गया: पूरे देश के लिए प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है. हिन्दू धर्म में मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार से भी काफी वायु प्रदूषण होता है. इसको लेकर गया में एक अच्छी पहल की गई है. यहां स्थित गौशाला में गोबर से कंडा तैयार किया जा रहा है. इसका उपयोग अंत्योष्टि के दौरान किया जाएगा.
गया के मानपुर स्थित गौरक्षणि गौशाला में गोबर से कंडा तैयार किया जा रहा है. इसको लिए एक विशेष मशीन पंजाब से खरीद कर लाई गई है. इस मशीन से बने कंडों का उपयोग पूजा पाठ के साथ-साथ अंतिम संस्कार में भी किया जाएगा. इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा. साथ ही पेड़ों की कटाई में कमी आएगी. जो पर्यावरण के हित में है.
'प्रचार की है कमी'
गौरक्षणि गौशाला के व्यवस्थापक उपेंद्र नाथ उपाध्याय ने बताया ये गौशाला छह एकड़ में फैली हुई है. यहां 280 गायों की सेवा की जाती है. इससे यहां काफी गोबर का उत्पादन होता है. प्रत्यक्ष रूप से गोबर की बिक्री कम होती है. कृषि मंत्री के सुझाव के बाद यहां पंजाब से एक मशीन खरीदी गई. इससे गोबर से लकड़ी बनाया जा रहा है. यह जलावन के लिए बेहतर है. लेकिन प्रचार के अभाव में इसकी बिक्री नहीं हो रही है और न ही इसका अभी तक मूल्य तय किया गया है.
'सभी गौशाला में होगी इसकी शुरुआत'
वहीं, कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया गौशाला महोत्सव के दौरान गौरक्षणि गौशाला में गया था. गौशाला के विकास के लिए 20 लाख की राशि भी दी गई. वहां एक मशीन लाया गया, जिससे गोबर से कंडो का निर्माण किया जा रहा है. उस कंडो का इस्तेमाल अंत्योष्टि में की जाएगी. इससे कई फायदें और गोबर का खपत भी होगा. गौशाला का आय भी बढ़ेगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी. अभी यहां पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत की गई है. उसके बाद प्रदेश के करीब 84 गौशालाओं में इसकी शुरुआत की जाएगी.
घाटों पर बनाया जाएगा काउंटर
बता दें कि गया में गोबर से बना कंडो का जरूरत और महत्व भी है. गया जी में विष्णुपद मंदिर के समीप विष्णु श्मशान घा टहै. यहां पूरे मगध क्षेत्र के लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं. हिन्दू धर्म में इस घाट की काफी महत्ता बताई गई है. गौरक्षणि गौशाला से बना कंडो से आने वाले दिनों में विष्णु श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके लिए यहां एक काउंटर भी बनाया जाएगा. जहाँ लोग इसकी खरीददारी कर सकेंगे.