गया: शहर के दुर्गाबाड़ी मोहल्ले में स्थित दुर्गा बाड़ी मंदिर में नवरात्रि में बंगाली पद्धति पूजा की जाती है. विगत 88 सालों से यह पूजा अनवरत चली आ रही है. खास बात यह है कि नवरात्रि के दौरान भक्तों को प्रसाद के रूप में खिचड़ी खिलाने की परंपरा है. वहीं, यहां की प्रतिमा में बंगाली टच होता है. इसके लिए कलाकार बंगाल से बुलाए जाते हैं.
बंगाली विधि-विधान से पूजा
दुर्गाबाड़ी समिति के कोषाध्यक्ष दीपक मित्रा ने बताया कि यहां पर बंगाली समाज के लोग 88 सालों से बंगाली विधि-विधान से पूजा करते आ रहे हैं. जबकि प्रतिमा को सजाने के लिए बंगाल से सामग्री मंगाई जाती है. हालांकि पूजा में बिहारी समाज के लोग भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. पूजा की तैयारी से लेकर प्रतिमा के विसर्जन तक इनका भरपूर सहयोग मिलता है.
मिट्टी के बर्तन में दिया जाता है प्रसाद
दीपक मित्रा के मुताबिक मां के प्रसाद के रूप में लोगों को खिचड़ी खिलाई जाती है. 3 दिनों में लगभग दस हजार लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं. यहां सभी समुदाय के लोग पूजा में हिस्सा लेते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके अलावे लोग परिवार के सदस्य परम्परा के मुताबिक मिट्टी के बर्तन में प्रसाद अपने घर ले जाते हैं.