गया: बिहार के गया में पितृ पक्ष मेला 2023 आज गुरुवार से प्रारंभ हो गया है. इस बार वर्ष 2022 में पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की अपेक्षा ज्यादा तीर्थ यात्री गयाजी को आ रहे हैं. यह संख्या 10 लाख से 15 लाख के बीच हो सकती है. पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना को लेकर गया जी धाम में देश के सभी राज्यों के अलावा विदेशों से भी पिंडदानी आते हैं. अधिकांश तीर्थयात्री रेल मार्ग से आते हैं, इस बार पितृपक्ष में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है.
पढ़ें-Pitru Paksha Mela 2023: आज से पितृ पक्ष की शुरुआत, जानें तर्पण की तिथियां और विधि
गया जंक्शन से उपलब्ध सुविधाएं: रेल मार्ग से पिंडदानी -तीर्थयात्री गया जंक्शन पहुंचते हैं तो उनके लिए यहां से कई सुविधा उपलब्ध है. सबसे पहले तीर्थ यात्रियों के परिवहन का जिला प्रशासन के द्वारा खास ख्याल रखा गया है. इस बार रेलवे स्टेशन में कई काउंटर लगाए गए हैं. इन काउंटरों पर तीर्थ यात्रियों को परिवहन के लिए कूपन मिलेगा. पहली बार इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. वहीं एयरपोर्ट पर भी यह सुविधा उपलब्ध रहेगी.
पंडा जी परिचय पत्र के साथ रहते हैं मौजूद: गया जी पहुंंचने पर कई सुविधाएं उपलब्ध है. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड की बात करें, तो वहां संबंधित पंडा जी मिल जाएंगे. वहीं यात्री बस या छोटे यात्री वाहनों के पड़ाव वाले स्थान पर भी पंडा जी परिचय पत्र के साथ मिलेंगे. यदि आप संबंधित पंडित के यहां रहना चाहते हैं, तो दिए पता के अनुसार परिवहन कूपन से सुलभ यात्रा कर सकते हैं. इस बार बड़े यात्री वाहनों का पड़ाव सिकरिया मोड़, गया कॉलेज के खेल परिसर प्रेतशिला पहाड़ तल्ली के अलावा अन्य चिन्हित स्थानों पर बनाया गया है.
निशुल्क टेंट सिटी की तैयारी: इस बार गया के गांधी मैदान में टेंट सिटी बनाया गया है. यहां रहने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. तीर्थयात्री यहां आराम से रह सकते हैं और संबंधित पंडा जी से पिंडदान तर्पण का कर्मकांड करवा सकते हैं. वहीं होटल के भी रेट तय कर दिए गए हैं. यह रेट डबल या सिंगल बेड के आधार पर होंगे. तीर्थ यात्रियों के आवासन के लिए जिला प्रशासन की ओर से 63 आवासन स्थल पर 17,800 आवासन क्षमता चिन्हित की गई है, जो वर्ष 2022 से दोगुनी है.
पर्यटन विभाग ने दी निशुल्क टेंट की सुविधा: टेंट सिटी पर्यटन विभाग द्वारा बनाया गया है, जिसमें 2500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था रहेगी. विभिन्न मोनिस्ट्री में हजारों यात्रियों के आवासन की व्यवस्था है. इसके अलावा 120 होटल और गेस्ट हाउस, 542 पंडा के निजी भवन, 11 धर्मशाला को भी चिन्हित किया गया है, जो शुल्क आधारित होगा. जिला प्रशासन ने होटल मालिकों के साथ बैठक कर दर निर्धारित किया है. इस प्रकार कुल 70 हजार से अधिक आवसान क्षमता रहेगी.
ई-रिक्शा और ऑटो के रेट तय: ई-रिक्शा और ऑटो के भी रेट तय कर दिए गए हैं. यदि गया रेलवे स्टेशन से गांधी मैदान की दूरी तय करनी हो तो इसके लिए 10 रुपए और रिजर्व करने के लिए 50 रुपए देने होंगे. वहीं गया रेलवे स्टेशन से विष्णुपद के लिए 30 रूपए देने होंगे और रिजर्व कर ले जाने के लिए 120 रूपए तीर्थ यात्रियों को देने पड़ेंगे. सभी ऑटो वाहनों में रेट चाट चिपकाए जा रहे हैं.
विष्णुपद मंदिर परिसर में रहेगी वाई-फाई की सुविधा: इस वर्ष विष्णुपद मंदिर के परिसर में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध रहेगी. वहीं इस बार आईवीआरएस के माध्यम से कॉल सेंटर की स्थापना की गई है. आईवीआरएस नंबर 9266628168 डायल करने पर कॉल फ्लो के माध्यम से संबंधित विभागों का चयन कर सकेंगे. इसके अतिरिक्त पांच हंटिंग लाइन का कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नंबर 0631 22500/501/502/503/505 है.
"जिसमें तीर्थ यात्रियों की समस्या के लिए डेडिकेटेड नंबर जारी की जाएगी, जिस पर कॉल कर सीधे संबंधित पदाधिकारी के साथ वार्ता कर अपनी समस्या का निदान कर सकेंगे. इसके लिए आठ विभागों के 16 पदाधिकारी की टीम बनाई गई है."-डॉक्टर त्यागराज एसएम, जिला पदाधिकारी गया