गया: गांधी मैदान स्थित सुब्रह्मण्यम स्टेडियम में खिलाड़ियों से ज्यादा बिहार पुलिस में कॉन्स्टेबल बनने के लिए फिजिकल टेस्ट के लिए प्रैक्टिस करते सैकड़ों की संख्या में लड़कियां दिखती है. सभी लड़कियां ग्रुप बनाकर प्रैक्टिस कर रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा लड़कियां नक्स्ल प्रभावित क्षेत्र से आकर तैयारी कर रही हैं. गया के गांधी मैदान में तड़के सुबह सैकड़ों की संख्या लड़कियां प्रैक्टिस में जुट जाती हैं.
पुलिस की वर्दी पहनने का सपना
सभी लड़कियां 6 मिनट में स्टेडियम ग्राउंड के पांच बार चक्कर लगाती हैं, उसके बाद हाई जंप लगाती हैं, फिर गोला फेंकती है. उसके बाद ट्रेनर इन सभी को पिटी करवाते हैं. इन सभी लड़कियों ने सजना संवरना छोड़कर अपनी दिनचर्या में सिर्फ फिजिकल टेस्ट की तैयारी को शामिल किया है.
'यहां तक का सफर बहुत मुश्किल रहा. पहले तो हम लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था. लेकिन जब सरकार ने सड़क बनाई, हम लोगों को साइकिल दी, तो हम लोग पढ़ने लगे अब सिपाही भर्ती के लिए तैयारी कर रहे हैं. नक्सलियों का डर तो नहीं दबदबा महसूस होता था. लेकिन अब सब सामान्य है'- सुमन कुमारी, सिपाही भर्ती अभ्यर्थी
'मेरे घर से सिपाही भर्ती के लिए कोई इजाजत नहीं मिली थी. मैं खुद से पहल करते हुए सिपाही भर्ती के लिए तैयारी कर रही हूं. मेरे घर में सभी पुरुष बेरोजगार है, यहां तक कि मेरे पति भी बेरोजगार है. खुद के साथ बच्चों का जीवन संवारने के लिए मैं बिहारी पुलिस ज्वॉइन करना चाहती हूं'- सोनी कुमारी, सिपाही भर्ती, अभ्यर्थी
सरकार ने लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा
गौरतलब है कि बिहार पुलिस में कांस्टेबल बनने के लिए फिजिकल टेस्ट पटना के गर्दनीबाग स्थित पटना हाईस्कूल में चल रहा है. फिजिकल टेस्ट में दौड़, हाईजंप और गोला फेंक कराया जाता है. बता दें कि जिले के 13 प्रखण्ड अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इन क्षेत्रों में हाल तक नक्सली हमले होते आये हैं. पूर्व में इन इलाकों में पुलिस वर्दी की नो एंट्री थी. अब माहौल बदला है इस इलाके में सरकार और प्रशासन ने विकास और सहयोग कर लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा है.