गया: जिले में 12 सितंबर से राजकीय पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो गई. मेले में शुक्रवार से श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरु हो गया है. अनंत चतुर्दशी के दिन से पिंडदान करने का महत्व फल्गु नदी पर है. शुक्रवार सुबह से ही फल्गु नदी पर पिंडदानिओं की भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं, इनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतेजाम नहीं है. फल्गु नदी के तट पर सिर्फ एक-दो पुलिसकर्मी ही मौजूद हैं. पहले दिन ही पुलिसकर्मी की मौजूदगी प्रशासन के दावे की पोल खोल रही है.
2014 में राजकीय मेला घोषित किया गया
विष्णु नगरी जहां पितरों को मोक्ष दिलाया जाता है. देश-विदेश के श्रद्धालु अपने पितरों को मोक्ष दिलाने गया जी आते हैं. प्रत्येक वर्ष अनंत चतुर्दशी के दिन से पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो जाती है. पितृपक्ष मेले को 2014 में राजकीय मेला घोषित किया गया था. तब से ही मेले पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन विशेष ध्यान देता है. राजकीय पितृपक्ष मेला 2019 को लेकर जिले के पुलिस कप्तान ने सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन, एसएसपी के दावे खोखले साबित हो रहे हैं.
टॉवरों से चोरों पर नजर
एसएसपी ने कहा था कि फल्गु नदी में तीन वॉच टावर और नदी के तट पर देवघाट पर चार वॉच टॉवर लगाए गए हैं. इन टॉवरों से चोरों पर नजर रखी जाएगी. सुबह की बेला में नदी के पास अंधेरा रहता है चोर इसका फायदा उठाते हैं. इसीलिए वॉच टॉवर से पूरी निगरानी रखी जाएगी.
सीसीटीवी कैमरे भी नहीं हैं
घाटों पर करीब आधा दर्जन वॉच टॉवर तो लगा है. लेकिन उन वॉच टॉवर पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है. सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए है. तीर्थयात्री बिना सुरक्षा के नदी में सुबह से पिंडदान कर रहे हैं.