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लखीमपुर खीरी की घटना पर नक्सलियों ने बिहार समेत 4 राज्यों में की बंदी की घोषणा

गया जिले के डुमरिया में 17 अक्टूबर को चार राज्यों में बंद का आह्वान करते हुए एक पोस्टर चिपकाया गया है. जो नक्सली संगठन के द्वारा लखीमपुर खीरी घटना को लेकर लगाया है.

नक्सली संगठन
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Published : Oct 14, 2021, 4:44 PM IST

गयाः लखीमपुर खीरी घटना (Lakhimpur Kheri Incident) को नक्सली संगठन (Naxali Organization) ने नरसंहार करार दिया है. साथ ही इस घटना के विरोध में 17 अक्टूबर को देश के चार राज्यों में बंद का एलान किया है. साथ ही बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव का बहिष्कार की भी अपील की गई है. बंद का एलान किए जाने की पुष्टि माओवादी प्रवक्ता की ओर से की गई है.

ये भी पढ़ेंः गया: नक्सलियों ने कई स्थानों पर पोस्टर चिपकाया, क्रांतिकारी जज्बों के साथ वर्षगांठ मनाने का आह्वान

गया जिले के डुमरिया में 17 अक्टूबर को बंद को लेकर एक पोस्टर भी चिपकाया गया है. दरअसल गया जिले के डुमरिया प्रखंड के मैगरा कालीदह नदी के पास भाकपा माओवादी ने पोस्‍टर लगाकर कर 17 अक्टूबर को बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ बंद करने का आह्वान किया है. चार दिन पहले भी भाकपा माओवादी की ओर से पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का पोस्‍टर चस्‍पा किया गया था. आए दिन डुमरिया, मैगरा में भाकपा माओवादी पोस्टर चिपकाकर अपनी उपस्थित दर्ज करा रहे हैं.



माओवादी संगठन द्वारा पोस्टर में बंद की अपील बिहार-झारखंड, उत्तरी छतीसगढ़, व उत्तर प्रदेश में की गई है. बंद से अति आवश्यक सेवाओं को दूर रखा गया है. दूध, पानी, दवा, एंबुलेंस व अग्निशमन को मुक्त रखा गया है. माओवादी प्रवक्ता ने लखीमपुर खीरी घटना को नरसंहार बताते हुए आंदोलन को धारदार व तेज करने का आह्वान हर एक वर्ग से किया है.

आंदोलनरत किसानों पर वाहन दौड़ा देना नरसंहार की श्रेणी में आता है. इस नरसंहार में मारे गए किसानों के प्रति सरकार संवदेनहीन बनी हुई है. मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई पर अब तक नौकरी मुहैया नहीं कराई गई है.

वहीं, नक्सलियों द्वारा पोस्टर छोड़ने की सूचना पर पहुंची मैगरा थाने की पुलिस पोस्‍टर साथ लेकर गई है. नक्‍सलियों की इस चेतावनी के बारे में वरीय पुलिस अधिकारियों को सूचित किया गया है. माओवादियों ने कुछ दिन पूर्व पर्चा छोड़कर बिहार पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की अपील लोगों से की है.

ये भी पढ़ें- औरंगाबाद: पुलिस टीम पर गोली चलाने वाला नक्सली गिरफ्तार, 2 साल से पुलिस कर रही थी तलाश

बता दें कि जिले में तीन चरणों में अब तक हुए चुनाव सामान्य इलाकों में था लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब बाकी सात चरणों का चुनाव नक्सल प्रभावित और अति नक्सल प्रभावित इलाकों में होने जा रहा है. 20 अक्टूबर को इसकी शुरूआत कोंच व गुरुआ प्रखंड से होने जा रही है. यह दोनों ही नक्सल प्रभावित इलाका हैं.

गयाः लखीमपुर खीरी घटना (Lakhimpur Kheri Incident) को नक्सली संगठन (Naxali Organization) ने नरसंहार करार दिया है. साथ ही इस घटना के विरोध में 17 अक्टूबर को देश के चार राज्यों में बंद का एलान किया है. साथ ही बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव का बहिष्कार की भी अपील की गई है. बंद का एलान किए जाने की पुष्टि माओवादी प्रवक्ता की ओर से की गई है.

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गया जिले के डुमरिया में 17 अक्टूबर को बंद को लेकर एक पोस्टर भी चिपकाया गया है. दरअसल गया जिले के डुमरिया प्रखंड के मैगरा कालीदह नदी के पास भाकपा माओवादी ने पोस्‍टर लगाकर कर 17 अक्टूबर को बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ बंद करने का आह्वान किया है. चार दिन पहले भी भाकपा माओवादी की ओर से पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का पोस्‍टर चस्‍पा किया गया था. आए दिन डुमरिया, मैगरा में भाकपा माओवादी पोस्टर चिपकाकर अपनी उपस्थित दर्ज करा रहे हैं.



माओवादी संगठन द्वारा पोस्टर में बंद की अपील बिहार-झारखंड, उत्तरी छतीसगढ़, व उत्तर प्रदेश में की गई है. बंद से अति आवश्यक सेवाओं को दूर रखा गया है. दूध, पानी, दवा, एंबुलेंस व अग्निशमन को मुक्त रखा गया है. माओवादी प्रवक्ता ने लखीमपुर खीरी घटना को नरसंहार बताते हुए आंदोलन को धारदार व तेज करने का आह्वान हर एक वर्ग से किया है.

आंदोलनरत किसानों पर वाहन दौड़ा देना नरसंहार की श्रेणी में आता है. इस नरसंहार में मारे गए किसानों के प्रति सरकार संवदेनहीन बनी हुई है. मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई पर अब तक नौकरी मुहैया नहीं कराई गई है.

वहीं, नक्सलियों द्वारा पोस्टर छोड़ने की सूचना पर पहुंची मैगरा थाने की पुलिस पोस्‍टर साथ लेकर गई है. नक्‍सलियों की इस चेतावनी के बारे में वरीय पुलिस अधिकारियों को सूचित किया गया है. माओवादियों ने कुछ दिन पूर्व पर्चा छोड़कर बिहार पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की अपील लोगों से की है.

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बता दें कि जिले में तीन चरणों में अब तक हुए चुनाव सामान्य इलाकों में था लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब बाकी सात चरणों का चुनाव नक्सल प्रभावित और अति नक्सल प्रभावित इलाकों में होने जा रहा है. 20 अक्टूबर को इसकी शुरूआत कोंच व गुरुआ प्रखंड से होने जा रही है. यह दोनों ही नक्सल प्रभावित इलाका हैं.

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