गया: जिले के बाराचट्टी प्रखंड में लॉक डाउन के दौरान मुखिया संघ से जुड़े 13 पंचायत के मुखिया प्रखंड प्रोग्राम पदाधिकारी के विरोध में शुक्रवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. मुखिया संघ का आरोप है कि प्रोग्राम पदाधिकारी लॉक डाउन में मनरेगा के तहत काम की मंजूरी नहीं दे रहे हैं. मनरेगा के तहत काम देने के एवज में रिश्वत मांग रहे हैं. प्रखण्ड के पंचायत में काम नहीं होने से स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से उनको जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है.
पंचायत में बढ़ी मजदूरों की संख्या
मनरेगा के कार्य को लेकर पीओ पर लगे आरोप की सत्यता जानने ईटीवी भारत की टीम बाराचट्टी प्रखण्ड कार्यालय पहुंची. प्रखण्ड कार्यकाल में अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे मुखिया संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर ने बताया पिछले दो साल से कार्यक्रम पदाधिकारी ने कुछ काम नहीं किया है. हमलोग जिला मुख्यालय से सुदूर क्षेत्र में रहते हैं. यहां सरकारी योजनाएं आते ही दम तोड़ देती हैं.
लॉक डाउन के दौरान हम सभी 13 पंचायत के मुखिया ने प्रोग्राम पदाधिकारी से आग्रह किया कि अब काम दे दीजिए. पंचायत में मजदूरों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत काम देने के एवज में प्रोग्राम पदाधिकारी ने रिश्वत मांगी है. हमलोग उनको यहां से हटाने के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
पीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज
मुखिया मनवा देवी ने बताया कि मैं मनरेगा कार्य पंचायत में देने के मामले में प्रोग्राम पदाधिकारी से मुलाकात करने आई थी. जिसके बाद उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. इसके खिलाफ मैंने प्रोग्राम पदाधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी है. इस मामले में जिला प्रशासन की तरफ से मध्यस्थता करने उप विकास आयुक्त गए थे, लेकिन मध्यस्थता असफल रही.
एसडीओ की पहल पर बीडीओ और सीईओ के नेतृत्व में मुखिया संघ और प्रोग्राम पदाधिकारी के बीच मध्यस्थता के लिए बैठक प्रखण्ड कार्यालय में की गई. लेकिन ये भी असफल रही. बैठक के बाद पीओ ने मुखिया संघ के सदस्यों पर जान से मारने के प्रयास का एफआईआर दर्ज करवाया है. ईटीवी भारत ने बाराचट्टी प्रखण्ड के सीईओ कैलाश महतो से इसके बारे में जानकारी ली, तो उन्होंने कहा बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ. बैठक में सभी लोगों ने मर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. पीओ ने जो आरोप मुखिया संघ पर लगाया है, वो गलत है.