गया: बिहार के गया दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गई. इस जयंती समारोह में बिहार के राज्यपाल डॉ राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल हुए. राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए और समाज के लिए कुछ सोचना व करना चाहिए. इस दौरान उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किया. दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया.
'चिंता नहीं चिंतन करनी चाहिए': इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय चिंतन जरूरी है. कुछ लोग सिर्फ चिंता करते हैं, चिंतन नहीं. चिंता से कुछ नहीं होता, चिंतन मंथन कर समाज के लिए कुछ नया करना होगा. राज्यपाल ने अपने संबोधन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी को अपनाने की लोगों से अपील की. उनकी जीवनी के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
"राष्ट्र चिंतन का अर्थ यही है कि राष्ट्र के बारे में हमें चिंंतन करना है, चिंता नहीं करना है. चिंता करने वाले बहुत लोग होते हैं, लेकिन हमलोगों को चिंतन करना है. हमारी देश की समस्याओं के बारे में चिंता न करते हुए चिंतन करने की जरूरत है. दीनदयाल उपाध्याय ने भी यही अपनी किताब राष्ट्र चिंतन नामक पुस्तक में लिखा था." -डॉ राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल
मधुबन अल्पाहार गृह का लोकार्पणः दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित मधुबन अल्पाहार गृह का लोकार्पण किया गया. साथ ही मुक्ताकाशी व्यायामशाला का भी लोकार्पण हुआ. इसके बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय की दृष्टि में 2047 में भारत का स्वरूप विषय पर एकल व्याख्यान किया गया. इस मौके पर गया के जिला पदाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम, प्रभारी एसएसपी हिमांशु व दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं व पदाधिकारी मौजूद थे.