गया: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का अनुठा महापर्व छठ रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. छठी मइया को अर्घ्य देने के लिए प्रदेश भर के छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने दूध और जल से भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. वहीं मोक्षधाम गया जी मे भी छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया.
अर्घ्य देने के लिए घाटों को स्वच्छ और छठव्रतियों के सुविधा के लिए गया नगर निगम और स्थानीय समिति ने दिन रात लगे रहे. छठ के अंतिम दिन छठव्रतियों ने अच्छी व्यवस्था के लिए नगर निगम और स्थानीय समिति को धन्यवाद दिया.
सफाई और प्रकाश की रही व्यवस्था
बता दें कि पिछले साल फल्गू नदी में 15 फिट गड्ढा करने पर पानी मिला था. उसी गड्डे में जाकर छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया था. लेकिन इस बार नजारा बिल्कुल अलग था. फल्गू के पूर्वी छोर पर पानी की धारा बह रही थी. फल्गू नदी का पानी पूर्वी छोर पर रहने वहां काफी गन्दगी, अंधेरा और नाले का पानी बह रहा था. लेकिन नगर निगम और स्थानीय समितियों ने दिन रात लगकर घाट से लेकर नदी तक की सफाई और प्रकाश की व्यवस्था की है. इन व्यवस्थाओं से श्रध्दालु काफी खुश दिखे.
भक्ति के रंग में डूबे दिखे श्रध्दालु
राजस्थान कोटा से अपने मित्र के साथ बिहार में छठ पर्व देखने आये युवक ने बताया छठ के बारे में जितना सुनने में लगता है उससे अधिक अच्छा देखने मे लगता हैं. घाट पर नगर निगम और स्थानीय युवाओं ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है. बता दें कि लोकआस्था के महापर्व छठ के मौके पर लोग भक्ति के रंग में डूबे दिखे. शहर से लेकर गांव तक विभिन्न घाटों पर सूर्य देवता की पूजा-अर्चना की गई. उगते सूर्य का दर्शन करने सुबह से लोग तालाब, पोखर और नदी के घाटों पर पहुंच गए थे. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद पारण किया.