ETV Bharat / state

बोले बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा- 'तिब्बती लोग भारत में शरणार्थी यह सौभाग्य की बात' - ईटीवी भारत बिहार

गया में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा (Buddhist Guru Dalai Lama) ने कहा कि तिब्बती लोग भारत में शरणार्थी हैं यह सौभाग्य की बात है. क्योंकि यहां अहिंसा और सर्वधर्म समभाव है. भारत की यही बात इसे अन्य देशों से अलग बनाती है. दुनिया के लोगों के लिए अध्ययन का केंद्र बोधगया में बनेगा.

Tibetans are lucky to be refugees in India
Tibetans are lucky to be refugees in India
author img

By

Published : Jan 3, 2023, 3:58 PM IST

बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा

गया: बिहार के बोधगया में दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एन्सिएन्ट विजडम की बनने वाली बिल्डिंग का बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने शिलान्यास किया. इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग के मॉडल पर पुष्प अर्पित कर शिलान्यास किया गया. इस दौरान बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा मंत्रोच्चारण कर रहे थे. बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि हम तिब्बती लोग भारत में शरणार्थी हैं, लेकिन यह सौभाग्य की बात है. क्योंकि आर्य देश भारत में है, जहां अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की बात कही जाती है. संभवत यह देश का पहला ऐसा संस्थान बनने जा रहा है. इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.

पढ़ें- बोधगया के कालचक्र मैदान में विशेष प्रार्थना, बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के दीर्घायु होने की कामना

'भारत में अहिंसा और सर्वधर्म समभाव': शिलान्यास के बाद अपने संबोधन में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि भारत में अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की बात कही जाती है. भारत की यही बात इसे अन्य देशों से अलग बनाती है. दुनिया के लोगों के लिए अध्ययन का केंद्र बोधगया में बनेगा. अहिंसा का जो सिद्धांत है, उसका पालन करना चाहिए. (Tibetans are lucky to be refugees in India)

"भारत में हमेशा हिंसा से मना किया जाता है. बौद्ध धर्म धर्मनिरपेक्ष का सिद्धांत है. भारत में हम तिब्बती लोग शरणार्थी हैं, लेकिन सौभाग्य है कि हम आर्य देश भारत में हैं, जहां अहिंसा की बात की जाती है. सर्वधर्म समभाव की भी बात कही जाती है. भारत के लोग जिस प्रकार प्राचीन काल में अहिंसा का पालन करते थे, वह अभी भी करते रहे हैं."- बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा

'दिन के 6 पहर करें करुणा का अभ्यास': बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने बौद्ध श्रद्धालुओं को कहा कि सुख शांति व विकास के लिए पहले बुराइयों को नष्ट करें. मन में मौजूद स्वार्थ ही दुखों का कारण है. मन-चित्त शांत नहीं रहने पर शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है. सुख, शांति चाहते हैं, तो दूसरे का हित करें. हमें करुणा का अभ्यास दिन के सभी 6 पहर में और प्रज्ञा का इस्तेमाल करना चाहिए.

यह होगा उद्देश्य: दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एन्सिएन्ट विजडम का उद्देश्य बुद्धिज्म की पढ़ाई एवं भारत-तिब्बत परंपरा की शोध आदि है. प्राचीन भारतीय एवं तिब्बत ज्ञान को उन्नत करने के लिए स्थापित किया जाना है. तिब्बत के उन्नत संस्कृति के साथ भारतीय संस्कृति को समावेश से विश्व को होने वाले योगदान से संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाना है. यह संस्थान विश्व स्तरीय केन्द्र रहेगा, जिसमें प्राचीन भारतीय सोच एवं बुद्धि के उन्नति के लिए शिक्षा अनुसंधान एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

'भगवान बुद्ध ने बोधगया में बौद्ध धर्म को विश्व का केंद्र बनाया था': केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2550 साल पहले भगवान गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म को बोधगया में विश्व का केंद्र बनाया था. आज उसी परम्परा को दलाईलामा आगे बढ़ा रहे हैं और वो खुद हमारे बीच उपस्थित हैं, जो बड़ी बात है.

"बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा ने भारतीय लोकाचार को पूरे विश्व मे जीवित रखा है. भारत सरकार व देश की 135 करोड़ से अधिक जनता बौद्ध धर्म गुरु की ऋणी व कृतज्ञ है. भारत विश्व गुरु है, दलाई लामा विश्व गुरु हैं."- किरेन रिजिजू, केंद्रीय कानून मंत्री

भारत और तिब्बत परंपरा को विकसित करने का करेगा काम: वहीं, बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदेश को पढ़ कर कहा कि धर्म के बिना प्रेम, करूणा, दया, क्षमा, शांति व ज्ञान सम्भव नहीं है. मुख्यमंत्री के संदेश में कहा कि यह विद्या का केंद्र आने वाले दिनों में तिब्बत व भारतीय परंपरा को विकसित करने में अहम भूमिका अदा करेगा.

"प्रेम, करूणा, दया, क्षमा, शांति व ज्ञान धर्म के बिना संभव नहीं है.तिब्बत व भारतीय परंपरा को विकसित करने में यह केंद्र अहम भूमिका निभाएगा."- कुमार सर्वजीत, कृषि मंत्री, बिहार

बोधगया में 'मिनी वर्ल्ड' का नजारा: 22 दिसंबर को बौद्ध धर्म गुरु का बोधगया आगमन हुआ था. उनके आगमन के पूर्व विदेशी श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. इन दिनों बोधगया में 'मिनी वर्ल्ड' का नजारा समाहित हुआ है. तकरीबन 48 देशों के बौद्ध श्रद्धालु और पर्यटक वहां पहुंचे हैं. बोधगया में इन दिनों बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा प्रवास कर रहे हैं. अलग-अलग देशों की संस्कृति की झलक से अंतर्राष्ट्रीय स्थली बोधगया में रौनक बनी हुई है. बताया जा रहा है कि 20 जनवरी तक दलाई लामा बोधगया प्रवास करेंगे. दलाई लामा तिब्बतियन मोनिस्ट्री (dalai lama in bodhgaya) में प्रवास कर रहे हैं. उनके प्रवास के बीच विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आने की संख्या में कमी नहीं हो रही है, लगातार उनका आगमन जारी है.

बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा

गया: बिहार के बोधगया में दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एन्सिएन्ट विजडम की बनने वाली बिल्डिंग का बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने शिलान्यास किया. इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग के मॉडल पर पुष्प अर्पित कर शिलान्यास किया गया. इस दौरान बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा मंत्रोच्चारण कर रहे थे. बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि हम तिब्बती लोग भारत में शरणार्थी हैं, लेकिन यह सौभाग्य की बात है. क्योंकि आर्य देश भारत में है, जहां अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की बात कही जाती है. संभवत यह देश का पहला ऐसा संस्थान बनने जा रहा है. इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.

पढ़ें- बोधगया के कालचक्र मैदान में विशेष प्रार्थना, बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के दीर्घायु होने की कामना

'भारत में अहिंसा और सर्वधर्म समभाव': शिलान्यास के बाद अपने संबोधन में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि भारत में अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की बात कही जाती है. भारत की यही बात इसे अन्य देशों से अलग बनाती है. दुनिया के लोगों के लिए अध्ययन का केंद्र बोधगया में बनेगा. अहिंसा का जो सिद्धांत है, उसका पालन करना चाहिए. (Tibetans are lucky to be refugees in India)

"भारत में हमेशा हिंसा से मना किया जाता है. बौद्ध धर्म धर्मनिरपेक्ष का सिद्धांत है. भारत में हम तिब्बती लोग शरणार्थी हैं, लेकिन सौभाग्य है कि हम आर्य देश भारत में हैं, जहां अहिंसा की बात की जाती है. सर्वधर्म समभाव की भी बात कही जाती है. भारत के लोग जिस प्रकार प्राचीन काल में अहिंसा का पालन करते थे, वह अभी भी करते रहे हैं."- बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा

'दिन के 6 पहर करें करुणा का अभ्यास': बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने बौद्ध श्रद्धालुओं को कहा कि सुख शांति व विकास के लिए पहले बुराइयों को नष्ट करें. मन में मौजूद स्वार्थ ही दुखों का कारण है. मन-चित्त शांत नहीं रहने पर शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है. सुख, शांति चाहते हैं, तो दूसरे का हित करें. हमें करुणा का अभ्यास दिन के सभी 6 पहर में और प्रज्ञा का इस्तेमाल करना चाहिए.

यह होगा उद्देश्य: दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एन्सिएन्ट विजडम का उद्देश्य बुद्धिज्म की पढ़ाई एवं भारत-तिब्बत परंपरा की शोध आदि है. प्राचीन भारतीय एवं तिब्बत ज्ञान को उन्नत करने के लिए स्थापित किया जाना है. तिब्बत के उन्नत संस्कृति के साथ भारतीय संस्कृति को समावेश से विश्व को होने वाले योगदान से संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाना है. यह संस्थान विश्व स्तरीय केन्द्र रहेगा, जिसमें प्राचीन भारतीय सोच एवं बुद्धि के उन्नति के लिए शिक्षा अनुसंधान एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

'भगवान बुद्ध ने बोधगया में बौद्ध धर्म को विश्व का केंद्र बनाया था': केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2550 साल पहले भगवान गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म को बोधगया में विश्व का केंद्र बनाया था. आज उसी परम्परा को दलाईलामा आगे बढ़ा रहे हैं और वो खुद हमारे बीच उपस्थित हैं, जो बड़ी बात है.

"बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा ने भारतीय लोकाचार को पूरे विश्व मे जीवित रखा है. भारत सरकार व देश की 135 करोड़ से अधिक जनता बौद्ध धर्म गुरु की ऋणी व कृतज्ञ है. भारत विश्व गुरु है, दलाई लामा विश्व गुरु हैं."- किरेन रिजिजू, केंद्रीय कानून मंत्री

भारत और तिब्बत परंपरा को विकसित करने का करेगा काम: वहीं, बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदेश को पढ़ कर कहा कि धर्म के बिना प्रेम, करूणा, दया, क्षमा, शांति व ज्ञान सम्भव नहीं है. मुख्यमंत्री के संदेश में कहा कि यह विद्या का केंद्र आने वाले दिनों में तिब्बत व भारतीय परंपरा को विकसित करने में अहम भूमिका अदा करेगा.

"प्रेम, करूणा, दया, क्षमा, शांति व ज्ञान धर्म के बिना संभव नहीं है.तिब्बत व भारतीय परंपरा को विकसित करने में यह केंद्र अहम भूमिका निभाएगा."- कुमार सर्वजीत, कृषि मंत्री, बिहार

बोधगया में 'मिनी वर्ल्ड' का नजारा: 22 दिसंबर को बौद्ध धर्म गुरु का बोधगया आगमन हुआ था. उनके आगमन के पूर्व विदेशी श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. इन दिनों बोधगया में 'मिनी वर्ल्ड' का नजारा समाहित हुआ है. तकरीबन 48 देशों के बौद्ध श्रद्धालु और पर्यटक वहां पहुंचे हैं. बोधगया में इन दिनों बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा प्रवास कर रहे हैं. अलग-अलग देशों की संस्कृति की झलक से अंतर्राष्ट्रीय स्थली बोधगया में रौनक बनी हुई है. बताया जा रहा है कि 20 जनवरी तक दलाई लामा बोधगया प्रवास करेंगे. दलाई लामा तिब्बतियन मोनिस्ट्री (dalai lama in bodhgaya) में प्रवास कर रहे हैं. उनके प्रवास के बीच विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आने की संख्या में कमी नहीं हो रही है, लगातार उनका आगमन जारी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.