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जीतन राम मांझी ने दिया विवादित बयान- 'लगता है...बहिरा हो गए हैं, मैं नहीं मानता'

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. मांझी ने गया में अल्लाह को लेकर बड़ा विवादित बयान दिया है. पढ़ें रिपोर्ट..

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Published : Jul 24, 2021, 4:36 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 6:51 PM IST

गया: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के छठे स्थापना दिवस (Foundation Day) के मौके पर गया शहर के एक निजी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अपने भाषण में अल्लाह को लेकर विवादित बयान दिया है.

ये भी पढ़ें- जीतन राम मांझी के बिगड़े बोल- 'पता रहता मंदिर में जाने पर धुलवाया जाता तो उधर मुंह करके नहीं करता...'

दरअसल, जीतन राम मांझी ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के स्थापना दिवस पर गया में हिन्दू धर्म के बाद अब इस्लाम धर्म पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ''जो कर्म करता है, वही पूजा है. महात्मा गांधी ने कहा था काम ही पूजा है ये नहीं कि मंदिर में जाकर घंटी बजाएं या मस्जिद में जाकर अल्लाह को याद करें. लगता है कि अल्लाह बहिरा हो गए हैं. बाबा साहब अंबेडकर के राहों पर चलना चाहिए. मैं धर्म नहीं मानता हूं.''

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी

मांझी ने अपने भाषण में कहा कि कॉमन स्कूल सिस्टम लागू कर दिया जाए. उसके 20 साल बाद देश से आरक्षण हटा दिया जाए. समस्या का समाधान करना चाहिए ना कि समस्या विवाद पैदा करना चाहिए.

वहीं, धर्मांतरण पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि स्वेच्छा से जिसको जहां से चाहे वो जा सकता है. ये लोगों का संवैधानिक हक है. जब तक देश में जाति प्रथा रहेगी और लोग जाति प्रथा से परेशान होंगे, इसी तरह से बदलाव करते रहेंगे.

ये भी पढ़ें- ...तो इस बात पर RJD नेता ने जीतन राम मांझी को कहा 'माइंडलेस', HAM ने दिया करारा जवाब

बता दें कि इससे पहले भी जीतनराम मांझी ने गया में धर्मांतरण (Religion Conversion) के मुद्दे पर कहा था कि जैसे हम जिस घर में हैं, वहां मान-मर्यादा नहीं है, कहीं और मिलती है तो स्वाभाविक तौर पर लोग जा रहे हैं. आजादी के इतने वर्षों बाद भी जात-पात, छुआछूत, ऊंच-नीच सारी बाते हैं. अब बिहार का मुख्यमंत्री किसी मंदिर में जाता है और मंदिर को धोया जाता है तो ये क्या है, कैसा वो मंदिर है. अगर जान जाता तो जाता ही नहीं, लघुशंका करने भी नहीं जाता.

गया: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के छठे स्थापना दिवस (Foundation Day) के मौके पर गया शहर के एक निजी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अपने भाषण में अल्लाह को लेकर विवादित बयान दिया है.

ये भी पढ़ें- जीतन राम मांझी के बिगड़े बोल- 'पता रहता मंदिर में जाने पर धुलवाया जाता तो उधर मुंह करके नहीं करता...'

दरअसल, जीतन राम मांझी ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के स्थापना दिवस पर गया में हिन्दू धर्म के बाद अब इस्लाम धर्म पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ''जो कर्म करता है, वही पूजा है. महात्मा गांधी ने कहा था काम ही पूजा है ये नहीं कि मंदिर में जाकर घंटी बजाएं या मस्जिद में जाकर अल्लाह को याद करें. लगता है कि अल्लाह बहिरा हो गए हैं. बाबा साहब अंबेडकर के राहों पर चलना चाहिए. मैं धर्म नहीं मानता हूं.''

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी

मांझी ने अपने भाषण में कहा कि कॉमन स्कूल सिस्टम लागू कर दिया जाए. उसके 20 साल बाद देश से आरक्षण हटा दिया जाए. समस्या का समाधान करना चाहिए ना कि समस्या विवाद पैदा करना चाहिए.

वहीं, धर्मांतरण पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि स्वेच्छा से जिसको जहां से चाहे वो जा सकता है. ये लोगों का संवैधानिक हक है. जब तक देश में जाति प्रथा रहेगी और लोग जाति प्रथा से परेशान होंगे, इसी तरह से बदलाव करते रहेंगे.

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बता दें कि इससे पहले भी जीतनराम मांझी ने गया में धर्मांतरण (Religion Conversion) के मुद्दे पर कहा था कि जैसे हम जिस घर में हैं, वहां मान-मर्यादा नहीं है, कहीं और मिलती है तो स्वाभाविक तौर पर लोग जा रहे हैं. आजादी के इतने वर्षों बाद भी जात-पात, छुआछूत, ऊंच-नीच सारी बाते हैं. अब बिहार का मुख्यमंत्री किसी मंदिर में जाता है और मंदिर को धोया जाता है तो ये क्या है, कैसा वो मंदिर है. अगर जान जाता तो जाता ही नहीं, लघुशंका करने भी नहीं जाता.

Last Updated : Jul 24, 2021, 6:51 PM IST
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