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गयाः हार्डकोर नक्सली नवल भुइयां ने किया आत्मसमर्पण, CRPF ने किया स्वागत - संजय कुमार सीआरपीएफ

नवल ने बताया साल 2001 में मेरे गांव की जमीन का विवाद सुलझाने के नाम पर भाकपा माओवादी ने मुझे अपने दस्ते में शामिल कर लिए था. 20 साल बीत गए जमीन विवाद नहीं सुलझा, बल्कि मैं उलझता चला गया.

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Published : Sep 11, 2020, 11:06 PM IST

गयाः जिले में 20 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय नवल भुइयां ने शुक्रवार को 159 वी बटालियन मुख्यालय में सीआरपीएफ और बिहार पुलिस के सामने आत्मसमपर्ण कर दिया. नवल ने बताया साल 2001 में मेरे गांव की जमीन का विवाद सुलझाने के नाम पर भाकपा माओवादी ने मुझे अपने दस्ते में शामिल कर लिए था. 20 साल बीत गए जमीन विवाद नहीं सुलझा, बल्कि मैं उलझता चला गया. नक्सली संगठन में बहुत भेदभाव किया जाता है. मुझे प्रताड़ित भी किया गया. मैं परिवार वालों से बात कर आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया.

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आत्मसमर्पण के बाद नवल भुइयां का स्वागत करते CISF के जवान

वहीं, सीआरपीएफ पटना रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक संजय कुमार ने बताया ने बताया कि हार्डकोर नक्सली नवल भुइयां आत्मसमर्पण कर दिया है. नवल ने अपने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से सीआरपीएफ अधिकारियों से संपर्क किया और आत्मसमर्पण करने की इच्छा जताई. छकरबंधा इलाके से सुरक्षित निकालने में मदद करने का अनुरोध किया. इसके अनुरोध पर सीआरपीएफ और बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच वार्ता करने के उपरांत इन्हें उचित मदद का आश्वासन दिया गया. आश्वासन के उपरांत नक्सली कमांडर ने भाकपा माओवादी पार्टी छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया.

पेश है रिपोर्ट

नवल पर 47 मामले हैं दर्ज
जोनल कमांडर नवल भुइयां के ऊपर गया में 9 और औरंगाबाद में कुल 38 नक्सल मामले दर्ज हैं. जिसमें इस वर्ष में गया जिले के मध्य विद्यालय सोनदाहा को बम से उड़ाने की भी घटना शामिल है. गया के इलाके में नक्सली संगठन के लोग लगातार सक्रिय हैं. आए दिन नक्सली हमले होते रहते है. प्रदीप मिश्रा और संदीप यादव इन क्षेत्रों में नक्सलियों के प्रमुख नेता हैं. गया से नक्सलियों को खत्म करने के लिए सीआरपीएफ, कोबरा, एसएसबी और बिहार पुलिस के जवान लगातार अभियान चला रहे हैं. सभी अभी से परेसान होकर नवल भुइयां को आत्मसर्मपण करना पड़ा. इस साल अभी तक कुल 5 नक्सली आत्मसर्मपण कर चुके हैं.

गयाः जिले में 20 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय नवल भुइयां ने शुक्रवार को 159 वी बटालियन मुख्यालय में सीआरपीएफ और बिहार पुलिस के सामने आत्मसमपर्ण कर दिया. नवल ने बताया साल 2001 में मेरे गांव की जमीन का विवाद सुलझाने के नाम पर भाकपा माओवादी ने मुझे अपने दस्ते में शामिल कर लिए था. 20 साल बीत गए जमीन विवाद नहीं सुलझा, बल्कि मैं उलझता चला गया. नक्सली संगठन में बहुत भेदभाव किया जाता है. मुझे प्रताड़ित भी किया गया. मैं परिवार वालों से बात कर आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया.

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आत्मसमर्पण के बाद नवल भुइयां का स्वागत करते CISF के जवान

वहीं, सीआरपीएफ पटना रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक संजय कुमार ने बताया ने बताया कि हार्डकोर नक्सली नवल भुइयां आत्मसमर्पण कर दिया है. नवल ने अपने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से सीआरपीएफ अधिकारियों से संपर्क किया और आत्मसमर्पण करने की इच्छा जताई. छकरबंधा इलाके से सुरक्षित निकालने में मदद करने का अनुरोध किया. इसके अनुरोध पर सीआरपीएफ और बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच वार्ता करने के उपरांत इन्हें उचित मदद का आश्वासन दिया गया. आश्वासन के उपरांत नक्सली कमांडर ने भाकपा माओवादी पार्टी छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया.

पेश है रिपोर्ट

नवल पर 47 मामले हैं दर्ज
जोनल कमांडर नवल भुइयां के ऊपर गया में 9 और औरंगाबाद में कुल 38 नक्सल मामले दर्ज हैं. जिसमें इस वर्ष में गया जिले के मध्य विद्यालय सोनदाहा को बम से उड़ाने की भी घटना शामिल है. गया के इलाके में नक्सली संगठन के लोग लगातार सक्रिय हैं. आए दिन नक्सली हमले होते रहते है. प्रदीप मिश्रा और संदीप यादव इन क्षेत्रों में नक्सलियों के प्रमुख नेता हैं. गया से नक्सलियों को खत्म करने के लिए सीआरपीएफ, कोबरा, एसएसबी और बिहार पुलिस के जवान लगातार अभियान चला रहे हैं. सभी अभी से परेसान होकर नवल भुइयां को आत्मसर्मपण करना पड़ा. इस साल अभी तक कुल 5 नक्सली आत्मसर्मपण कर चुके हैं.

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