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गया में बारिश का कहर: घर गिरने से 2 लोगों की मौत, आक्रोशित परिजनों ने किया सड़क जाम

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Published : Sep 28, 2019, 5:24 PM IST

बताया जा रहा है कि सूरज चारपहिया वाहन चलाकर गुजारा करता है. आज तक पक्का मकान नहीं बना सका है. वहीं, उसे सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिला है.

जानकारी देते परिजन

गया: बिहार में मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, गया के परैया प्रखंड के मुबारकपुर गांव में बारिश के चलते एक घर ढ़ह गया. घर के गिरने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज करवाया जा रहा है.

घटना देर रात 12 बजे की बताई जा रही है. तेज बारिश के चलते रामजी पासवान का मिट्टी का बना घर ढह गया. मकान के मलबे में 30 वर्षीय पुत्र सूरज पासवान, 28 वर्षीय बेटे की पत्नी विनीता देवी और 3 वर्षीय बेटी आरुषि कुमारी दीवार से दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं, पत्नी और बेटी की मौत हो गई. गंभीर रूप से घायल सूरज का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.

घायल सूरज
घायल सूरज

इलाज के अभाव में मौत- परिजन
वहीं, परिजनों ने स्थानीय पीएचसी पर आरोप लगाते हुआ कहा कि डॉक्टर की कमी के चलते इलाज नहीं हो सका, इसके चलते उसकी मौत हो गई. पीड़ित परिजन और ग्रामीणों ने परैया गया-सड़क मार्ग जामकर मुआवजे और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को हटाने के मांग की.

जानकारी देते परिजन

सरकार पर अनियमितता का आरोप
बसपा नेता राघवेंद्र यादव ने कहा कि भारी बारिश में दीवार गिर जाना प्राकृतिक आपदा है. लेकिन इस आपदा में घायल व्यक्ति का इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं करना, ये घोर अनियमितता है. परैया अस्पताल में दिन में डॉक्टर नदारद रहते हैं. रात में बिल्कुल ही नहीं रहते हैं. जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए. साथ ही दोषी चिकित्सक को निलंबित किया जाए.

  • घर के एक कमरे में सूरज के बेटे और उसकी मां सो रही थी, जिन्हें किसी प्रकार की चोट नहीं आई है. बताया जा रहा है कि सूरज चारपहिया वाहन चलाकर गुजारा करता है. आज तक पक्का मकान नहीं बना सका है. वहीं, उसे सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिला है.

गया: बिहार में मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, गया के परैया प्रखंड के मुबारकपुर गांव में बारिश के चलते एक घर ढ़ह गया. घर के गिरने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज करवाया जा रहा है.

घटना देर रात 12 बजे की बताई जा रही है. तेज बारिश के चलते रामजी पासवान का मिट्टी का बना घर ढह गया. मकान के मलबे में 30 वर्षीय पुत्र सूरज पासवान, 28 वर्षीय बेटे की पत्नी विनीता देवी और 3 वर्षीय बेटी आरुषि कुमारी दीवार से दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं, पत्नी और बेटी की मौत हो गई. गंभीर रूप से घायल सूरज का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.

घायल सूरज
घायल सूरज

इलाज के अभाव में मौत- परिजन
वहीं, परिजनों ने स्थानीय पीएचसी पर आरोप लगाते हुआ कहा कि डॉक्टर की कमी के चलते इलाज नहीं हो सका, इसके चलते उसकी मौत हो गई. पीड़ित परिजन और ग्रामीणों ने परैया गया-सड़क मार्ग जामकर मुआवजे और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को हटाने के मांग की.

जानकारी देते परिजन

सरकार पर अनियमितता का आरोप
बसपा नेता राघवेंद्र यादव ने कहा कि भारी बारिश में दीवार गिर जाना प्राकृतिक आपदा है. लेकिन इस आपदा में घायल व्यक्ति का इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं करना, ये घोर अनियमितता है. परैया अस्पताल में दिन में डॉक्टर नदारद रहते हैं. रात में बिल्कुल ही नहीं रहते हैं. जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए. साथ ही दोषी चिकित्सक को निलंबित किया जाए.

  • घर के एक कमरे में सूरज के बेटे और उसकी मां सो रही थी, जिन्हें किसी प्रकार की चोट नहीं आई है. बताया जा रहा है कि सूरज चारपहिया वाहन चलाकर गुजारा करता है. आज तक पक्का मकान नहीं बना सका है. वहीं, उसे सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिला है.
Intro:गया में लगातार तीन दिनों से बारिश हो रहा है, लगातार बारिश होने से परैया प्रखंड के मुबारकपुर गांव में बीती रात मिट्टी के बने घर गिर जाने से रामजी पासवान के 30 वर्षीय पुत्र सूरज पासवान, 28 वर्षीय पत्नी विनीता देवी और बेटी 3 वर्षीय आरुषि कुमारी दीवार से दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पत्नी और बेटी की मौत इलाज के अभाव में हो गया वही गंभीर रूप से घायल सूरज का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे चल रहा है।


Body:ग्रामीणों ने बताया रात के 12:00 बजे की ये घटना है जब पइन किनारे बना सूरज का मिट्टी का मकान भारी बारिश की वजह से ढह गया। जिसमें सूरज सहित उसका पूरा परिवार मिट्टी की दीवार के नीचे दब गया घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर इकट्ठा हो गई और तीनों को दीवार हटाकर बाहर निकाला गया। ग्रामीणों के तीनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परैया ले गया जहां अस्पताल में ताला लगा था डॉक्टर नदारद थे। बहुत बोलने पर भी कोई नही सुना, एम्बुलेंस के सुविधा मिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल आये इसी क्रम माँ और बेटी मर चुकी थी। नाजुक हालत में सूरज का भर्ती करवाया गया।

पीड़ित परिजन और ग्रामीण परैया गया सड़क मार्ग जाम कर मुआवजा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को हटाने के मांग कर रहे हैं

बासपा नेता राघवेंद्र यादव ने बताया भारी बारिश में दीवार गिर जाना प्राकृतिक आपदा है लेकिन इस आपदा घायल व्यक्ति का इलाज सरकारी अस्पताल नही करना ये घोर अनियमितता है। परैया अस्पताल में दिन में डॉक्टर नदारद रहते हैं रात में बिल्कुल नही रहते हैं। जिलाधिकारी से मांग करता हूँ पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए और दोषी चिकित्सक को निलंबित किया जाए।


Conclusion:घर के एक कमरे में सूरज के बेटे और उसकी माँ सो रही थी उसे किसी तरह का चोट नही लगा है। बताया जा रहा है सूरज चारपहिया वाहन चालाकर गुजारा करता है। आज तक पक्का मकान नही बना सके, सरकारी योजनाओं का भी लाभ नही मिला है।
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