गया: कृषि कानून के विरोध में देश की राजधानी में किसान डटे हुए हैं. किसान यूनियन के नेताओं ने आज चक्का जाम का ऐलान किया गया था. ईटीवी भारत ने किसान आंदोलन को लेकर गया शहर के खरखुरा गांव में किसानों से बात की. इस दौरान किसानों ने कहा कि चक्का जाम से कोई मतलब नहीं है. हम अपनी खेती करने में लगे हुए हैं.
"राष्ट्रविरोधी तत्वों का ये चक्का जाम है. किसान तो खेत में हैं. मैं खुद सुबह से खेत में खरपतवार हटा रहा हूं. चक्का जाम करने वाले सभी लोग नेता हैं"- कुंवर सिंह, किसान
"किसान तो खेत में है. कोई किसान तीन माह तक बॉर्डर को जाम नहीं रखेगा. पूर्व की सरकार में किसान को क्या मिलता था, आज चयनित किसान को अनुदान और सहायता राशि मिलती है. मैंने पिछले वर्ष एक लाख का लाभ कृषि विभाग के योजनाओं से लिया है. खेती वर्षों से कर रहा हूं. किस सरकार ने छोटे किसानों तक योजनाओं को पहुंचाया है और हर माह राशि दिया है"- रणवीर सिंह, किसान
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कांग्रेस ने किया समर्थन
कृषि कानून का विरोध कम होता नहीं दिख रहा है. आज किसान यूनियन का चक्का जाम का समर्थन कांग्रेस ने किया है. चक्का जाम की अवधि दोपहर 12 से तीन के बीच रखी गयी थी. इस चक्का जाम को लेकर ईटीवी भारत ने फूल गोभी खेती के लिए प्रसिद्ध खरखुरा गांव में किसानों से बात की. ब्रोकली फूल गोभी की खेती करने वाले कुंवर सिंह ने बताया कि गया में चक्का जाम का कोई असर नहीं होगा.