गया: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञानभूमि बोधगया स्थित लाओस देश की मोनेस्ट्री में सोमवार को कठिन चीवर दान समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष रूप से मोनेस्ट्री के प्रांगण में भगवान बुद्ध की मूर्ति के सामने विशेष रूप से पूजा अर्चना की. इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं को कठिन चीवर (यानी कि बौद्ध भिक्षुओं को पहनने के लिए गेरुआ रंग का कपड़ा) दान दिया गया.
चीवर दान बौद्धों के लिए पवित्र परंपरा
लाओस मोनेस्ट्री के प्रभारी भंते साईं साना ने बताया कि बारिश के महीने के बाद बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवर दान करने की परंपरा है. यही चीवर पहनकर बौद्ध भिक्षु पूरे साल प्रवचन और मेडिटेशन करते हैं. चीवर दान बौद्धों के लिए काफी पवित्र परंपरा रही है.
150 बौद्ध भिक्षुओं के बीच किया गया चीवरदान
लाओस मॉनेस्ट्री के केयरटेकर संजय कुमार ने बताया कि कठिन चीवरदान समारोह में लाओस, वियतनाम, श्रीलंका, थाईलैंड सहित कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु शामिल हुए. लगभग 150 बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवर दान दिया गया है. उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में 3 महीने तक बौद्ध भिक्षु एक ही जगह पर रहकर पूजा-पाठ करते हैं. इस दौरान वे कहीं भी भ्रमण नहीं करते हैं. बारिश का महीना बीत जाने के बाद बौद्ध भिक्षु को चीवर देने की परंपरा रही है.