है. सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए है. तीर्थयात्री बिना सुरक्षा के नदी में सुबह से पिंडदान कर रहे हैं.


गया: जिले में 12 सितंबर से राजकीय पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो गई. मेले में शुक्रवार से श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरु हो गया है. अनंत चतुर्दशी के दिन से पिंडदान करने का महत्व फल्गु नदी पर है. शुक्रवार सुबह से ही फल्गु नदी पर पिंडदानिओं की भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं, इनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतेजाम नहीं है. फल्गु नदी के तट पर सिर्फ एक-दो पुलिसकर्मी ही मौजूद हैं. पहले दिन ही पुलिसकर्मी की मौजूदगी प्रशासन के दावे की पोल खोल रही है.

2014 में राजकीय मेला घोषित किया गया
विष्णु नगरी जहां पितरों को मोक्ष दिलाया जाता है. देश-विदेश के श्रद्धालु अपने पितरों को मोक्ष दिलाने गया जी आते हैं. प्रत्येक वर्ष अनंत चतुर्दशी के दिन से पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो जाती है. पितृपक्ष मेले को 2014 में राजकीय मेला घोषित किया गया था. तब से ही मेले पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन विशेष ध्यान देता है. राजकीय पितृपक्ष मेला 2019 को लेकर जिले के पुलिस कप्तान ने सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन, एसएसपी के दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

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फल्गु नदी के तट पर पिंडदानिओं की लगी भीड़

टॉवरों से चोरों पर नजर
एसएसपी ने कहा था कि फल्गु नदी में तीन वॉच टावर और नदी के तट पर देवघाट पर चार वॉच टॉवर लगाए गए हैं. इन टॉवरों से चोरों पर नजर रखी जाएगी. सुबह की बेला में नदी के पास अंधेरा रहता है चोर इसका फायदा उठाते हैं. इसीलिए वॉच टॉवर से पूरी निगरानी रखी जाएगी.

पितृपक्ष मेले में सुरक्षा व्यवस्था लचर

सीसीटीवी कैमरे भी नहीं हैं
घाटों पर करीब आधा दर्जन वॉच टॉवर तो लगा है. लेकिन उन वॉच टॉवर पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है. सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए है. तीर्थयात्री बिना सुरक्षा के नदी में सुबह से पिंडदान कर रहे हैं.


Intro:12 सितंबर को राजकीय पितृपक्ष मेला का शुभारंभ हुआ, मेला में कल से श्रद्धालुओं का आना जारी है। आज पिंडदान करने का महत्व फल्गू नदी पर हैं। सुबह से फल्गू नदी पर पिंडदानी जुट रहे हैं लेकिन इनके सुरक्षा के लिए एक दो पुलिसकर्मी है। फल्गू नदी और इसके तट पर बने वॉच टावर पर भी कोई पुलिसकर्मी नही है। प्रशासन के दावा का पहला दिन पोल खुल गया है।


Body:विष्णु नगरी गया जहां पितरों को मोक्ष दिलाया जाता है। देश विदेश के श्रद्धालु अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति के लिए गया जी मे आते हैं। प्रत्येक वर्ष अनंत चतुर्दशी के दिन से पितृपक्ष मेला का शुभारंभ होता है। इस मेला को 2014 में राजकीय मेला का घोषणा किया गया है। तब से इस मेला पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन विशेष ध्यान देता है। राजकीय पितृपक्ष मेला 2019 के शुभारंभ से पहले जिला के पुलिस कप्तान द्वारा सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े दावा किया जा रहा था लेकिन एसएसपी के दावा जमीन हकीकत पर शून्य हैं।


एसएसपी ने कहा था फल्गू नदी में तीन वॉच टावर और नदी के तट पर देवघाट पर चार वॉच टॉवर लगाया गया हैं। इन टॉवर से चोरों पर नजर रखी जायेगी। सुबह के बेला में नदी के पास अंधेरा रहता है चोर इसका फायदा उठाते हैं। वॉच टॉवर से पूरी निगरानी रखी जायेगी।

करीब आधा दर्जन वॉच टॉवर तो लगा है लेकिन उस वॉच टॉवर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नही था। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी नही लगाए गए थे। तीर्थयात्री बिना सुरक्षा के नदी में सुबह से पिंडदान का विधि विधान कर रहे हैं।


Conclusion:
Last Updated : Sep 13, 2019, 8:20 PM IST
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