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बेटियों को आगे बढ़ाने का दावा हुआ फेल! 'नहीं दे पाएंगे सुरक्षा' कह खिलाड़ियों को प्रतियोगिता से किया बाहर - gaya sport news

खिलाड़ी सुमन कुमारी ने कहा कि सुरक्षा कारणों से हमें जाने से रोका जा रहा है. यदि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी, तो हम कैसे आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम इसके लिए वीसी से मिलकर अनुरोध करेंगे कि हमें भेजा जाए.

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Published : Dec 25, 2019, 9:39 AM IST

गया: उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी खेल प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है. जिसके लिए बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय की छात्राएं तैयारी में जुटी थीं. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐन वक्त पर उन्हें वहां भेजने से मना कर दिया. इससे खिलाड़ियों में निराशा और आक्रोश है. विश्वविद्यालय ने इसके लिए महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला दिया है.

'एसयू ने जाने देने से किया मना'
तीरंदाजी खिलाड़ी ऋचा सिंह ने बताया हम लोग इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में भाग लिए थे. वहां से जीतकर आए. फिर हम लोगों का चयन भुवनेश्वर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुआ. इसके लिए हमलोग दिन-रात एक कर मेहनत कर रहे हैं, लेकिन ऐन वक्त पर हमें जाने से मना किया जा रहा है.

गया
प्रतियोगिता के लिए दिन-रात अभ्यस कर रही है लड़कियां

सुरक्षा कारणों का हवाला
खिलाड़ी सुमन कुमारी ने कहा कि सुरक्षा कारणों से हमें जाने से रोका जा रहा है. यदि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी, तो हम कैसे आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम इसके लिए वीसी से मिलकर अनुरोध करेंगे कि हमें भेजा जाए. उन्होंने कहा कि एमयू से लड़कों को वहां खेलने के लिए भेजा गया, लेकिन हमें जाने नहीं दिया जा रहा है.

पेश है खास रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः 'चमकी' ने छीनी बिहार की 'चमक', आज भी सिसक रही हैं मां

'एमयू कर रहा अनदेखी'
इन खिलाड़ियों के निजी कोच जय प्रकाश ने कहा कि महाविद्यालय के प्रिंसिपल और विश्वविद्यालय के वीसी को मैदान में आकर देखना चाहिए कि ये लड़कियां प्रतियोगिता की तैयारी के लिए कितनी मेहनत कर रही है. एक तरफ बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की तमाम योजनाएं चल रही हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मगध विश्वविद्यालय प्रशासन महिला खिलाड़ियों की अनदेखी कर रहा है.

गया: उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी खेल प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है. जिसके लिए बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय की छात्राएं तैयारी में जुटी थीं. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐन वक्त पर उन्हें वहां भेजने से मना कर दिया. इससे खिलाड़ियों में निराशा और आक्रोश है. विश्वविद्यालय ने इसके लिए महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला दिया है.

'एसयू ने जाने देने से किया मना'
तीरंदाजी खिलाड़ी ऋचा सिंह ने बताया हम लोग इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में भाग लिए थे. वहां से जीतकर आए. फिर हम लोगों का चयन भुवनेश्वर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुआ. इसके लिए हमलोग दिन-रात एक कर मेहनत कर रहे हैं, लेकिन ऐन वक्त पर हमें जाने से मना किया जा रहा है.

गया
प्रतियोगिता के लिए दिन-रात अभ्यस कर रही है लड़कियां

सुरक्षा कारणों का हवाला
खिलाड़ी सुमन कुमारी ने कहा कि सुरक्षा कारणों से हमें जाने से रोका जा रहा है. यदि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी, तो हम कैसे आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम इसके लिए वीसी से मिलकर अनुरोध करेंगे कि हमें भेजा जाए. उन्होंने कहा कि एमयू से लड़कों को वहां खेलने के लिए भेजा गया, लेकिन हमें जाने नहीं दिया जा रहा है.

पेश है खास रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः 'चमकी' ने छीनी बिहार की 'चमक', आज भी सिसक रही हैं मां

'एमयू कर रहा अनदेखी'
इन खिलाड़ियों के निजी कोच जय प्रकाश ने कहा कि महाविद्यालय के प्रिंसिपल और विश्वविद्यालय के वीसी को मैदान में आकर देखना चाहिए कि ये लड़कियां प्रतियोगिता की तैयारी के लिए कितनी मेहनत कर रही है. एक तरफ बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की तमाम योजनाएं चल रही हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मगध विश्वविद्यालय प्रशासन महिला खिलाड़ियों की अनदेखी कर रहा है.

Intro:बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय ने सुरक्षा के हवाला देते हुए तीरंदाजी के महिला वर्ग के खिलाड़ीयो को भुवनेश्वर में आयोजित तीरंदाजी राष्ट्रीय स्तर खेल प्रतियोगिता में नही भेज रहाहै इससे खिलाड़ियों में आक्रोश व्याप्त हैं।


Body:गौरतलब है कि सरकार एक तरफ हर योजनाओं में जोर देती है बेटियों को आगे रखा जाए,लेकिन सरकार के प्रयासों को मगध विश्वविद्यालय प्रशासन अनदेखी कर अपने ही विश्वविद्यालय के महिला वर्ग के खिलाड़ियों को सुरक्षा कारणों से खेल में भाग लेने के लिए नही जाने दे रहा है।

vo:1 लिहाजा इन महिला खिलाड़ियों को कोई नही सुना तो महिला खिलाड़ियों ने ईटीवी भारत को अपनी सारी बाते बतायी, महिला खिलाड़ी ने बताया हमलोग इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में भाग ली थी वहां से हमलोग जीतकर आये। हमलोग का चयन भुवनेश्वर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर तीरंदाजी खेल प्रतियोगिता के लिए हुआ , मैं खुद दिन रात उस प्रतियोगिता में जीत के लिए मेहनत कर रही थी लेकिन जब हमलोग को भुवनेश्वर जाने के वक़्त हुआ तो सुरक्षा का हवाला देकर हमलोग का जाने का रोक दिया गया।

बाइट-ऋचा सिंह,खिलाड़ी

vo:2 वही विश्वविद्यालय स्तर के तीरंदाजी के दूसरी खिलाड़ी ने बताया मैं बहुत दूर से खुद के पैसा लागकर अभ्यास करने गया आती हू इसी उम्मीद से मैं इस खेल में गोल्ड मेडल जीत जाऊँ , जब सब कुछ तैयारी कर ली तो हमलोग ये कहा गया महिला कोच नही है आपलोग नही जा सकते हैं। मुझे बहुत बुरा लगा है मैं इसकी शिकायत कुलपति से करूंगी।

बाइट-सुमन कुमारी (खिलाड़ी)

vo:3 इन खिलाड़ियों के कोच ने भी लड़कियों को नही भेजने पर आक्रोश जताया है। उन्होंने ने कहा विश्वविद्यालय में खेल का माहौल नही है खिलाड़ी खुद के पैसा और मेहनत जब प्रतियोगिता में भाग लेने जाते है उनको भो सपोर्ट नही किया जाता है। पुरुष वर्ग के खिलाड़ी जा रहे पर उनको ना तो किट ना ही टिकट दिया गया है सुविधाओं के अभाव विश्वविद्यालय खिलाड़ी गया का नाम रौशन करने जा रहे है।

बाइट- जय प्रकाश ,निजी कोच


Conclusion:बहरहाल अपने लेटलतीफी शैक्षणिक व्यवस्था के लिए जाना जानेवाला मगध विश्वविद्यालय में ये पहला मामला नही है इस पहले राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सिंग प्रतियोगिता में महिला खिलाड़ी विदुषी के साथ किट और टिकट को लेकर विवाद किया गया था। लिहाजा इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति को पहल करते हुए इन खिलाड़ियों को भेजना चाहिए।
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