गयाः कोरोना वायरस के बचाव को लेकर देशभर में लॉक डाउन लागू कर दिया गया है. जिसका असर आम जन-जीवन पर सीधे तौर पर पड़ रहा हैं. अप्रैल और मई माह में सनातन धर्म के हिसाब से शादी का लग्न होता है. इस लग्न मे शादी तो हो रहा है. लेकिन लॉक डाउन के वजह शहनाई, बैंड बाजा और बारात के बिना शादी हो रही है.
देशभर में लॉक डाउन लागू
लॉक डाउन में जहां लोग अपने घरों में लॉक हैं. वहीं, लॉक डाउन में होने वाली शादियों में शहनाई की गूंज भी लॉक हो गई है. गया जिले में लगभग हर दिन बिना तामझाम के शादी की जा रही है. लॉक डाउन में दूल्हा-दुल्हन अपने अरमानों को पीछे छोड़ वैवाहिक बंधन में बंध रहे हैं. इस महामारी में भी लोग सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाकर मजबूरी में शादी कर रहे है. ऐसे ही गया शहर में रहने वाले नवविवाहित जोड़ो ने भी हाल में शादी की हैं.
बिना तामझाम के हो रही शादी
गया शहर के कोयरिबारी के रहने वाले रमेश प्रसाद के पुत्र रतनदीप सिन्हा की शादी जिले के मानपुर प्रखंड के जनकपुर निवासी श्याम सुंदर प्रसाद की पुत्री वैदेही सिन्हा के साथ संपन्न हुई है. दूल्हा रतनदीप ने बताया कि इस महामारी में मजबूरी में ही शादी करना पड़ा. घर से पांच लोग सिर्फ लड़की घर गए. वहां मुश्किल से 5 से सात लोग थे. शादी की जो रस्मे थी उसे पूरा किया गया है. मजबूरी ये था कि शादी की सभी तैयारी हो गयी थी. शादी रोकने का मतलब फिर शून्य से शुरु करना पड़ता.
वहीं, दुल्हन वैदेही ने बताया कि मेरी नानी की तबियत खराब थी. उनकी जिद्द थी की शादी होनी चाहिए. हमलोग ने बाराती का स्वागत तो किया ही. साथ ही उनको मास्क और सेनेटाइज भी दिया.