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साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल, गया में मुस्लिम समुदाय बनाता है रावण का पुतला - Muslims make effigies of Ravana

रावण दहन समारोह के लिए एक माह पहले से रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद का पुतला बनाने का काम शुरू हो जाता है. दशहरा के काम में मुस्लिम कारीगर नमाज अदा कर पुतला बनाने के काम में जुट जाते हैं. दशहरा के पावन बेला पर मुस्लिम कारीगरों की कारिगरी गया के मिजाज सर्व धर्म स्वभाव को दर्शाता है.

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल
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Published : Oct 4, 2019, 4:58 AM IST

गया: गांधी मैदान में दशहरा के मौके पर रावणवध समारोह का परंपरा रही है. यहां दशहरा के मौके पर होने वाले रावणवध की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां बनने वाले रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला मुस्लिम समुदाय के लोग तैयार करते हैं.

समारोह के लिए एक माह पहले से रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद का पुतला बनाने का काम शुरू हो जाता है. दशहरा के काम में मुस्लिम कारीगर नमाज अदा कर पुतला बनाने के काम में जुट जाते हैं. दशहरा के पावन बेला पर मुस्लिम कारीगरों की कारिगरी गया के मिजाज सर्व धर्म स्वभाव को दर्शाता है.

Artisans making effigies of Ravana
रावण का पुतला बनाते कारीगर

'उमड़ती है लाखों लोगों की भीड़'
इस साल आठ अक्टूबर को विजय दशमी का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गया गांधी मैदान में नवरात्रि के अंतिम दिन रावण वध समारोह में रावण दहन देखने लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है. जहां बड़ों के लिए दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक होता है. वहीं, बच्चों में दशहरा हमेशा से मनोरंजन का केंद्र रहा है. आमजन की भावना से जुड़े रावण वध समारोह की सफलता के लिए हर रोज घण्टों मेहनत कर मुस्लिम कारीगर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला बनाते हैं.

मुस्लिम समुदाय बनाता है रावण का पुतला

'60 फीट का है रावण'
दशहरा उत्सव के लिए रावण बना रहे कारगीर इम्तियाज आलम ने बताया कि बताया कि पुतले बनाने में न तो उनका धर्म और न ही उनका समुदाय आड़े आता है. वह पूरी तन्मयता से इन पुतलों को बनाते हैं. इम्तियाज का कहना है सभी धर्मों का अपना पर्व होता है और सभी धर्मों के पर्वों का अपना एक संदेश होता है. हम पांच लोग मिलकर दशहरा का काम 2 सितंबर से शुरू किए हैं. इसके मुख्य कारगीर कल्लू मियां हैं. हर रोज हमलोग आठ से दस घण्टा काम करते हैं. साथ ही काम के बारे में इम्तियाज ने बताया कि बताया कि लगभग 75 फीसदी काम हो गया है. इस वर्ष 60 फीट का रावण, 50-50 फीट का कुंभकरण और मेघनाद का पुतला बनाया गया है.

Mannequin craftsman,gaya
पुतला कारीगर

गया: गांधी मैदान में दशहरा के मौके पर रावणवध समारोह का परंपरा रही है. यहां दशहरा के मौके पर होने वाले रावणवध की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां बनने वाले रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला मुस्लिम समुदाय के लोग तैयार करते हैं.

समारोह के लिए एक माह पहले से रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद का पुतला बनाने का काम शुरू हो जाता है. दशहरा के काम में मुस्लिम कारीगर नमाज अदा कर पुतला बनाने के काम में जुट जाते हैं. दशहरा के पावन बेला पर मुस्लिम कारीगरों की कारिगरी गया के मिजाज सर्व धर्म स्वभाव को दर्शाता है.

Artisans making effigies of Ravana
रावण का पुतला बनाते कारीगर

'उमड़ती है लाखों लोगों की भीड़'
इस साल आठ अक्टूबर को विजय दशमी का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गया गांधी मैदान में नवरात्रि के अंतिम दिन रावण वध समारोह में रावण दहन देखने लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है. जहां बड़ों के लिए दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक होता है. वहीं, बच्चों में दशहरा हमेशा से मनोरंजन का केंद्र रहा है. आमजन की भावना से जुड़े रावण वध समारोह की सफलता के लिए हर रोज घण्टों मेहनत कर मुस्लिम कारीगर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला बनाते हैं.

मुस्लिम समुदाय बनाता है रावण का पुतला

'60 फीट का है रावण'
दशहरा उत्सव के लिए रावण बना रहे कारगीर इम्तियाज आलम ने बताया कि बताया कि पुतले बनाने में न तो उनका धर्म और न ही उनका समुदाय आड़े आता है. वह पूरी तन्मयता से इन पुतलों को बनाते हैं. इम्तियाज का कहना है सभी धर्मों का अपना पर्व होता है और सभी धर्मों के पर्वों का अपना एक संदेश होता है. हम पांच लोग मिलकर दशहरा का काम 2 सितंबर से शुरू किए हैं. इसके मुख्य कारगीर कल्लू मियां हैं. हर रोज हमलोग आठ से दस घण्टा काम करते हैं. साथ ही काम के बारे में इम्तियाज ने बताया कि बताया कि लगभग 75 फीसदी काम हो गया है. इस वर्ष 60 फीट का रावण, 50-50 फीट का कुंभकरण और मेघनाद का पुतला बनाया गया है.

Mannequin craftsman,gaya
पुतला कारीगर
Intro:गया के गांधी मैदान दशहरा के दिन रावण वध समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह के लिए एक माह पूर्व से रावण ,कुम्भकर्ण और मेघनाद का पुतला बनाने का काम शुरू हो जाता है। इस समारोह का पुतला मुस्लिम समुदाय के कारगीर बनाते हैं। पुतला के बनाने के पहले नमाज अदा कर काम शुरू करते हैं। दशहरा के इस पावन बेला इनकी कारगिरी गया के मिजाज सर्व धर्म स्वभाव को दर्शाता हैं।


Body:इस वर्ष आठ अक्टूबर को विजय दशमी का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए लगभग सभी तैयारियां कर ली गयी हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन रावण वध समारोह में रावण दहन को देखने लाखो लोग आते हैं। बड़ो के लिए असत्य पर सत्य की जीत का उत्साह रहता है वही बच्चों में मनोरंजन का केंद्र रहता है। आमजन के भावना से जुड़ा ये समारोह का सफलता के लिए हर रोज 10 घण्टा मेहनत कर रावण ,कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला कारगीर बनाता है।

रावण बना रहे कारगीर इम्तियाज आलम ने बताया कि इसके मुख्य कारगीर कल्लू मिया हैं। सभी को मिलाकर हमलोग पांच लोग हैं। 2 सितंबर से काम शुरू किए हैं। हर रोज आठ से दस घण्टा काम करते हैं। आज तक लगभग 75 फीसदी काम हो गया है। हमलोग पांच कारगीर हैं। इस वर्ष 60 फिट का रावण ,50-50 फिट का कुम्भकर्ण और मेघनाथ का पुतला बनाया गया हैं।

हमलोग सभी मिलकर रावण के पुतला बनाने के पहले अल्लाह से दुआ मांगते है और नमाज पढ़ते हैं जो काम मे लगे हैं उस काम मे सफलता मिले।





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