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गया : पासिंग आउट परेड का आयोजन, 17 जेंटलमैन कैडेट्स बने अधिकारी

ऑफीसर्स ट्रेंनिंग अकैडमी के प्रांगण में 17 वीं पासिंग आउट परेड में 17 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हुए. जहां ओटीए कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

जेंटलमैन कैडेट्स
जेंटलमैन कैडेट्स
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Published : Jun 13, 2020, 10:22 AM IST

Updated : Jun 13, 2020, 2:33 PM IST

गया: जिले डोभी रोड स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकैडमी (ओटीए) में शनिवार को 17 वीं पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. जिसमें कुल 17 जेंटलमैन कैडेट्स ने परेड में हिस्सा लिया. इस दौरान ओटीए कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने परेड की सलामी ली.

परेड के दौरान कैडेट्स
परेड के दौरान कैडेट्स

सैन्य धुन पर कैडेट्स ने की परेड
इस मौके पर ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के कई अधिकारी और उनके परिजन मौजूद थे. सैन्य धुन पर कदम से कदम मिलाकर जेंटलमैन कैडेट्स ने पास आउट किया.
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि आज 17 कैडेट्स ओटीए में पास आउट हुए हैं. ये सभी विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण लेकर सेना के बड़े अधिकारी बनेंगे और देश की सेवा करेंगे. हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सादे तरीके से कार्यक्रम का आयोजन
कमांडेंट ने बताया कि यहां से 81 एयर कैडेट्स को पास आउट होना था. लेकिन कोविड-19 की वजह से वे लोग अपने चुने हुए विभिन्न इंजीनियरिंग मिलिट्री संस्थान में कमीशन प्राप्त कर रहे हैं.हमें उनके लिए भी बहुत ज्यादा गर्व और खुशी है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस बार कोविड-19 की वजह से इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए कई कैडेट्स के अभिभावक नहीं आ सके. जिसका हमें खेद है.

कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव
परेड की सलामी लेते कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव

कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना को लेकर इस बार सादे तरीके से पासआउट का आयोजन किया गया है. उन्होंने जेंटलमैन कैडेट्स और उनके अभिभावकों को कोरोना दौर में साफ सफाई रखने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने की भी अपील की.

खुशी की मुद्रा में  कैडेट्स
खुशी की मुद्रा में कैडेट्स

ये भी पढ़ेंः देश को मिले 333 जांबाज, जानिए बिहार के कितने कैडेट्स हुए पास

'बिना वर्दी के भी की जा सकती है देश की सेवा'
वहीं, प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स विपुल सिन्हा को सिल्वर मेडल दिया गया. सिल्वर मेडल पाकर उनके चेहरे पर खुशी दिख रही थी. विपुल सिन्हा ने कहा कि काफी अच्छा लग रहा है. हमारी सफलता का सारा श्रेय हमारे माता-पिता और प्रशिक्षण देने वाले अधिकारियों को जाता है. उनकी वजह से ही आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को हमेशा देश की सेवा के लिए तैयार रहना चाहिए. यह जरूरी नहीं है कि वर्दी पहनकर ही देश की सेवा की सकती है. बिना वर्दी के भी भी देश की सेवा की जा सकती है. विपुल सिन्हा आसाम के करीमगंज का रहने वाले हैं.

गया: जिले डोभी रोड स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकैडमी (ओटीए) में शनिवार को 17 वीं पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. जिसमें कुल 17 जेंटलमैन कैडेट्स ने परेड में हिस्सा लिया. इस दौरान ओटीए कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने परेड की सलामी ली.

परेड के दौरान कैडेट्स
परेड के दौरान कैडेट्स

सैन्य धुन पर कैडेट्स ने की परेड
इस मौके पर ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के कई अधिकारी और उनके परिजन मौजूद थे. सैन्य धुन पर कदम से कदम मिलाकर जेंटलमैन कैडेट्स ने पास आउट किया.
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि आज 17 कैडेट्स ओटीए में पास आउट हुए हैं. ये सभी विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण लेकर सेना के बड़े अधिकारी बनेंगे और देश की सेवा करेंगे. हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सादे तरीके से कार्यक्रम का आयोजन
कमांडेंट ने बताया कि यहां से 81 एयर कैडेट्स को पास आउट होना था. लेकिन कोविड-19 की वजह से वे लोग अपने चुने हुए विभिन्न इंजीनियरिंग मिलिट्री संस्थान में कमीशन प्राप्त कर रहे हैं.हमें उनके लिए भी बहुत ज्यादा गर्व और खुशी है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस बार कोविड-19 की वजह से इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए कई कैडेट्स के अभिभावक नहीं आ सके. जिसका हमें खेद है.

कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव
परेड की सलामी लेते कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव

कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना को लेकर इस बार सादे तरीके से पासआउट का आयोजन किया गया है. उन्होंने जेंटलमैन कैडेट्स और उनके अभिभावकों को कोरोना दौर में साफ सफाई रखने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने की भी अपील की.

खुशी की मुद्रा में  कैडेट्स
खुशी की मुद्रा में कैडेट्स

ये भी पढ़ेंः देश को मिले 333 जांबाज, जानिए बिहार के कितने कैडेट्स हुए पास

'बिना वर्दी के भी की जा सकती है देश की सेवा'
वहीं, प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स विपुल सिन्हा को सिल्वर मेडल दिया गया. सिल्वर मेडल पाकर उनके चेहरे पर खुशी दिख रही थी. विपुल सिन्हा ने कहा कि काफी अच्छा लग रहा है. हमारी सफलता का सारा श्रेय हमारे माता-पिता और प्रशिक्षण देने वाले अधिकारियों को जाता है. उनकी वजह से ही आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को हमेशा देश की सेवा के लिए तैयार रहना चाहिए. यह जरूरी नहीं है कि वर्दी पहनकर ही देश की सेवा की सकती है. बिना वर्दी के भी भी देश की सेवा की जा सकती है. विपुल सिन्हा आसाम के करीमगंज का रहने वाले हैं.

Last Updated : Jun 13, 2020, 2:33 PM IST
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