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गया के जेपीएन अस्पताल में संसाधनों का टोटा, सिर्फ मरीजों को किया जा रहा रेफर

गया के जेपीएन अस्पताल में संसाधनों का टोटा है. जिसके चलते यहां आने वाले अन्य मरीजों को सिर्फ रेफर किया जा रहा है. मरीजों को फौरी तौर पर भी राहत देने का काम अस्पताल की ओर से नहीं किया जा रहा है. खुद अस्पताल अधीक्षक ने ये माना कि संसाधनों की कमी से ऐसा हो रहा है.

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गया का जेपीएन अस्पताल बना रेफर अस्पताल
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Published : Apr 27, 2021, 9:59 PM IST

गया: देश में कोरोना महामारी के बीच अन्य बीमारी के मरीजों के लिए इलाज करवाना बहुत मुश्किल हो गया है. गया में अन्य बीमारी के मरीजों का इलाज करने के बजाए रेफर कर दिया जा रहा है. अस्पताल के उपाधीक्षक से लेकर सिविल सर्जन तक डॉक्टरों और संसाधनों की कमी बता रहे हैं.


ये भी पढ़ें.. 'ESIC अस्पताल बना भूत खाना, कर क्या रहे हैं नीतीश कुमार और मंगल पांडेय'

जेपीएन अस्पताल में संसाधनों की घोर कमी
दरअसल, मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है. इस अस्पताल के मरीजों को गया शहर में स्थित जेपीएन अस्पताल में भेजा जा रहा है. जेपीएन अस्पताल में संसाधनों की कमी है. जिसके वजह से वहां के डॉक्टर पर्ची पर दवा लिखने की बजाय रेफर लिख दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें...पटना: ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम, घंटों लाइन में लगकर लोग करा रहे रिफिलिंग

'अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल मरीज को जेपीएन भेज दिया जा रहा है. लेकिन यह अस्पताल 50 बेड का है. इस अस्पताल समिति संसाधन और डॉक्टरों की घोर कमी है,जो डॉक्टर है उसमें से कई लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. ऐसे में सभी मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. हमलोग मरीज को पटना रेफर कर देते हैं'.- डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, जेपीएन अस्पताल के उपाधीक्षक

'अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है, उस अस्पताल के मरीज इलाज के लिए जेपीएन अस्पताल आ रहे हैं.यहां सीमित संसाधन है, उसी संसाधन में सभी का इलाज यथासंभव किया जा रहा है'.- डॉ के.के.राय, सिविल सर्जन

आपको बता दें कि जेपीएन अस्पताल में एक ट्रॉली मैन है. परिजनों को खुद से मरीज को लेकर जाना पड़ता है. इमरजेंसी वार्ड का बोर्ड लगा है लेकिन एक भी बेड नहीं है. ट्रॉली पर इलाज किया जाता है, वहीं आईसीयू में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के कमी के वजह से आईसीयू भी बन्द पड़ा है. इस अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है.

गया: देश में कोरोना महामारी के बीच अन्य बीमारी के मरीजों के लिए इलाज करवाना बहुत मुश्किल हो गया है. गया में अन्य बीमारी के मरीजों का इलाज करने के बजाए रेफर कर दिया जा रहा है. अस्पताल के उपाधीक्षक से लेकर सिविल सर्जन तक डॉक्टरों और संसाधनों की कमी बता रहे हैं.


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जेपीएन अस्पताल में संसाधनों की घोर कमी
दरअसल, मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है. इस अस्पताल के मरीजों को गया शहर में स्थित जेपीएन अस्पताल में भेजा जा रहा है. जेपीएन अस्पताल में संसाधनों की कमी है. जिसके वजह से वहां के डॉक्टर पर्ची पर दवा लिखने की बजाय रेफर लिख दे रहे हैं.

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'अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल मरीज को जेपीएन भेज दिया जा रहा है. लेकिन यह अस्पताल 50 बेड का है. इस अस्पताल समिति संसाधन और डॉक्टरों की घोर कमी है,जो डॉक्टर है उसमें से कई लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. ऐसे में सभी मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. हमलोग मरीज को पटना रेफर कर देते हैं'.- डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, जेपीएन अस्पताल के उपाधीक्षक

'अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है, उस अस्पताल के मरीज इलाज के लिए जेपीएन अस्पताल आ रहे हैं.यहां सीमित संसाधन है, उसी संसाधन में सभी का इलाज यथासंभव किया जा रहा है'.- डॉ के.के.राय, सिविल सर्जन

आपको बता दें कि जेपीएन अस्पताल में एक ट्रॉली मैन है. परिजनों को खुद से मरीज को लेकर जाना पड़ता है. इमरजेंसी वार्ड का बोर्ड लगा है लेकिन एक भी बेड नहीं है. ट्रॉली पर इलाज किया जाता है, वहीं आईसीयू में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के कमी के वजह से आईसीयू भी बन्द पड़ा है. इस अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है.

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