गया: जिले के कई प्रखंड में सुखाड़ की स्थिति से किसान परेशान हैं. इससे फसल बर्बाद हो गई है, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी क्रम में टनकुप्पा प्रखंड कार्यालय के प्रांगण में सैकड़ों किसानों ने एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया.
टनकुप्पा प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
धरना में शामिल किसानों ने टनकुप्पा प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की. यह सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले किया गया. इसमें सैकड़ों महिला-पुरुष किसानों ने हाथ में धान का बिचड़ा लेकर सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
15 से 20 प्रतिशत ही हुई धान की रोपनी
सर्वदलीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष नंदलाल मांझी ने कहा कि प्रशासन ने जिले के 24 प्रखंडों में से 14 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया है. जिसमें टनकुप्पा को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया. यहां मात्र 25 प्रतिशत बारिश हुई है. जिससे 15 से 20 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो पाई है. जो धान के बिचड़े खेतों में बोए गए थे सब बारिश के अभाव में अब जलने लगे हैं. जिससे किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है.
कृषि मंत्री के आवास पर जाकर करेंगे मांग
नंदलाल मांझी ने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गई तो वे लोग कृषि मंत्री के आवास पर जाकर इसकी मांग करेंगे. स्थानीय किसानों ने बताया कि बारिश न होने की वजह से धान की रोपनी नहीं हो पाई है. जिससे रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं.