गयाः बिहार के गया एयरपोर्ट से हज यात्रियों का पहला जत्था बुधवार की सुबह को मक्का मदीना के लिए रवाना हो गया. पहले जत्थे में 144 हज यात्री शामिल हैं. गया एयरपोर्ट से 15 दिनों में कुल 3456 हज यात्री उड़ान भरेंगे. वहीं रवानगी से पहले हज यात्रियों ने कहा कि मक्का मदीना पहुंचकर देश के लिए अमन चैन की दुआ मांगेंगे.
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कुल 3456 हज यात्री गया एयरपोर्ट से जाएंगेः बुधवार को 144 हज यात्रियों का पहला जत्था रवाना हुआ. गया एयरपोर्ट से कुल 3456 हज यात्री मक्का मदीना के लिए रवाना होंगे. आज से इसकी शुरुआत हुई है, जो 22 जून तक चलेगी. बुधवार को गया एयरपोर्ट से हज यात्रियों की पहली फ्लाइट उड़ान भरी. वहीं, आने वाले दिनों में 16 जून से हज यात्रियों के फ्लाइट की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी. दो फ्लाइट के बाद तीन फ्लाइट से भी हज यात्री गया एयरपोर्ट से रवाना होगें. गौरतलब है कि गया एयरपोर्ट से 3 साल बाद फिर से मक्का मदीना के लिए हज यात्रियों की उड़ान भरी जा रही है. कोरोना काल के बीच इसे रोक दिया गया था.
प्रभारी मंत्री और अल्पसंख्यक मंत्री रहे मौजूदः वहीं, हज यात्रियों के रवाना होने के मौके पर आईटी मंत्री सह गया के प्रभारी मंत्री इसराइल मंसूरी और अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान मौजूद थे. इसके अलावा सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य जदयू नेता मोहम्मद साबिर अंसारी, गया डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम, एसएसपी आशीष भारती समेत अन्य की मौजूदगी थी. काफी स्वागत के साथ दोनों मंत्रियों की मौजूदगी में हज यात्रियों को गया एयरपोर्ट से मक्का मदीना के लिए रवाना किया गया.
"हमें बड़ी खुशी हो रही है कि गया एयरपोर्ट से हज यात्री मक्का मदीना के लिए रवाना हो रहे हैं. गया एयरपोर्ट पर सारी व्यवस्थाएं की गई है. 3456 हज यात्री गया एयरपोर्ट से रवाना किए जाएंगे"- जमा खान, अल्पसंख्यक मंत्री, बिहार
काफी संख्या में हज यात्रियों के परिजन भी मौजूदः वहीं, गया एयरपोर्ट से मक्का मदीना की रवानगी के पूर्व हज यात्रियों ने कहा कि वह लोग वहां जाकर मुल्क के लिए अमन और चैन की दुआ भी मांगेंगे. उन्हें बड़ी खुशी हो रही है कि वह मक्का मदीना के लिए रवाना हो रहे हैं. वहीं, रवानगी से पूर्व हज यात्री अपने परिजनों से गले मिले. गया एयरपोर्ट पर बुधवार को 144 हज यात्रियों के अलावा काफी संख्या में उनके परिजन भी मौजूद थे.
"पहली बार जा रहे हैं. बहुत खुशी हो रही है कि हम भी वहां जा रहे हैं. इस्लाम धर्म के मुताबिक ये आखिरी फर्ज है, जिसे पूरा करना जरूरी होता है, सभी मुसलमानों को लिए. वहां जाकर मुल्क के अमन चैन की दुआ मांगेंगे ताकि सभी धर्म के लोग यहां मिलजुल कर रहें"- शकील इलाही, हज यात्री