गया: बिहार के गया में नक्सली प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है. खबर आ रही है कि पांच राज्यों की पुलिस पूछताछ करेगी. बुधवार की देर रात पुलिस ने भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी के शीर्ष लीडर प्रमोद मिश्रा और उनके साथी अनिल यादव को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली आइबी के इनपुट पर यह सफलता सुरक्षाबलों के हाथ लगी थी. गया एसएसपी ने बताया कि प्रमोद मिश्रा ने अलग-अलग राज्यों में कई घटना को अंजाम दिया है. करीब 48 के दर्ज हैं. इसलिए कई राज्यों की पुलिस के द्वारा पूछताछ की जाएगी.
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2017 से गायब थाः बता दें कि वर्ष 2017 में जेल से छूटने के बाद प्रमोद मिश्रा गायब था. बिहार में ढलान पर जा रहे नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को वह पुनर्जीवित करने की कोशिश में जुटा था. ऐसे में प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका है. देश के कई राज्यों में नक्सली आतंक का साम्राज्य कायम करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन पुलिस ने सारा काम बिगाड़ दिया.
नक्सली आतंक का साम्राज्य बना रखा थाः देश के करीब आधा दर्जन राज्यों में नक्सली आतंक का साम्राज्य कायम करने की कोशिश में अहम भूमिका निभाने वाले प्रमोद मिश्रा अब कानून के शिकंजे में है. अब कई राज्यों की पुलिस ट्रांजिट डिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. संभवत पांच राज्यों की पुलिस ऐसा कर सकती है, जिसमें झारखंड, छत्तीसगढ़, और आंध्र प्रदेश समेत अन्य राज्य शामिल है. प्रमोद मिश्रा को गया सेंट्रल जेल से किसी दूसरे सुरक्षित जेल में रखने की भी तैयारी है. गया एसएसपी आशीष भारती ने भी इसके संकेत दिए हैं.
"नक्सली लीडर प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी कई और राज्यों के लिए मायने रखती है. विभिन्न नक्सली गतिविधियों को प्रमोद मिश्रा के द्वारा अलग-अलग राज्यों में अंजाम दिया गया है. सिर्फ गया और औरंगाबाद में 48 केस दर्ज है, जबकि इसकी गतिविधियां देश के कई राज्यों में बताई जाती है. प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी की जानकारी पड़ोसी राज्यों को दे दी गई है." -आशीष भारती, एसएसपी, गया
53 सालों से नक्सली संगठन से जुड़ाः कुख्यात माओवादी लीटर प्रमोद मिश्रा पिछले 53 सालों से नक्सली संगठन से जुड़ा है. 1970 से यह विभिन्न नक्सली संगठन में जुड़ने चला था. 75 वर्ष की उम्र के आसपास प्रमोद मिश्रा अपने काम के अंदाज को लेकर बढ़ते चला गया और नक्सली संगठन में केंद्रीय कमेटी के शीर्ष नेता में शामिल हो गया. इस्टर्न मेंबर ब्यूरो चीफ का बना.
नक्सली ने क्या कहा? गुरुवार की शाम जब पुलिस और सुरक्षा बल के अधिकारी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी के संबंध में प्रेस वार्ता कर रहे थे, तब प्रमोद मिश्रा के दो शब्द एक तीर से कई कमान चला गए. प्रमोद मिश्रा ने बेखौफ अंदाज में यह कह दिया कि जनवाद का गला घोंटा जा रहा है. एक पक्ष का ही सुना जाता है. दूसरे पक्ष (नक्सलियों) का कोई नहीं सुनता.