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गया: चार दिवसीय छठ पूजा का हुआ समापन, घाटों की व्यवस्था से खुश नजर आए श्रद्धालु

गया में अर्घ्य देने के लिए घाटों को स्वच्छ और छठव्रतियों के सुविधा के लिए गया नगर निगम और स्थानीय समिति ने दिन रात लगे रहे. छठ के अंतिम दिन छठव्रतियों ने अच्छी व्यवस्था के लिए नगर निगम और स्थानीय समिति को धन्यवाद दिया.

छठ पूजा का हुआ समापन
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Published : Nov 3, 2019, 5:00 PM IST

गया: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का अनुठा महापर्व छठ रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. छठी मइया को अर्घ्य देने के लिए प्रदेश भर के छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने दूध और जल से भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. वहीं मोक्षधाम गया जी मे भी छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया.

अर्घ्य देने के लिए घाटों को स्वच्छ और छठव्रतियों के सुविधा के लिए गया नगर निगम और स्थानीय समिति ने दिन रात लगे रहे. छठ के अंतिम दिन छठव्रतियों ने अच्छी व्यवस्था के लिए नगर निगम और स्थानीय समिति को धन्यवाद दिया.

gaya
उगते सूर्य को दिया गया अर्घ्य

सफाई और प्रकाश की रही व्यवस्था

बता दें कि पिछले साल फल्गू नदी में 15 फिट गड्ढा करने पर पानी मिला था. उसी गड्डे में जाकर छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया था. लेकिन इस बार नजारा बिल्कुल अलग था. फल्गू के पूर्वी छोर पर पानी की धारा बह रही थी. फल्गू नदी का पानी पूर्वी छोर पर रहने वहां काफी गन्दगी, अंधेरा और नाले का पानी बह रहा था. लेकिन नगर निगम और स्थानीय समितियों ने दिन रात लगकर घाट से लेकर नदी तक की सफाई और प्रकाश की व्यवस्था की है. इन व्यवस्थाओं से श्रध्दालु काफी खुश दिखे.

छठ पूजा का हुआ समापन

भक्ति के रंग में डूबे दिखे श्रध्दालु

राजस्थान कोटा से अपने मित्र के साथ बिहार में छठ पर्व देखने आये युवक ने बताया छठ के बारे में जितना सुनने में लगता है उससे अधिक अच्छा देखने मे लगता हैं. घाट पर नगर निगम और स्थानीय युवाओं ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है. बता दें कि लोकआस्था के महापर्व छठ के मौके पर लोग भक्ति के रंग में डूबे दिखे. शहर से लेकर गांव तक विभिन्न घाटों पर सूर्य देवता की पूजा-अर्चना की गई. उगते सूर्य का दर्शन करने सुबह से लोग तालाब, पोखर और नदी के घाटों पर पहुंच गए थे. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद पारण किया.

गया: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का अनुठा महापर्व छठ रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. छठी मइया को अर्घ्य देने के लिए प्रदेश भर के छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने दूध और जल से भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. वहीं मोक्षधाम गया जी मे भी छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया.

अर्घ्य देने के लिए घाटों को स्वच्छ और छठव्रतियों के सुविधा के लिए गया नगर निगम और स्थानीय समिति ने दिन रात लगे रहे. छठ के अंतिम दिन छठव्रतियों ने अच्छी व्यवस्था के लिए नगर निगम और स्थानीय समिति को धन्यवाद दिया.

gaya
उगते सूर्य को दिया गया अर्घ्य

सफाई और प्रकाश की रही व्यवस्था

बता दें कि पिछले साल फल्गू नदी में 15 फिट गड्ढा करने पर पानी मिला था. उसी गड्डे में जाकर छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया था. लेकिन इस बार नजारा बिल्कुल अलग था. फल्गू के पूर्वी छोर पर पानी की धारा बह रही थी. फल्गू नदी का पानी पूर्वी छोर पर रहने वहां काफी गन्दगी, अंधेरा और नाले का पानी बह रहा था. लेकिन नगर निगम और स्थानीय समितियों ने दिन रात लगकर घाट से लेकर नदी तक की सफाई और प्रकाश की व्यवस्था की है. इन व्यवस्थाओं से श्रध्दालु काफी खुश दिखे.

छठ पूजा का हुआ समापन

भक्ति के रंग में डूबे दिखे श्रध्दालु

राजस्थान कोटा से अपने मित्र के साथ बिहार में छठ पर्व देखने आये युवक ने बताया छठ के बारे में जितना सुनने में लगता है उससे अधिक अच्छा देखने मे लगता हैं. घाट पर नगर निगम और स्थानीय युवाओं ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है. बता दें कि लोकआस्था के महापर्व छठ के मौके पर लोग भक्ति के रंग में डूबे दिखे. शहर से लेकर गांव तक विभिन्न घाटों पर सूर्य देवता की पूजा-अर्चना की गई. उगते सूर्य का दर्शन करने सुबह से लोग तालाब, पोखर और नदी के घाटों पर पहुंच गए थे. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद पारण किया.

Intro:मोक्षधाम गया जी मे छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया, हर घाट पर छठ का अर्ध्य दिया गया। अर्ध्य देने के लिए घाटों को स्वच्छ और छठव्रतियों के सुविधा के लिए गया नगर निगम और स्थानीय समिति ने दिन रात लगे रहे हैं। छठ के अंतिम दिन छठव्रतियों ने अच्छी व्यवस्था के लिए नगर निगम और स्थानीय समिति को धन्यवाद कही।


Body:पिछले वर्ष फल्गू नदी में पानी नही था, 15 फिट गड्ढा करने पर पानी मिलता था, उसी गड्डे में जाकर छठव्रती अर्ध्य देती थी। इस बार नजारा बिल्कुल अलग था। फल्गू के पूर्वी छोर पर पानी का धारा बह रहा था। छठव्रती इस धारा को देखकर प्रसन्न होगी । कई वर्षों के बाद ऐसा सौभाग्य श्रदालुओं को प्राप्त हुआ।

फल्गू नदी का पानी पूर्वी छोर पर था वहां जाने काफी गन्दगी ,अंधेरा और नाले का पानी मिलता था। नगर निगम और स्थानीय समितियों ने दिन रात लगकर , घाट से लेकर नदी में जहां तक पानी था वहां साफ सफाई , प्रकाश की व्यवस्था, नाला के ऊपर पाथ वे का व्यवस्था किया गया। इन व्यवस्थाओं से श्रदालु काफी खुश दिखे।

राजस्थान कोटा से अपने मित्र के साथ बिहार में छठ पर्व देखने आया एक युवक ने बताया छठ के बारे में जीतना सुने में अच्छा लगता है उससे अधिक प्रत्यक्ष देखने मे लगता हैं। यहां के नगर निगम और स्थानीय युवाओं का मेहनत को देखा हु, सभी सुबह से लगे थे। बहुत अच्छा व्यवस्था तैयार किया जाता हैं।

चतरा झारखंड से आये श्रदालु ने बताया मैं पहली बार गया हूं , हर जगह उत्तम व्यवस्था किया गया है। घाट के आने के लिए सुगम बनाया गया है। छठ में सभी जगह साफ सुथरा रहता है लेकिन व्यवस्थित राय विन्देश्वरी घाट पर नजर आ रहा है। ये काबिलेतारीफ हैं।

गया के दो बहनों ने स्वच्छ भारत अभियान में मोदी जी से गुजारिश की इस पर्व को शामिल किया जाए। देश एक मात्र पर्व जहां स्वच्छता का संदेश दिया जाता है। मोदी जी के अभियान से देश साफ दिख रहा है।

छठव्रतियों ने कहा फल्गू नदी में पानी वर्षो बाद आया है फल्गू नदी के पानी अर्ध्य देकर आत्मा सन्तुष्ट हो गया। नदी में पानी तक आने के लिए व्यवस्था भी अच्छा किया गया है।


Conclusion:
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