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'असंतुलित जीवनशैली और अनियमित खानपान है डाइबिटीज की मुख्य वजह' - डॉक्टर एन राय

बहुत अधिक भूख और ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, अचानक वजन कम हो जाना, बहुत अधिक थकान लगना, बार-बार संक्रमण होना, कटान या घाव का बहुत समय तक ठीक न होना, हाथ या पैरों में झुनझुनी होना या सुन्न पड़ जाना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, यौन संबंधों में रुकावट आना और त्वचा रूखी हो जाना या खुजली आना डाइबिटीज के मुख्य लक्षण हैं.

गया
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Published : Nov 22, 2019, 10:23 AM IST

गया: लायंस क्लब के जिला इकाई ने 14 नवंबर से लेकर 21 नवंबर तक डाइबिटीज जागरुकता कार्यक्रम सप्ताह का आयोजन किया. जिसमें सप्ताहभर अलग-अगल कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को मधुमेह को लेकर जागरूक किया गया. आयोजन के अंतिम दिन गुरुवार को इसमें जिले के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हिस्सा लिया.

3 तरह की डाइबिटीज
डॉक्टर विजय करण ने मधुमेह रोग के बारे में बताया कि डाइबिटीज तीन तरह के होते हैं. पहले तरह के डाइबिटीज में शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन तैयार नहीं कर पाता है. इंसुलिन के अभाव में कोशिकाएं शर्करा का उपयोग नहीं कर पाती है. जिसके फलस्वरूप रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है.

दूसरे प्रकार का मधुमेह मुख्य रूप से 40 वर्ष से अधिक उम्र और मोटे लोगों को होता है. इसका मुख्य कारण शरीर द्वारा कम मात्रा में इंसुलिन तैयार करना या शरीर में तैयार होने वाला इंसुलिन का असर कारक नहीं होना होता है.

तीसरा जेस्टेशनल डाइबिटीज होता है. ये गर्भवती स्त्रियों को होता है. इस तरह का अस्थाई डायबिटीज अधिकतर गर्भावस्था के सातवें महीने में होता है. जो कि शिशु जन्म के बाद ठीक हो जाता है. इस तरह के डायबिटीज होने का जोखिम मोटी गर्भवती महिलाओं को अधिक होता हैं.

गया
कार्यक्रम का पोस्टर

सभी उम्र के लोगों को हो सकता है मधुमेह
एम्स गया के डायरेक्टर डॉक्टर एन राय ने बताया ये रोग वेस्टर्न देशों में होता था. अब उनके संस्कृति को हमने अपना लिया तो हमे भी होने लगा है. फास्ट फूड और स्मोकिंग ये डाइबिटीज के मुख्य कारण है. पहले लोग सोचते थे डाइबिटीज उम्रदराज लोगो को होता है. यह गलत धारणा है. मधुमेह नन्हा छोटे बच्चों और युवाओं को भी होता हैं.

ये भी पढ़ेंः बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

डाइबिटीज के लक्षण है
बहुत अधिक भूख और ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, अचानक वजन कम हो जाना, बहुत अधिक थकान लगना, बार-बार संक्रमण होना, कटान या घाव का बहुत समय तक ठीक न होना, हाथ या पैरों में झुनझुनी होना या सुन्न पड़ जाना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, यौन संबंधों में रुकावट आना और त्वचा रूखी हो जाना या खुजली आना इसके मुख्य लक्षण हैं.

डॉक्टरों का बयान

ये हैं बचाव
लायंस क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर नूतन सिंह ने बताया हम डाइबिटीज दिवस के दिन से जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. जो पूरे एक सप्ताह तक चला. इसमें सुबह मॉर्निंग वॉक करने वाले के बीच मेडिकल टेस्ट और जागरूकता को लेकर कार्यक्रम किए गए. स्कूली बच्चों के सहयोग से जागरूक रैली भी निकाली गई.

गया: लायंस क्लब के जिला इकाई ने 14 नवंबर से लेकर 21 नवंबर तक डाइबिटीज जागरुकता कार्यक्रम सप्ताह का आयोजन किया. जिसमें सप्ताहभर अलग-अगल कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को मधुमेह को लेकर जागरूक किया गया. आयोजन के अंतिम दिन गुरुवार को इसमें जिले के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हिस्सा लिया.

3 तरह की डाइबिटीज
डॉक्टर विजय करण ने मधुमेह रोग के बारे में बताया कि डाइबिटीज तीन तरह के होते हैं. पहले तरह के डाइबिटीज में शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन तैयार नहीं कर पाता है. इंसुलिन के अभाव में कोशिकाएं शर्करा का उपयोग नहीं कर पाती है. जिसके फलस्वरूप रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है.

दूसरे प्रकार का मधुमेह मुख्य रूप से 40 वर्ष से अधिक उम्र और मोटे लोगों को होता है. इसका मुख्य कारण शरीर द्वारा कम मात्रा में इंसुलिन तैयार करना या शरीर में तैयार होने वाला इंसुलिन का असर कारक नहीं होना होता है.

तीसरा जेस्टेशनल डाइबिटीज होता है. ये गर्भवती स्त्रियों को होता है. इस तरह का अस्थाई डायबिटीज अधिकतर गर्भावस्था के सातवें महीने में होता है. जो कि शिशु जन्म के बाद ठीक हो जाता है. इस तरह के डायबिटीज होने का जोखिम मोटी गर्भवती महिलाओं को अधिक होता हैं.

गया
कार्यक्रम का पोस्टर

सभी उम्र के लोगों को हो सकता है मधुमेह
एम्स गया के डायरेक्टर डॉक्टर एन राय ने बताया ये रोग वेस्टर्न देशों में होता था. अब उनके संस्कृति को हमने अपना लिया तो हमे भी होने लगा है. फास्ट फूड और स्मोकिंग ये डाइबिटीज के मुख्य कारण है. पहले लोग सोचते थे डाइबिटीज उम्रदराज लोगो को होता है. यह गलत धारणा है. मधुमेह नन्हा छोटे बच्चों और युवाओं को भी होता हैं.

ये भी पढ़ेंः बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

डाइबिटीज के लक्षण है
बहुत अधिक भूख और ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, अचानक वजन कम हो जाना, बहुत अधिक थकान लगना, बार-बार संक्रमण होना, कटान या घाव का बहुत समय तक ठीक न होना, हाथ या पैरों में झुनझुनी होना या सुन्न पड़ जाना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, यौन संबंधों में रुकावट आना और त्वचा रूखी हो जाना या खुजली आना इसके मुख्य लक्षण हैं.

डॉक्टरों का बयान

ये हैं बचाव
लायंस क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर नूतन सिंह ने बताया हम डाइबिटीज दिवस के दिन से जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. जो पूरे एक सप्ताह तक चला. इसमें सुबह मॉर्निंग वॉक करने वाले के बीच मेडिकल टेस्ट और जागरूकता को लेकर कार्यक्रम किए गए. स्कूली बच्चों के सहयोग से जागरूक रैली भी निकाली गई.

Intro:लायंस क्लब गया इकाई ने मधुमेह के जागरूकता के लिए 14 नवंबर से लेकर 21 नवंबर तक डाइबिटीज जागरूकता कार्यक्रम सप्ताह का आयोजन किया। जिसमें पूरे सप्ताह हर रोज मधुमेह रोग के बचाव को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों के तहत हर वर्ग को जागरूक किया गया। आज डाइबिटीज जागरूकता सप्ताह समाप्ति किया गया है जिसमे गया के मधुमेह रोग के विशेषज्ञ डॉक्टरो ने हिस्सा लिया।


Body:डॉक्टर विजय करण ने मधुमेह रोग के बारे में बताया डाइबिटीज तीन तरह के होते हैं।

डाइबिटीज 1- इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन तैयार नहीं कर पाता है इंसुलिन के अभाव में कोशिकाएं शर्करा का उपयोग नहीं कर पाती है फलस्वरूप रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।

डाइबिटीज 2- मुख्य रूप से 40 वर्ष से अधिक उम्र तथा मोटे लोगों को होता है इसका मुख्य कारण शरीर द्वारा कम मात्रा में इंसुलिन तैयार करना या शरीर में तैयार होने वाला इंसुलिन अस कारक नहीं होना होता है।

जेस्टेशनल डाइबिटीज - यह गर्भवती स्त्रियों को होता है इस तरह का अस्थाई डायबिटीज अधिकतर गर्भावस्था के सातवें महीना में होता है। और शिशु जन्म के बाद ठीक हो जाता है इस तरह का डायबिटीज होने का जोखिम ज्यादा मोटी गर्भवती महिलाओं को अधिक होता हैं।

एम्स गया के डायरेक्टर डॉक्टर एन राय ने बताया ये रोग वेस्टर्न देशों में होता था अब उनके संस्कृति को हमने अपना लिया तो हमे भी होने लगा है। फ़ास्ट फ़ूड और समोइकिंग ये डाइबिटीज के मुख्य कारण है। पहले लोग सोचते थे डाइबिटीज उम्रदराज लोगो को होता है ये गलत है नन्हा बालक, युवक और बुजुर्ग को भी होता हैं। डाइबिटीज के लक्षण है
बहुत अधिक भूख एवं ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, अचानक वजन कम हो जाना, बहुत अधिक थकान लगना,बार-बार संक्रमण होना, कटान या घाव का बहुत समय तक ठीक न होना, हाथ या पैरों में झुनझुनी होना या सुन्न पड़ जाना, आंखों से धुंधला दिखाई देना,यौन संबंधों में रुकावट आना,और त्वचा रूखी हो जाना या खुजली आना।

इसके बचाव के लिए भी उपाय हैं उचित आहार और नियमित व्यायाम

लायंस क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर नूतन सिंह ने बताया हमलोग डाइबिटीज दिवस के दिन से जागरूकता कार्यक्रम का शुरुआत किया जो पूरे एक सप्ताह चला जिसमे सुबह मॉर्निंग वॉक करने वाले के बीच मेडिकल टेस्ट और जागरूकता कार्यक्रम किया गया। स्कूली बच्चों को द्वारा जागरूक रैली निकाला गया, विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम किया गया। आज जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम का समाप्ति है। इस दौरान शहर के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा अपने अनुभव के आधार पर मीडिया से मुखातिब होने का कार्यक्रम किया गया।


Conclusion:
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