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गयाः ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में दिख रही सजीव मूर्तियां, विशेष झांकी का भी हुआ आयोजन - गया में दुर्गा पूजा

सांसद विजय कुमार मांझी ने बताया इस तरह देवी को प्रदर्शित करना यूनिक है. सबसे अलग ये लोग कर रहे हैं. यहां के आयोजकों का बहुत बहुत धन्यवाद जो सजीव प्रदर्शन के साथ झांकी भी प्रस्तुत कर रहे है.

मां दुर्गा का झांकी
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Published : Oct 6, 2019, 11:29 PM IST

गयाः प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सभागार में जीती जागती मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और गणेश जी सहित अन्य देवी देवताओं की सजीव झांकी प्रस्तुत की गई. ये झांकी दशमी तिथि तक रहेगी. इस झांकी का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर सांसद विजय कुमार मांझी, जदयू नेता राजू वर्णमाल, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के बहन शीला ने किया.

Gaya
दीप प्रज्वलित करते अतिथि

मां की झांकी प्रस्तुत करती पवित्र ब्रह्मा बहने
इस झांकी में सभी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी से जुड़ी बहनें देवी देवता का रुप धारण कर झांकी प्रस्तुत कर रही हैं. इन बहनों की प्रस्तुति को देखने से यह नहीं लग रहा है कि ये जीती जागती हैं. यह बिल्कुल अन्य प्रतिमाओं जैसी लग रही हैं. जब झांकी में महिषासुर को मारने का समय आता है और मां दुर्गा का शस्त्र उठता है तब तक लोगों को निर्जीव ही लगता है. जैसे ही झांकी में कला का प्रदर्शन होता है तो लोग ताली बजाने और माता का जयकारा लगाने लगाते हैं. सजीव देवी-देवता देखकर सभी लोग रोमांचित हो रहे है.

Gaya
मां दुर्गा का झांकी

सजीव देवी-देवता देख लोग हो रहे रोमांचित
इस मौके पर सांसद विजय कुमार मांझी ने बताया इस तरह देवी को प्रदर्शित करना यूनिक है. सबसे अलग ये लोग कर रहे हैं और यहां के आयोजकों का बहुत बहुत धन्यवाद जो सजीव प्रदर्शन के साथ झांकी भी प्रस्तुत कर रहे है.

प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में प्रस्तुत की गई मां की झांकी

झांकी की प्रस्तुति चार दिनों तक चलेगी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्माकुमारी शीला ने बताया कि इसमें सभी बहनें है कोई दुर्गा तो कोई लक्ष्मी और कोई सरस्वती बनी है. इस झांकी की प्रस्तुति चार दिनों तक चलेगी. इस बार झांकी से उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित सृष्टि को नई दिशा देने का संदेश दिया जाएगा. जैसे दुर्गा हर संकट काल में रक्षक बनी वैसे ही कलयुग और सतयुग के बीच इस युग में पवित्र ब्रह्मा बहनें उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित सृष्टि को नई दिशा देने के काम में लगी हैं.

गयाः प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सभागार में जीती जागती मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और गणेश जी सहित अन्य देवी देवताओं की सजीव झांकी प्रस्तुत की गई. ये झांकी दशमी तिथि तक रहेगी. इस झांकी का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर सांसद विजय कुमार मांझी, जदयू नेता राजू वर्णमाल, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के बहन शीला ने किया.

Gaya
दीप प्रज्वलित करते अतिथि

मां की झांकी प्रस्तुत करती पवित्र ब्रह्मा बहने
इस झांकी में सभी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी से जुड़ी बहनें देवी देवता का रुप धारण कर झांकी प्रस्तुत कर रही हैं. इन बहनों की प्रस्तुति को देखने से यह नहीं लग रहा है कि ये जीती जागती हैं. यह बिल्कुल अन्य प्रतिमाओं जैसी लग रही हैं. जब झांकी में महिषासुर को मारने का समय आता है और मां दुर्गा का शस्त्र उठता है तब तक लोगों को निर्जीव ही लगता है. जैसे ही झांकी में कला का प्रदर्शन होता है तो लोग ताली बजाने और माता का जयकारा लगाने लगाते हैं. सजीव देवी-देवता देखकर सभी लोग रोमांचित हो रहे है.

Gaya
मां दुर्गा का झांकी

सजीव देवी-देवता देख लोग हो रहे रोमांचित
इस मौके पर सांसद विजय कुमार मांझी ने बताया इस तरह देवी को प्रदर्शित करना यूनिक है. सबसे अलग ये लोग कर रहे हैं और यहां के आयोजकों का बहुत बहुत धन्यवाद जो सजीव प्रदर्शन के साथ झांकी भी प्रस्तुत कर रहे है.

प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में प्रस्तुत की गई मां की झांकी

झांकी की प्रस्तुति चार दिनों तक चलेगी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्माकुमारी शीला ने बताया कि इसमें सभी बहनें है कोई दुर्गा तो कोई लक्ष्मी और कोई सरस्वती बनी है. इस झांकी की प्रस्तुति चार दिनों तक चलेगी. इस बार झांकी से उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित सृष्टि को नई दिशा देने का संदेश दिया जाएगा. जैसे दुर्गा हर संकट काल में रक्षक बनी वैसे ही कलयुग और सतयुग के बीच इस युग में पवित्र ब्रह्मा बहनें उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित सृष्टि को नई दिशा देने के काम में लगी हैं.

Intro:प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गया इकाई द्वारा धर्मसभा के सभागार में जीती जागती मॉ दुर्गा, माँ लक्ष्मी ,गणेश जी, माँ लक्ष्मी सहती अन्य देवी देवताओं का सजीव झांकी का प्रस्तुति किया गया। ये झांकी दशमी तिथि तक रहेगा। झांकी का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर सांसद विजय कुमार मांझी, जदयू नेता राजू वर्णमाल, प्रजापति ब्रह्माकुमारी के बहन शिला संयुक्त रूप से किया।


Body:प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गया इकाई द्वारा धर्म सभा भवन गया में जीती जागती चैतन्य झांकी दुर्गा जी के सहित अन्य देवी देवताओं का का झांकी प्रदर्शित किया गया। इस झांकी में सभी प्रजापति ब्रह्माकुमारी से जुड़ी बहने देवी देवता के रूप धारण कर झांकी प्रस्तुति करती हैं। इन बहने की प्रस्तुति को देखने से नही लगता ये जीती जागती है बिल्कुल अन्य प्रतिमाओं जैसी लगती है। जब झांकी में महिषासुर को मारने का समय आता है तब माँ दुर्गा का शस्त्र उठता है तब तक लोगो को निर्जीव ही लगता है जैसे झांकी में कला का प्रदर्शन होता है लोग ताली और माता का जयकारे लगाने लगाते हैं। सजीव देवी- देवता देकर सब रोमांचित होते हैं।

इस मौके सांसद विजय कुमार मांझी ने बताया इस तरह का देवी का प्रदर्शित करना यूनिक है। सबसे अलग ये लोग कर रहे हैं यहां के आयोजकों बहुत बहुत धन्यवाद। सजीव प्रदर्शन के साथ झांकी भी प्रस्तुत किया जा रहा है। भटकते हुए पथ भ्रष्ट इंसान को नारी ही सलवार पर लाती है इस झांकी से यही संदेश दिया जा रहा हैं।

प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्माकुमारी शीला ने बताया धर्म सभा भवन में सजीव देवी देवता का झांकी प्रस्तुत किया जा रहा है। इसमें सभी बहने है कोई दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती बनी है। ये झांकी का प्रस्तुति चार दिनों तक चलेगा। इस बार इस झांकी से उग्रवाद ,आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित सृष्टि को नई दिशा देने का संदेश दिया जाएगा। जैसे दुर्गा हर संकट काल में रक्षक बनी वैसे ही कलयुग और सतयुग के बीच इस समय युग में पवित्र ब्रह्मा बहने उग्रवाद ,आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित सृष्टि को नई दिशा देने के काम मे लगी हैं।




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