गया: जिले में कोरोना महामारी के चलते कोहराम मचा है. सरकारी आंकड़ों से इतर श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में कोरोना से मरनेवाले मरीजों के शवों के आने का सिलसिला जारी है. गया में जिला प्रशासन और गया नगर निगम ने श्मशान घाट से लेकर कब्रिस्तान तक कोई व्यवस्था नहीं की है. श्मशान घाट पर डोम राजा तो कब्रिस्तान में परिजनों के भरोसे शव का अंतिम संस्कार हो रहा है.
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बेतरतीब तरीके से जलाया जा रहा शव
गया में कोरोना से मरनेवाले की संख्या एक माह के अंदर 50 के करीब पहुंच गई है. श्मशान घाट पर शवों के आने का सिलसिला जारी है. कोरोना के चलते मरने वालों के शव को बेतरतीब तरीके से जलाया जा रहा है. गया नगर निगम दावा करती है कि श्मशान घाट पर एक अधिकारी सहित छह लोग तैनात हैं.
कब्रिस्तानों में नहीं कोई व्यवस्था
गया शहर के पांच कब्रिस्तानों में नगर निगम द्वारा कोविड से मरनेवालों के शव के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. ईटीवी भारत ने गया शहर स्थित सभी कब्रिस्तानों का जायजा लिया. किसी भी कब्रिस्तान में गया नगर निगम ने कोविड-19 से मरनेवाले लोगों के शव के दफन के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है. करबला स्थित कब्रिस्तान में कोई इंतजाम नहीं है.
"गया जिले के किसी भी कब्रिस्तान में जिला प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है. कोरोना पीड़ित के मौत पर दफन के लिए परिजनों को परेशानी उठानी पड़ रही है. सोमवार को एक परिजन ने खुद से शव को ले जाकर दफन किया. हमारी मांग है कि सभी कब्रिस्तान में पीपीई किट देना चाहिए. जिला प्रशासन को दफन करनेवाले लोग भी देना चाहिए."- डॉ सैयद शाह शब्बीर आलम कादरी, मैनेजर और खादिम, करबला कब्रिस्तान
हमलोग करेंगे व्यवस्था
"श्मशान घाट और कब्रिस्तान को लेकर जिला अधिकारी द्वारा सामान्य आदेश जारी किया गया है. गया श्मशान घाट पर शवदाह करने वाले के लिए पीपीई किट की व्यवस्था की गई है. कब्रिस्तान से ऐसी डिमांड नहीं आई है, लेकिन हमलोग व्यवस्था करेंगे."- सावन कुमार, नगर आयुक्त, गया नगर निगम
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